म्यूचुअल फ़ंड की इक्विटी-थीमैटिक PSU कैटेगरी इन दिनों सुर्खियों में है. दरअसल, 5 PSU Mutual Funds ने बीते एक साल के दौरान 95% से ज़्यादा रिटर्न दिया है.
इसकी वजह, बीते एक साल के दौरान सरकारी कंपनियों के शेयरों में आई दमदार रैली रही. असल में, ये म्यूचुअल फ़ंड स्कीमें, PSU में निवेश के एक आसान तरीक़े के रूप में सामने आई हैं.
PSU म्यूचुअल फ़ंड स्कीम, मुख्य रूप से सरकारी कंपनियों के शेयरों में निवेश करती हैं. भारत सरकार या राज्य सरकारों के स्वामित्व वाली कंपनियों को PSU कहते हैं.
वहीं, PSU म्यूचुअल फ़ंड कैटेगरी का एवरेज रिटर्न बीते एक साल में 95 फ़ीसदी (5 मार्च 2024 तक) से ज़्यादा रहा है. ख़ास बात ये है कि कैटेगरी रिटर्न चार्ट में सबसे ऊपर है.
PSU फ़ंड कैटेगरी में क़रीब 5 स्कीमों को बाज़ार में एक साल हो गया है.
धनक के मुताबिक़, PSU फ़ंड एक तरह के थीमैटिक फ़ंड हैं, जो काफ़ी हद तक एक जैसी कंपनियों में निवेश करते हैं. विपरीत साइकल आने पर इनमें बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.
धनक के मुताबिक़, आम निवेशकों को ऐसे फ़ंड से बचना चाहिए. उन्हें डाइवर्सिफ़ाइड फ़ंड में निवेश करना चाहिए, जो एक हिस्सा PSUs में निवेश करते हैं. इससे PSUs में एक्सपोज़र मिल जाता है.
धनक के मुताबिक़, अगर आपने PSU फ़ंड में निवेश करना तय कर ही लिया है, तो इनमें अपने पोर्टफ़ोलियो का एक छोटा हिस्सा, यानी 10-15% ही निवेश करना सही रहेगा.
यहां म्यूचुल फ़ंड/फ़ंड्स के विभिन्न पहलुओं और रिटर्न के बारे में बताया जा रहा है. इन्हें हमारी तरफ से रेकमंडेशन नहीं मानना चाहिए.