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स्‍टॉक इन्‍वेस्टिंग का चक्रव्‍यूह

नए निवेशक हैं तो इन बातों पर अमल करके स्‍टॉक इन्‍वेस्टिंग में सफ़लता हासिल कर सकते हैं

स्‍टॉक इन्‍वेस्टिंग का चक्रव्‍यूह

बहुत पीछे नहीं जाते हैं. अभी कुछ साल पहले की बात है. कोरोना की पहली लहर के बीच तेज गिरावट से उबरकर मार्केट ने कुलांचे भरना शुरू किया और तेजी का ये दौर काफ़ी लंबा यानी लगभग दो साल तक चला. इस दौर में बड़े पैमाने पर डीमैट अकाउंट खुले हैं. इसकी वजह, स्‍टॉक इन्‍वेस्टिंग में लोगों की बढ़ती दिलचस्‍पी है. आज हमारे देश में डीमैट अकाउंट की संख्‍या 10 करोड़ को पार कर चुकी है. दिलचस्‍प बात ये है कि कोरोना के बाद के दो साल में डीमैट अकाउंट की संख्‍या लगभग दोगुनी हो गई है.

अगर आप भी स्‍टॉक्‍स में निवेश के ज़रिए मुनाफ़ा कमाना चाहते हैं और अपनी वेल्‍थ बढ़ाना चाहते हैं, तो कुछ जरूरी बातों को जानना और इन पर अमल करना बेहद जरूरी है. वरना आपके साथ वही होगा जो लाखों रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स के साथ होता है. वे बढ़ते मार्केट में निवेश करते हैं और मार्केट में बड़ी गिरावट आने पर स्‍टॉक बेचकर निकल जाते हैं. ऐसे ज़्यादातर मामलों में रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स नुक़सान उठाते हैं. तो आइये जानते हैं उन बातों को जिन पर अमल करके आप स्‍टॉक मार्केट में कम जोखिम और शानदार रिटर्न सुनिश्चित कर सकते हैं.

जानें, कैसे काम करता है स्‍टॉक मार्केट
सबसे पहले ये जानिए कि स्‍टॉक मार्केट काम कैसे करता है. एक नए निवेशक के लिए मार्केट की उठा-पटक बहुत हैरान करने वाली हो सकती है. अभी कुछ सप्‍ताह पहले आपने गौर किया होगा कि अडानी ग्रुप की कंपनियों के स्‍टॉक किस कदर गिर रहे थे. और स्‍टॉक मार्केट पर भी इसका असर दिख रहा था. मीडिया में रोज अडानी को हजारों या लाकों करोड़ रुपये के नुक़सान से जुड़ी नई-नई हेडलाइन आ रही थीं. तो अगर आप स्‍टॉक मार्केट की तेजी और गिरावट के चक्र को नहीं समझते हैं तो यहां शुरुआत में ही बड़ा नुक़सान उठाना पड़ सकता है.

अच्‍छी कंपनी का चुनाव
इसके बाद बारी आती है निवेश के लिए अच्‍छी कंपनी या स्‍टॉक का चुनाव. अच्‍छी कंपनी का मतलब है कि जिसका कारोबार और मुनाफ़ा अच्‍छी रफ्तार से बढ़ रहा हो. बहुत ज्‍यादा कर्ज न हो. कंपनी का मैनेजमेंट अच्‍छा हो. और आने वाले समय में इसका करोबार बढ़ने की अच्‍छी संभावनाएं हों तो ऐसी कंपनी पैसे लगाने के लिए अच्‍छी मानी जाती है. और एक नया निवेशक अगर इन बातों के आधार पर कंपनी चुनता है तो उसके लिए ये काफ़ी है. साथ ही ये भी ज़रूरी है कि आप इस बात को भी समझें कि कंपनी किस तरह का कारोबार कर रही है और आपको उस कारोबार के बारे में कितनी जानकारी है.

ब्रोकर या रिश्‍तेदारों की सलाह पर न चुनें स्‍टॉक्‍स
आपको ध्‍यान रखना है कि आपको ब्रोकर्स या रिश्‍तेदारों के कहने पर स्‍टॉक सेलेक्‍ट नहीं करना है. आम तौर पर ऐसे लोगों की सलाह पर स्‍टॉक सेलेक्‍ट करने वाले निवेशकों का अनुभव बुरा ही रहता है. और इसी वजह से लाखों निवेशक मार्केट में निवेश बंद कर देते हैं, वह भी दोबारा कभी लौटकर न आने के लिए.

लंबे समय के लिए लगाएं पैसा
नए निवेशक आम तौर पर किसी बड़े सेलेब्रिटी या किसी स्‍टॉक के बहुत ऊंचे रिटर्न के बारे में जानकर मार्केट में निवेश करने के लिए आते हैं. और एक दो साल में अगर उनकी ये अपेक्षा पूरी नहीं होती है तो ये वापस अपनी दुनिया में लौट जाते हैं. स्‍टॉक इन्‍वेस्टिंग एक दो साल का गेम नहीं है. स्‍टॉक इन्‍वेस्टिंग में आम तौर पर वही लोग सफ़ल रहे हैं जिन्‍होंने अच्‍छी कंपनी चुनकर लंबे समय तक उसमें निवेश बनाए रखा है. जल्‍दी-जल्‍दी स्‍टॉक खरीदने और बेचने से मुनाफ़ा कम और नु़कसान बड़ा होने की आशंका रहती है.

रातों-रात अमीर नहीं बनाता मार्केट
सबसे अहम बात ये जानना है कि मार्केट हो या निवेश का कोई और जरिया. ये आपको रातों रात अमीर नहीं बना सकता. स्‍टॉक मार्केट में निवेश करके लाखों लोग मुनाफ़ा कमा रहे होंगे और लाखों लोग अमीर भी बने हैं. लेकिन यहां एक दो साल में ही किसी ने इतना पैसा कमा लिया हो कि उसकी लाइफ स्‍टाइल में ज़मीन आसमान का फ़र्क आ गया हो, ऐसा देखा नहीं गया है. हां, स्‍टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करके बहुत से लोग बर्बाद जरूर हुए हैं. दिग्‍गज निवेशक वारेन बफे ने स्‍टॉक मार्केट से बहुत बड़ी रक़म बनाई लेकिन उन्‍होंने भी इस काम में वर्षों का समय लगाया है और सब कुछ धीरे-धीरे हुआ है. साफ है कि इसमें समय देना और धैर्य रखना बहुत जरूरी है.

ये लेख पहली बार मार्च 16, 2023 को पब्लिश हुआ.

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