ETF शेयरों की एक बास्केट होती है, जो किसी कंपनी के स्टॉक की तरह ही ट्रेड करते हैं. इस तरह, ETF में एक स्टॉक और एक फ़ंड दोनों की ख़ूबियां जुड़ी होती हैं.
ETF एक इंडेक्स को ट्रैक करते हैं. इसलिए, अगर आप भारतीय इकोनॉमी पर पॉज़िटिव हैं तो बाज़ार जैसा रिटर्न पाने का ये आसान ज़रिया है.
ETF का एक बड़ा फ़ायदा एक्टिव मैनेजमेंट वाले फ़ंड्स की तुलना में उनकी कॉस्ट कम होना है. ETFs में ट्रांज़ेक्शन बहुत कम होते हैं. इसलिए, कॉस्ट कम होती है.
अगर शेयरों में निवेश करते हैं, तो सही डाइवर्सिफ़िकेशन के लिए कई कंपनियों के स्टॉक ख़रीदने होंगे. वहीं, ETF में तुरंत डाइवर्सिफ़िकेशन मिल जाता है.
ETF का पोर्टफ़ोलियो, अपने इंडेक्स जैसा होता है. इससे आपको ये पता चला जाता है कि आपको क्या मिल रहा है और निवेश कैसा चल रहा है.