Published on: 25th Mar 2025
AI ट्रेडिंग का मतलब है कि शेयर बाजार में व्यापार (Trading) करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल. इसमें कंप्यूटर प्रोग्राम्स और एल्गोरिदम्स का इस्तेमाल किया जाता है.
AI डेटा को पढ़ता है, ट्रेंड्स को समझता है और बिना इंसानी हस्तक्षेप के सही समय पर ट्रेड करता है. ये बाज़ार में तेज़ी से बदलाव का फ़ायदा उठाता है.
AI की सबसे बड़ी ताक़त है इसकी स्पीड और इसका सटीक होना. इंसान की तुलना में ये बहुत तेज़ी से फ़ैसले लेता है और ग़लतियों की संभावना कम होती है.
बड़े निवेशक और ट्रेडर, जो AI का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें सटीक और तेज़ फ़ैसले लेने का फ़ायदा मिलता है. छोटे निवेशकों के लिए भी ये एक आकर्षक तरीक़ा बनता जा रहा है.
AI निवेशकों को रिस्क कम करने, ज़्यादा से ज़्यादा फ़ायदा उठाने और बाज़ार के उतार-चढ़ाव से बचने में मदद करता है. ये निवेशकों को एक क़दम आगे रखता है.
भारत में भी AI का इस्तेमाल बढ़ रहा है. बड़े बैंक और फ़ाइनेंशियल संस्थान इसे अपने निवेश फ़ैसलों में शामिल कर रहे हैं.
AI की ताक़त शानदार है, लेकिन इसमें भी ख़ामियां हो सकती हैं. ग़लत डेटा या एल्गोरिदम के कारण नुक़सान हो सकता है.
AI का इस्तेमाल शेयर बाज़ार में बढ़ता जाएगा. हालांकि, इंसान का अनुभव और समझ भी महत्वपूर्ण रहेगा. हमें दोनों का सही बैलेंस चाहिए.
AI ट्रेडिंग के बारे में और जानें, लेकिन निवेश से पहले हमेशा अच्छी रिसर्च करें. निवेश की हर योजना में रिस्क होता है.
AI ट्रेडिंग भविष्य की दिशा में एक कदम है, लेकिन यह हर निवेशक के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता. अगर आप लंबी अवधि के निवेश की सोच रहे हैं, तो SIP और म्यूचुअल फ़ंड्स पर ध्यान दें.
ये निवेश की सलाह नहीं बल्कि जानकारी के लिए है. अपने निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च करें.