निवेश की तुलना, टीम में खेले जाने वाले खेल से की जा सकती है. आइए बेहतर ढंग से इसे समझने के लिए क्रिकेट की मिसाल लेते हैं.
क्रिकेट मैच में, एक खिलाड़ी शतक बनाकर अपनी पूरी टीम को जीत दिला सकता है. हालांकि टीम के हरेक खिलाड़ी के योगदान के बिना जीत की गारंटी नहीं होती. मैच के दौरान कुछ खिलाड़ी कैच छोड़ सकते हैं या कम स्कोर बना सकते हैं, इससे मैच का रुख़ पलट सकता है. और अंत में खेल का नतीजा क्या रहा, यही सबसे ज़्यादा मायने रखने वाली बात होती है.
ठीक यही नियम आपके इन्वेस्टमेंट पोर्टफ़ोलियो पर भी लागू होता है. अपने पोर्टफ़ोलियो को एक टीम-स्पोर्ट की तरह देखें, जिसमें हरेक स्टॉक लॉन्ग-टर्म में पूंजी बढ़ाने में अपना योगदान करता है. हालांकि कुछ स्टॉक ख़राब प्रदर्शन भी करते हैं, पर इसका मतलब ये नहीं कि उन्हें आपके पोर्टफ़ोलियो का हिस्सा नहीं होना चाहिए.
इस लेख में इसी बात पर ज़ोर दिया गया है कि किसी ख़ास स्टॉक के बजाय पूरे पोर्टफ़ोलियो को एक निवश के तौर पर वाला नज़रिया रखें.
एक इन्वेस्टमेंट पोर्टफ़ोलियो बनाने का मक़सद वैल्थ बनाना होता है. कभी-कभी कुछ स्टॉक कम रिटर्न भी दे सकते हैं, पर मोटे तौर पर आपका नज़रिया चीज़ों को विस्तृत नज़रिए से देखने का होना चाहिए. यानी, आपको अलग-अलग शेयरों के प्रदर्शन पर ध्यान देने के बजाय पोर्टफ़ोलियो के कुल रिटर्न को देखना चाहिए.
माइक्रोमैनेजमेंट के जाल से बचें
किसी एक स्टॉक के रिटर्न पर ज़्यादा फ़ोकस करना आपके निवेश के लिए घातक साबित हो सकता है. इस बात को साबित करने के लिए हमने 10 पोर्टफ़ोलियो बनाए और उन्हें मोटे तौर पर तीन कैटेगरी में रखा:
1. मार्केट कैपिटलाइज़ेशन पर आधारित पोर्टफ़ोलियो
वैल्यू रिसर्च के मार्केट कैप वाली कैटेगरी की मदद से, 1 जनवरी 2014 तक हरेक कैटेगरी की टॉप 15 कंपनियों को शामिल करके लार्ज-कैप, मिड-कैप, स्मॉल-कैप और मल्टी-कैप पोर्टफ़ोलियो बनाए गए:
-
लार्ज-कैप पोर्टफ़ोलियो - ₹24,500 करोड़ से ज़्यादा का मार्केट कैप
-
मिड-कैप पोर्टफ़ोलियो - ₹24,500 करोड़ से ₹3,800 करोड़ के बीच मार्केट कैप
-
स्मॉल-कैप पोर्टफ़ोलियो - ₹3,800 करोड़ से ₹260 करोड़ के बीच मार्केट कैप
- मल्टी-कैप पोर्टफ़ोलियो - लार्ज कैप, मिड-कैप और स्मॉल कैप में हरेक से टॉप 5 कंपनियां
ये भी पढ़िए- एक छोटा मगर मुनाफ़ा देने वाला इन्वेस्टमेंट पोर्टफ़ोलियो कैसे बनाएं
2. 'स्टॉक रेटिंग' (Stock Ratings) पर आधारित पोर्टफ़ोलियो
हाल ही में लॉन्च हुए हमारे Stock Ratings टूल का इस्तेमाल करते हुए, हमने 'ग्रोथ एट अ रिज़नेबल प्राइस' (GARP), 'हाई क्वालिटी एट अ रिज़नेबल प्राइस', 'फ़ास्ट-ग्रोइंग मिड एंड स्मॉल कैप', 'स्मॉल कैप हाई ऑन क्वालिटी एंड ग्रोथ' और 'क्वालिटी एट एनी प्राइस' के आधार पर 5 अलग-अलग पोर्टफ़ोलियो बनाए.
GARP पोर्टफ़ोलियो को हमने FY2014 तक की Stock Ratings के आधार पर और नीचे दिए गए फ़िल्टर लगा कर बनाया:
-
7 या उससे ज़्यादा का ग्रोथ स्कोर
-
3 या उससे ज़्यादा का वैल्यूएशन स्कोर
- 5 से ज़्यादा का क्वालिटी स्कोर
3. PAT (प्रॉफ़िट आफ़्टर टैक्स) ग्रोथ पर आधारित पोर्टफ़ोलियो
आख़िर में, हमने अपना '3Y PAT ग्रोथ' पोर्टफ़ोलियो ₹500 करोड़ से ज़्यादा मार्केट कैप वाली और FY2014 तक सबसे ज़्यादा '3Y PAT ग्रोथ' देने वाली कंपनियों को चुनकर बनाया.
