आपके दो विकल्प क्या हैं?

पहला ऑप्शन - स्‍टॉक्स या शेयर में निवेश. हालांकि, इनमें उतार-चढ़ाव होता है. दूसरा ऑप्शन - म्‍यूचुअल फ़ंड्स. इनमें पोर्टफ़ोलियो डाइवर्सिफ़ाई होने से रिस्‍क कम हो जाता है.

कैसे शुरू करें म्‍यूचुअल फ़ंड इन्‍वेस्‍टमेंट?

पहली बार निवेश करने वालों को कम जोख़िम वाली स्‍कीमें चुननी चाहिए. ऐसी स्कीमें जो अच्‍छा रिटर्न दें. एक बार म्‍यूचुअल फ़ंड में निवेश का स्‍वाद चख लेने के बाद ही दूसरे निवेश में सभावना तलाशनी चाहिए.

हाइब्रिड फ़ंड

ये फ़ंड क़रीब 65% इक्विटी में, और बाक़ी 35% निवेश डेट में या बॉन्‍ड्स में करते हैं, जिन्हें सरकार या कंपनियां जारी करती हैं. ये स्‍टॉक मार्केट पर निर्भर नहीं होते, इसीलिए उतार-चढ़ाव से काफ़ी हद तक बच जाते हैं.

टैक्‍स सेविंग फ़ंड

टैक्‍स सेविंग फ़ंड को ELSS के नाम से भी जानते हैं. इस तरह के फ़ंड, दूसरों के मुक़ाबले ज़्यादा सुरक्षित लार्ज-कैप स्‍टॉक्‍स में निवेश करते हैं. ये फ़ंड, इनकम टैक्‍स एक्‍ट के सेक्‍शन-80C के तहत, वित्त-वर्ष में ₹1.5 लाख तक की टैक्‍स छूट देते हैं.