म्यूचुअल फ़ंड स्‍टेटमेंट की 6 बातें ध्यान में रखना ज़रूरी

क्या है म्यूचुअल फ़ंड स्टेटमेंट?

म्‍यूचुअल फ़ंड स्‍टेटमेंट कुछ हद तक बैंक अकाउंट स्‍टेटमेंट की तरह ही होता है. इसमें आपके म्‍यूचुअल फ़ंड निवेश से जुड़ी सारी डिटेल है. हर फ़ंड हाउस के फ़ंड स्‍टेटमेंट का फ़ॉर्मेट और ले-आउट अलग-अलग हो सकता है.

1. फ़ोलियो नंबर का रिकॉर्ड

आपके लिए फ़ोलियो नंबर का रिकॉर्ड रखना जरूरी है. ये आपके निवेश का रेफरेंस नंबर है. हर बार जब आप नया निवेश करते हैं तो आपको ये सुनिश्चित करना चाहिए कि फ़ोलियो नंबर समान ही हो.

2. बैंक का नाम और अकाउंट नंबर

आपको ये पक्का करना चाहिए कि आपके बैंक का नाम और अकाउंट नंबर सही हो. अगर ऐसा नहीं होता है तो आपको फ़ंड बेचते समय दिक्‍कत का सामना करना पड़ सकता है.

3. KYC कंप्लायंस

आपको ये सुनिश्चित करना चाहिए कि आपने, 'नो योर कस्‍टमर' यानी KYC नियमों का पालन किया है. इसके अलावा म्‍यूचुअल फ़ंड निवेशक के लिए FATCA डिक्‍लेयरेशन भी ज़रूरी है.

4. एजेंट का कोड

अगर आपने किसी एजेंट के जरिए निवेश किया है तो उसका नेम कोड और EUIN नंबर आपको अकाउंट स्‍टेटमेंट में दिखेगा. आप इसे नोट कर सकते हैं.

5. ट्रांज़ैक्शन समरी

आपको ट्रांज़ैक्‍शन समरी देखनी चाहिए. इस सैक्‍शन में पता चलता है कि आपने किस तरह का ट्रांज़ैक्‍शन चुना है. जैसे- SIP, SWP आदि.

6. फ़ंड का लोड स्ट्रक्चर

आपको अपने फ़ंड का लोड स्‍ट्रक्‍चर समझना ज़रूरी है. जैसे अगर आप, एक तय समय से पहले अपना फ़ंड बेच देते हैं तो आपको पेनल्‍टी के तौर पर कुछ रक़म चुकानी होती है. इसे लोड कहते हैं.

डिस्क्लेमर

इस लेख का उद्देश्य निवेश की जानकारियां देना है. ये निवेश की सलाह नहीं है.

पढ़ने के लिए धन्यवाद!