पिछले 10 दिन में (20 मार्च 2023 तक) गोल्ड क़रीब 9 फ़ीसदी मज़बूत होकर, MCX पर रिकॉर्ड ₹60,455 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. ये पहली बार हुआ है जब गोल्ड ने ₹60,000 का स्तर पार किया है. वहीं, ग्लोबल मार्केट में भी गोल्ड में तेज़ी बरक़रार है और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद Comex Gold Futures बढ़कर $2,000 per ounce के ऊपर पहुंच गया. ऐसे में इन्वेस्टर्स के बीच निवेश के विकल्प के रूप में गोल्ड पर दांव लगाने का रुझान बढ़ सकता है.
हालांकि, यहां सवाल उठता है कि क्या लंबी अवधि में वास्तव में गोल्ड में इन्वेस्टमेंट करना फ़ायदे का सौदा है? क्या ये महंगाई को मात देने में सफल रहा है? फ्लेक्सी कैप फंड के एवरेज बेंचमार्क रिटर्न की तुलना में पीली धातु कहां टिकती है?
पीली धातु में तेज़ी की वजह क्या?
अमेरिका के बैंकिंग संकट, सुस्त इकोनॉमिक ग्रोथ के संकेत, अमेरिकी फ़ेडरल बैंक की तरफ़ से ब्याज दरों में कमी के संकेत जैसी बातों का असर गोल्ड पर दिख रहा है.
1. एक्सपर्ट्स के मुताबिक़, गोल्ड के दामों का नया रिकॉर्ड इकोनॉमिक ग्रोथ सुस्त होने का संकेत है. ऐसे में गोल्ड अगले कुछ महीने में अच्छा प्रदर्शन करने के साथ-साथ नई ऊंचाई भी हासिल कर सकता है.
2. आमतौर पर गोल्ड अमेरिकी डॉलर के विपरीत प्रदर्शन करता है. यानी अगर डॉलर मज़बूत होता है, तो गोल्ड कमज़ोर होता है, वहीं, डॉलर के कमज़ोर होने पर इसमें मज़बूती आती है.
3. अक्टूबर 2022 के बाद से ही डॉलर इंडेक्स में कमज़ोरी बनी हुई है, और तभी से सोने में मज़बूती बनी हुई है.
4. एक्सपर्ट्स उम्मीद जता रहे हैं कि सिलिकन वैली बैंक के संकट के बाद के हालात को देखते हुए गोल्ड में मजब़ूती का ट्रेंड जारी रह सकता है.
5. कोटक सिक्योरिटीज़ के वाइस प्रेसिडेंट-हेड कमोडिटी रिसर्च, रविंद्र राव के मुताबिक़, क्रेडिट स्विस और UBS के बीच हुई डील इनवेस्टर्स को शांत करने में नाकाम दिख रही है, जिससे निवेश के सुरक्षित विकल्प के तौर पर गोल्ड के लिए डिमांड बढ़ सकती है.
रिटर्न में कितना खरा गोल्ड?
बीते 10 साल के दौरान गोल्ड का रिटर्न कितना दमदार रहा है? आगे दी गई टेबिल पर गौर करें तो तस्वीर काफ़ी हद तक साफ हो जाती है. आंकड़े बताते हैं कि पीली धातु 10 साल में 4 बार महंगाई को मात देने में भी नाकाम रही. बाकी 6 में से 2 साल यानी 2019 और 2020 में गोल्ड को जिओपॉलिटिकल अनिश्चितता, अमेरिका में आर्थिक मंदी और दुनिया में कोरोना महामारी जैसे अप्रत्याशित हालात की वजह से सपोर्ट मिला.
वहीं इक्विटी फ्लेक्सी कैप और गोल्ड की तुलना करें तो दोनों ही 5-5 साल एक दूसरे से आगे रहे हैं. लेकिन 10 में से 3 साल ऐसे रहे हैं, जिनमें गोल्ड का रिटर्न नेगेटिव रहा है । हालांकि, इक्विटी फ्लेक्सी कैप ने सिर्फ एक साल ही निगेटिव रिटर्न दिया है.
स्पष्ट है कि गोल्ड ने ज्यादातर अप्रत्याशित हालात में ही दमदार रिटर्न दिया है. और मुश्किल हालात हमेशा नहीं रहते. ऐसे में गोल्ड में निवेश करके रिटर्न के लिए मुश्किल हालात का इंतजार करना समझदारी नहीं लगती.
अब आप, यानी इनवेस्टर क्या करें?
dhanak.com गोल्ड को निवेश के विकल्प के तौर पर नहीं देखता. हमारी राय है कि इन्वेस्टर्स को क़ीमतों में आई तेज़ी के लालच में फंसकर गोल्ड में निवेश नहीं करना चाहिए. हां, आप गोल्ड ज्वैलरी पहनने के लिए या गिफ़्ट करने के लिए ले सकते हैं. इसकी एक ख़ूबी ये है कि ये मुश्किल समय में काम आता है. आप इसे आसानी से बेचकर अपना काम चला सकते हैं. हालांकि, अगर आप निवेश करना ही चाहते हैं, तो फ़िजिकल आपके लिए गोल्ड की बजाय सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड (sovereign gold bond) ख़रीदना बेहतर होगा. गोल्ड बॉन्ड पर आपको दोहरा फ़ायदा होता है. इस पर जहां 2.5% का प्रति वर्ष ब्याज मिलता है, वहीं गोल्ड की वैल्यू में बढ़ोतरी में भी आपको रिटर्न मिलता है.
हालांकि, आपके पोर्टफ़ोलियो में इसकी हिस्सेदारी 10 फ़ीसदी से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए. गोल्ड बॉन्ड के विपरीत ज्वैलरी ख़रीदने और बेचने पर आने वाली कॉस्ट भी ख़ासी ज्यादा होती है.
ये लेख पहली बार मार्च 23, 2023 को पब्लिश हुआ.