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म्यूचुअल फ़ंड में एग्ज़िट लोड कैसे कैलकुलेट होता है?

Investment से बाहर निकलने पर मुश्किल से बचने के लिए exit load के बारे में ये ज़रूर जानें

म्यूचुअल फ़ंड में एग्ज़िट लोड कैसे कैलकुलेट होता है?

इन्वेस्टमेंट रिडीम करने पर एग्ज़िट लोड कैसे लगाया जाता है? क्या ये NAV पर भी लागू होता है? उदाहरण देकर बताएं- सक्करैपांडियन अशोकन

अगर आप म्यूचुअल फ़ंड निवेश करते हैं, तो आपको एग्ज़िट लोड की जानकारी होनी चाहिए. आइए समझते हैं ये क्या होता है और इसे कैसे कैलकुलेट किया जाता है.

म्यूचुअल फ़ंड में Exit Load क्या है?
एग्ज़िट लोड एक चार्ज है, जो म्यूचुअल फ़ंड हाउसों द्वारा उस स्थिति में लिया जाता है, जब कोई इन्वेस्टर, निवेश की तारीख़ से एक निश्चित अवधि के भीतर, निवेश का एक हिस्सा या पूरा पैसा निकालता है. एग्ज़िट लोड कितने समय तक लागू होगा ये फ़ंड के प्रकार पर निर्भर करता है. ध्यान देने वाली बात है कि समय का कैलकुलेशन, इन्वेस्टमेंट की तारीख़ से किया जाता है, फिर चाहे निवेश एकमुश्त हो या SIP के तौर पर किया गया हो. साथ ही निवेश के समय लागू एग्जिट लोड (रिडेम्शन नहीं) पर भी विचार किया जाता है. यहां तक कि अगर कोई फ़ंड अपने एग्ज़िट लोड के पैरामीटर बदलता है, तो उसे केवल बाद के निवेशों पर ही लागू किया किया जा सकता है, न कि पहले के निवेशों पर.

आइए एग्ज़िट लोड कैलकुलेशन को समझते हैं. इसकी शुरुआत कुछ आसान उदाहरणों के साथ करते हैं, SIP जैसे ज़्यादा मुश्किल कैलकुलेशन पर जाने से पहले एकमुश्त इन्वेस्टमेंट (lump sum) के मामले जैसे कुछ सरल उदाहरण को समझते हैं.

Lump Sum Investment में एग्ज़िट लोड कैलकुलेशन
मान लीजिए, आपने 1 नवंबर 2022 को किसी फ़ंड में एकमुश्त (lump sum) ₹1,00,000 का इन्वेस्टमेंट किया. इन्वेस्टमेंट के समय एग्ज़िट लोड 365 दिनों के लिए 1 प्रतिशत था. 1 नवंबर 2022 को फ़ंड का NAV ₹20 था और इसलिए आपको 5,000 यूनिट (1,00,000 को 20 से विभाजित) एलोकेट की गई थीं.

25 जून 2023 को आपने ₹50,000 निकालने का फ़ैसला किया. मान लीजिए, 25 जून 2023 को NAV ₹25 है. तो, आपने 2,000 यूनिट (50,000 को 25 से विभाजित) भुना लिया है. ऐसे में आपसे भुगतान के समय एग्ज़िट लोड लिया जाएगा, क्योंकि आपने इन्वेस्टमेंट की तारीख़ से 365 दिनों के भीतर एग्ज़िट किया है.

एग्ज़िट लोड = 1 प्रतिशत (2,000 यूनिट x 25 रुपये प्रति यूनिट) = ₹500

रिडेम्शन पर मिलने वाली रक़म = रिडीम की गई यूनिट्स की वैल्यू - एग्ज़िट लोड
यानी, (2000 यूनिट x 25 रुपये प्रति यूनिट) - ₹500

यानी, ₹50,000 - ₹500 = ₹49,500

अब, अगर आपने 1 नवंबर 2023 के बाद, यानी अपने इन्वेस्टमेंट की तारीख़ से 365 दिन पूरे होने पर रिडीम किया था, तो आप पर कोई एग्ज़िट लोड नहीं लगेगा.

