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इन 5 बातों ने गर्क किया SVB का बेड़ा

बैकिंग में स्टार्ट अप कल्चर फॉलो कर रहा था अमेरिका का सिलिकॉन वैली बैंक

इन 5 बातों ने गर्क किया SVB का बेड़ा


अमेरिका के टॉप 20 बैंकों में शामिल सिलिकॉन वैली बैंक डूब गया है. इसका असर यूरोप और दूसरे देशों के बैकिंग सिस्टम पर भी देखा जा रहा है. लेकिन हम यहां आपको SVB के डूबने की इनसाइड स्टोरी बताने जा रहे हैं. जो अब तक बहुत कम लोगों को पता है.

घर से काम कर रहे थे ज्यादातर कर्मचारी
आप लोग शायद ये तो जानते होंगे कि SVB स्टार्ट अप को बड़े पैमाने पर लोन दे रहा था. लेकिन दिलचस्प बात ये है कि बैंक स्टार्ट अप कल्चर को फॉलो भी कर रहा था. जब पिछले सप्ताह बैंक डूबा तो उस समय भी उसके 8,500 कर्मचारियों में से ज़्यादातर अब घर से काम कर रहे थे. बैंक ने घर से काम करने का कल्चर पूरी तरह से अपना लिया था और SVB इस लिहाज़ से अमेरिका के दूसरे टॉप 20 बैंकों से अलग था. कर्मचारी ही नहीं बैंक की टॉप लीडरशिप भी अक्सर घर से काम करती थी.

पिछले महीने बैंक ने अपनी एक सालाना रिपोर्ट पर भी गौर किया था. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि लंबे समय तक घर से काम की व्यवस्था का निगेटिव असर पड़ सकता था. इसके बावजूद बैंक रिस्क मैनेजमेंट की कीमत पर इस कल्चर को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त जोखिम लेने को तैयार था.

जमकर बांटे लोन
SVB ने ऐसी फील्ड में काम करने वाली कंपनियों को लोन दिया, जिनको दूसरे बैंक आम तौर पर लोन देने से बचते हैं. बैंक ने बड़े पैमाने पर ऐसे स्टार्ट अप को लोन दिया जो मुनाफ़ा नहीं कमा रहे थे. इसके अलावा बैंक ने बड़े मॉर्टगेज, कार पेमेंट और स्कूल फ़ीस जैसे घरेलू फाइनेंस के लिए भी उद्यमियों की मदद की.

रिस्क मैनेजमेंट की जगह सामाजिक मसलों पर फ़ोकस
बैंक से जुड़े रहे लोगों की शिकायत है कि जब बैंक तेजी से बढ़ रहा था तो उसका टॉप मैनेजमेंट सामाजिक मसलों पर फ़ोकस कर रहा था. और वे नई रणनीति के लिए महंगे सलाहकारों पर जरूरत से ज़्यादा निर्भर हो गए. जब बैंक के विस्तार के प्रबंधन और इंटरेस्ट रेट रिस्क से बचने के लिए सही तरीके से हेजिंग करने की ज़रूरत थी, उस समय बैंक के अधिकारी सामाजिक न्याय को भी लेकर कुछ ज्यादा ही प्रतिबद्ध थे.

धड़ाधड़ किए अधिग्रहण
SVB अपने तेज विस्तार की वजह से पैदा हुए आंतरिक विरोधाभास से भी जूझ रहा था. पिछले कुछ सालों में बैंक की ग्रोथ बहुत तेज रही है. धड़ाधड़ अधिग्रहण की वजह से बैंक के कर्मचारियों की संख्या 2020 और 2023 के बीच तीन गुना हो गई. इसके अलावा बैंक ने महंगे पैकेज पर दूसरी कंपनियों जैसे क्रेडिट सुइस से बैंकर्स की भर्तियां कीं. इन बैंकर्स को यह गारंटी दी गई कि उनके पैकेज मे सालाना 50 % का इजाफ़ा किया जाएगा.

जरूरी बातों पर नहीं किया फ़ोकस
बैंक के टॉप मैनेजमेंट ने इन चीजों को ज़्यादा अहम माना जो बैंक के लिए जरूरी नहीं थी और जरूरी काम मैनजमेंट की प्राथिमकता में नहीं थे. बैंक को मैनजमेंट के स्तर पर की गई इसी चूक की कीमत चुकानी पड़ी.

ये लेख पहली बार मार्च 23, 2023 को पब्लिश हुआ.

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