यहां हम रीडर्स के अक्सर पूछे जाने वाले सवालों में से एक का जवाब दे रहे हैं
14-नवंबर-2023
हाल के सालों में इंडेक्स फ़ंड्स ने भारी लोकप्रियता हासिल की है. हालांकि, म्यूचुअल फ़ंड अलग-अलग इंडेक्स ट्रैक करते हैं, मगर नीचे दिए कारणों से सेंसेक्स और निफ़्टी सबसे ज़्यादा पसंद किए जाते हैं:
लोगों में इनकी बड़ी जन अपील को देखते हुए, ये कोई चौंकाने वाली बात नहीं कि इक्विटी-आधारित इंडेक्स फ़ंड और ETFs में निवेशकों के ₹5.29 लाख करोड़ में से 79 प्रतिशत पैसा निफ़्टी और सेंसेक्स पर नज़र रखने वाले फ़ंड्स के पास है.
क़रीब-क़रीब एक जैसा फ़र्क़
अब जब हमने निफ़्टी और सेंसेक्स इंडेक्स फंडों की लोकप्रियता जान लिया है, तो आइए दोनों के बीच के अंतर को भी समझें.
शुरुआत के लिए, सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर सबसे ज़्यादा एक्टिव तौर पर क़ारोबार करने वाले 30 शेयरों के प्रदर्शन को ट्रैक करता है. इसके विपरीत, निफ़्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर सबसे ज़्यादा सक्रिय रूप से क़ारोबार करने वाले 50 शेयरों के प्रदर्शन को ट्रैक करता है.
जैसा कि कहा गया है, दोनों इंडेक्स के बीच काफ़ी ओवरलैप है. हक़ीकत में, 30 सितंबर, 2023 तक दो इंडेक्स फ़ंड्स के पोर्टफ़ोलियो के आधार पर, निफ़्टी सभी 30 सेंसेक्स कंपनियों की पसंदीदा जगह है. सीधे शब्दों में कहें तो निफ़्टी और सेंसेक्स 86.67 फ़ीसदी एक जैसे हैं.
थोड़े शब्दों में, पोर्टफ़ोलियो के नज़रिए से दोनों के बीच बहुत कम अंतर है.
थोड़ा या कोई अंतर नहीं
प्रदर्शन के नज़रिए से भी, बहुत कम अंतर है.
ट्रैलिंग रिटर्न - एक खास तारीख़ से किसी दूसरी तारीख़ तक - बेहद नज़दीक हैं.
पांच साल के रोलिंग रिटर्न चार्ट से पता चलता है कि सेंसेक्स थोड़ा आगे है. (रोलिंग रिटर्न, ट्रेलिंग रिटर्न की एक कड़ी है. ये किसी निवेश की स्थिरता का बेहतर इंडिकेटर है)
आपको क्या करना चाहिए
दोनों में कोई ख़ास अंतर नहीं है. चाहे आप कोई भी पैसिवली-मैनेज इंडेक्स फ़ंड चुनें, हमारा सलाह है कि आप अपना निवेश अभी शुरू करें. दोनों आपको लॉन्ग-रन में वैल्थ बनाने में मदद कर सकते हैं.
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