अपने अनालिसिस में हम ये मान के चले कि इन 10 पोर्टफ़ोलियो में 10 साल तक कोई छेड़छाड़ नहीं की गई. इस हिसाब से आप इन पोर्टफ़ोलियो का प्रदर्शन देखकर हैरान रह जाएंगे.
10 साल की अवधि में पोर्टफ़ोलियो रिटर्न
कुछ ख़राब स्टॉक के बावजूद, ज़्यादातर पोर्टफ़ोलियो ने इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया
पोर्टफ़ोलियो | स्टॉक की संख्या | 10 साल का रिटर्न (% प्रति वर्ष) | BSE 500 रिटर्न (% प्रति वर्ष) | 10% से कम कंपाउंडिंग रिटर्न देने वाले स्टॉक की संख्या |
---|---|---|---|---|
मार्केट-कैप आधारित पोर्टफ़ोलियो | ||||
लार्ज-कैप | 15 | 12.5 | 14.6 | 6 |
मिड-कैप | 15 | 14.8 | 14.6 | 5 |
स्मॉल-कैप | 15 | 23.5 | 14.6 | 4 |
मल्टी-कैप | 15 | 15.6 | 14.6 | 3 |
स्टॉक रेटिंग' (Stock Ratings) पर आधारित पोर्टफ़ोलियो | ||||
ग्रोथ एट ए रीज़नेबल प्राइस | 12 | 25.5 | 14.6 | 1 |
हाई क्वालिटी एट ए रीज़नेबल प्राइस | 20 | 25.5 | 14.6 | 2 |
फ़ास्ट-ग्रोइंग मिड एंड स्मॉल कैप | 17 | 24.6 | 14.6 | 4 |
स्मॉल कैप हाई ऑन क्वालिटी एंड ग्रोथ | 19 | 24.6 | 14.6 | 6 |
क्वालिटी एट एनी प्राइस | 14 | 27.8 | 14.6 | 5 |
PAT ग्रोथ पर आधारित पोर्टफ़ोलियो | ||||
3 साल की PAT ग्रोथ | 15 | 14.6 | 14.6 | 7 |
नोट: 1 जनवरी 2014 से 31 दिसंबर 2023 की अवधि में दिया गया रिटर्न |
कुछ ख़राब स्टॉक आपके पोर्टफ़ोलियो को नुक़सान नहीं पहुंचाएंगे
हमारे द्वारा बनाए गए 10 पोर्टफ़ोलियो में कुछ 'वेल्थ-डिस्ट्रॉयर' स्टॉक भी शामिल थे, पर इसके बावजूद इन पोर्टफ़ोलियो ने 10-साल की अवधि में काफ़ी अच्छा रिटर्न दिया. आइए इन पोर्टफ़ोलियो/ स्टॉक पर नज़र डालें.
-
'क्वालिटी एट एनी प्राइस' पोर्टफ़ोलियो में,
कावेरी सीड कंपनी (Kaveri Seed Company)
और
ल्यूपिन (Lupin)
जैसे शेयरों ने क्रमशः 5 और 4 फ़ीसदी का मामूली रिटर्न दिया.
-
'स्मॉल कैप' पोर्टफ़ोलियो में,
तिलक वेंचर्स (Tilak Ventures)
और
मैक्लॉइड रसेल इंडिया (Mcleod Russel India)
ने क्रमशः -32 और -22 फ़ीसदी का नेगेटिव रिटर्न दिया.
- 'फ़ास्ट-ग्रोइंग मिड एंड स्मॉल कैप' पोर्टफ़ोलियो में, यस बैंक (Yes Bank) सबसे ख़राब प्रदर्शन करने वाले स्टॉक में से एक था, जिसने -12 फ़ीसदी का सालाना रिटर्न दिया.
इसके अलावा, हरेक पोर्टफ़ोलियो में कम से कम एक स्टॉक ऐसा भी निकला, जो सालाना 10 फ़ीसदी से ज़्यादा रिटर्न नहीं दे पाया. मिसाल के तौर पर, 'क्वालिटी एट एनी प्राइस' पोर्टफ़ोलियो में 36 फ़ीसदी ऐसी कंपनियां थीं जिन्होंने सालाना 10 प्रतिशत से कम रिटर्न दिया. फिर भी, इस पोर्टफ़ोलियो ने पिछले दस साल में सालाना 28 फ़ीसदी का ज़बरदस्त रिटर्न दिया.
हमारा मानना है
एक सफल इन्वेस्टमेंट पोर्टफ़ोलियो बनाने में वक़्त लगता है. इसलिए सब्र बनाए रखना और लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना सबसे बेहतर तरीक़ा है.
अगली बार जब आप किसी स्टॉक को बेचने का फ़ैसला लें, तो पोर्टफ़ोलियो को मोटे तौर पर ज़रूर देखें. हो सकता है कि कुछ स्टॉक काफ़ी वक़्त तक कोई मुनाफ़ा न दें, पर याद रखें कि मज़बूत फ़ाइनेंशियल वाले हाई क्वालिटी स्टॉक रखना हमेशा से ही वेल्थ बनाने का सबसे क़ारगर तरीक़ा साबित हुआ है.
ये भी पढ़िए- आपका पहला Mutual Fund कैसा हो
ये लेख पहली बार फ़रवरी 05, 2024 को पब्लिश हुआ.