Published: 16th Oct 2024
By: Value Research Dhanak
ELSS फ़ंड्स को लॉक-इन पीरियड पूरा होने के बाद आंशिक या पूरी तरह से रिडीम किया जा सकता है और ये क्यों ज़रूरी है? आइए जानते हैं.
क्या मैं लॉक-इन पीरियड के दौरान अपनी ELSS म्यूचुअल फ़ंड होल्डिंग को रिडीम कर सकता हूं? इसका प्रॉसेस क्या है? साथ ही, इसके नुक़सान क्या हैं?
ELSS फ़ंड को लॉक-इन पीरियड पूरा होने के बाद आंशिक तौर पर या पूरी तरह रिडीम किया जा सकता है. ELSS में 3 साल का मैंडेटरी लॉक-इन होता है, जो यूनिट एलोकेशन की तारीख़ से गिना जाता है.
अगर ELSS म्यूचुअल फ़ंड में एकमुश्त निवेश किया है, तो सारी यूनिट एक ही दिन एलॉट होंगी और इसलिए 3 साल का लॉक-इन पीरियड पूरा होने पर इसे एक ही बार में रिडीम किया जा सकता है.
मान लेते हैं कि आपने 1 जनवरी, 2022 को ELSS म्यूचुअल फ़ंड में ₹1,00,000 एकमुश्त निवेश किए. तो, 2 जनवरी, 2025 को लॉक-इन पीरियड पूरा होने पर आप सारी यूनिट रिडीम कर सकते हैं.
अगर SIP के ज़रिए निवेश किया है, तो SIP की हर किश्त नया निवेश है. ऐसे में हर किश्त का 3 साल का लॉक-इन पीरियड होगा और ये पीरियड उस दिन से गिना जाएगा जिस दिन आपको यूनिट एलॉट हुई थी.
अगर आपने 1 जनवरी 2022 को ₹1000 की मासिक SIP शुरू की, इस केस में, हर SIP किश्त की तारीख़ और वो तारीख़ जिसके बाद आप अपना निवेश रिडीम कर पाएंगे, वो अलग होगी. तो अगर आपके ELSS निवेश की किश्त 1 जनवरी 2022 को कटी है तो आप 1 जनवरी 2025 के बाद इसे रिडीम कर पाएंगे.
इस पोस्ट का उद्देश्य सिर्फ़ निवेश से जुड़ी जानकारी देना है. इसे निवेश की सलाह न समझें.
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