Published 03 June 2024
By: Abhijeet Pandey
कई लोग बाज़ार में गिरावट आने पर निवेश करना चाहते हैं जिससे वो ज़्यादा से ज़्यादा मुनाफ़ा कमा सकें. लेकिन ये कोई नहीं जानता है कि बाज़ार कब गिरेगा और कितना गिरेगा.
कई लोग ये दावा करते हैं कि उन्हे बाज़ार का सही अनुमान है. दरअसल, वो कैलकुलेशन, ग्राफ़ और अनुभव का इस्तेमाल करते हैं. इनपर भरोसा न करें. ऐसा कोई नहीं है जो बाज़ार का लगातार सही अनुमान लगा सके.
जब आप SIP के ज़रिए निवेश करते हैं तो आपके निवेश की लागत अपने आप औसत हो जाती है. जब आप SIP के ज़रिए नियमित तौर पर यानी हर महीने किसी फ़ंड में निवेश करते हैं तो आप अलग-अलग क़ीमतों पर यूनिट ख़रीदते हैं.
बाज़ार लगातार बढ़ने पर आप ज़्यादा मुनाफ़ा कमाते हैं. लेकिन निवेश की दुनिया में ऐसा नहीं है. उतार-चढ़ाव बाज़ार का स्वभाव है. बेहतर होगा निवेश को एक तय समय में फैला दें. बाज़ार में गिरावट का फ़ायदा मिल सकता है.
SIP में ये बात तो तय है कि पका सारा पैसा बाज़ार के निचले स्तर पर निवेश नहीं होगा. SIP निवेश को ऑटोमोड में ले आती है. और SIP निवेश की लागत को औसत करके बेहतर रिटर्न हासिल करने में मदद करती है.