SIP के पांच बड़े फ़ायदे जिन्हें जानना ज़रूरी है

Published 20 March 2024

SIP में निवेश करने से पहले ये करें

अपने आर्थिक लक्ष्य और पैसों की ज़रूरतें तय करें. उनके आधार पर म्यूचुअल फ़ंड का चुनाव करना होगा. आपके निवेश का मक़सद और रिस्क की क्षमता ही आपके म्यूचुअल फ़ंड पोर्टफ़ोलियो का आधार होती है.

1.SIP शुरू करने का सही समय

मार्केट में लगातार उतार-चढ़ाव होते हैं. SIP, आपको मार्केट के उतार-चढ़ाव की परवाह किए बग़ैर निवेश जारी रखने के लिए है, और ये निवेश के ख़र्च को काफ़ी हद तक औसत पर ला देती है.

2. जब मार्केट हाई हों, तो अपनी SIP न तो रोकें और न ही बंद करें

SIP को रोकना (pausing) या बंद करना (Stopping) किसी ज़रूरी वजह से ही होना चाहिए और पैसे को लेकर किसी चालाकी वाली स्ट्रैटजी के तहत नहीं किया जाना चाहिए.

3. अपनी SIP की रक़म को लेकर चालाकी की कोशिश न करें

10 साल तक ₹10,000 की SIP करते रहें. और मार्केट गिरने पर उसे बढ़ देते है और फ़िर बाज़ार उठने पर उसे कम कर देते है. तो कोई फ़र्क नही पड़ता है. उल्टा कॉर्पस की तुलना में आपकी SIP की रक़म कम हो जाती है.

4. अपनी SIP को लेकर धीरज रखें.

आपकी SIP में सबसे महत्वपूर्ण रोल समय का होता है. आप जितने ज़्यादा समय तक निवेश करेंगे, आपका कॉर्पस उतना ही बड़ा होगा. क्योंकि मार्केट में बिताया समय अहमियत रखता है.

5. जब पैसे की ज़रूरत हो तब SIP मायने रखती है

अगर आप SIP पूरे मन से करते रहते हैं और पैसे निकालने पर मार्केट क्रैश कर जाता है तो इससे आपके रिटर्न पर ख़राब असर पड़ेगा. मगर जब मार्केट तेज़ी पर होता है, तो आपका पैसा भी बढ़ जाता है.

डिस्क्लेमर

ये लेख/ पोस्ट म्यूचुअल फ़ंड्स में ध्यान रखने वाली बातों की जानकारी देने के लिए है.