इस दौर में स्टॉक साफ़ तौर पर महंगे दिख रहे हैं, जिससे मौक़े तलाशना मुश्किल है. लेकिन ये ध्यान रहे कि मज़बूत बुनियाद वाली कंपनियां तभी अच्छे रिटर्न देती हैं, जब उन्हें सही क़ीमत पर ख़रीदा जाए.
भारत का क़रीब 12% यूरिया प्रोडक्शन चंबल फर्टिलाइज़र्स द्वारा किया जाता है (FY23). कंपनी अपने रेवेन्यू का लगभग 60% हिस्सा यूरिया फर्टिलाइज़र्स से हासिल करती है.
IGL खास तौर से दिल्ली-NSR क्षेत्र में कंप्रेस्ड नेचुरल गैस यानी CNG बेचती है. सस्ती होने के कारण CNG एक अच्छा ऑटो ईंधन है. इसकी डिमांड बनी रहती है. और लंबे समय से सरकारी नीतियों को फ़ायदा भी हुआ है.
MGL मुंबई, अर्बन ठाणे, इसके आसपास के क्षेत्रों और रायगढ़ में एकमात्र CNG और PNG डिस्ट्रीब्यूटर है. FY2018-23 के बीच MGL के कुल रेवेन्यू में क्रमशः 26 और 23% बढ़ोतरी हुई.
EV से बिल्कुल ख़तरा है, फ़िर भी हमारा मानना है कि ये दोनों दिग्गजों पर गहरा असर नहीं डालेगा. EV का असर सबसे पहले पेट्रोल और डीजल की डिमांड पर पड़ सकता है.
ये पोस्ट सिर्फ़ एक बानगी है. डिटेल जानने के लिए हमारे धनक “स्टॉक वायर” आर्टिकल को पढ़ें. अगली स्लाइड में उसका लिंक दिया गया है. और, ये रेकमंडेशन नहीं है. निवेश से पहले रिसर्च ज़रूर करें.