ये भी पढ़िए- म्यूचुअल फ़ंड एक्सपेंस रेशियो क्या होता है

SIP में एग्ज़िट लोड का कैलकुलेशन
आइए अब उन जटिलताओं को समझें जब आप अपना इन्वेस्टमेंट क़िश्तों में (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान या SIP के ज़रिए) करते हैं. मान लीजिए, आपने 1 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 1 मार्च 2023 तक हर महीने की पहली तारीख़ के लिए ₹10,000 की SIP की है. इन्वेस्टमेंट के समय, 365 दिनों के लिए एग्ज़िट लोड 1 प्रतिशत था. 25 जून 2023 को आप ₹50,000 निकालने की योजना बना रहे हैं, तो आपका निवेश कितना होगा?

तारीख़ NAV यूनिट कुल यूनिट निवेश की अवधि (दिन)
01-Apr-22 100 100 100 450
01-May-22 101 99 199 420
01-Jun-22 102 98 297 389
01-Jul-22 101 99 396 359
01-Aug-22 97 103 499 328
01-Sep-22 95 105 604 297
01-Oct-22 98 102 706 267
01-Nov-22 99 101 807 236
01-Dec-22 102 98 905 206
01-Jan-23 104 96 1001 175
01-Feb-23 108 93 1094 144
01-Mar-23 106 94 1188 106

यहां दी गई टेबल से स्पष्ट है कि कुल 297 यूनिट 365 दिनों से ज़्यादा के लिए इन्वेस्टमेंट की गई हैं और बाक़ी कम समय के लिए इन्वेस्ट की गई हैं.

मान लीजिए कि 25 जून 2023 को NAV ₹100 है और आपको ₹50,000 की जरूरत है. तो भुनाई (redeem) जाने वाली यूनिट 500 (50,000 को 100 से डिवाइड) है. हालांकि, केवल 297 यूनिट किसी भी एग्ज़िट लोड से फ़्री हैं. इसलिए, एग्ज़िट लोड का कैलकुलेशन नीचे दिए गए तरीक़े से की जाएगी:

रिडीम की जाने वाली यूनिट का नंबर = 500 यूनिट
यूनिट की संख्या जिन पर एग्ज़िट लोड लागू होता है = 500 - 297 = 203 यूनिट

एग्ज़िट लोड = (203 यूनिट x 100 प्रति यूनिट) का 1 प्रतिशत = ₹203

रिडेम्प्शन से मिलने वाली रक़म = रिडीम की गई यूनिट की वैल्यू - एग्ज़िट लोड
यानी, (500 यूनिट x 100 प्रति यूनिट) - ₹203

यानी, ₹50,000 - ₹203 = ₹49,797

जैसा कि आप देख सकते हैं, दोनों ही मामलों में जितनी राशि आप निकालना चाहते थे उससे कम प्राप्त हुई. ऐसा एग्जिट लोड के कारण होता है.

इसके अलावा, लागू एग्ज़िट लोड इन्वेस्टमेंट के समय लागू होने वाले पर आधारित होगा. ऊपर दिए उदाहरण को जारी रखते हुए, मान लीजिए कि 15 जुलाई 2022 को एग्जिट लोड को 365 दिनों के लिए 1.25 प्रतिशत कर दिया गया था. अब एग्जिट लोड का कैलकुलेशन थोड़ा अलग होगा, जो इस तरह से होगा:

रिडीम की जाने वाली यूनिट का नंबर = 500 यूनिट
यूनिट का नंबर जिन पर एग्ज़िट लोड लागू होता है = 500 - 297 = 203 यूनिट

रिडीम यूनिट, जो 15 जुलाई 2022 से पहले हासिल की गई हैं = 396 यूनिट
रिडीम यूनिट, जो 15 जुलाई 2022 के बाद हासिल की गई हैं = 500 - 396 = 104 यूनिट

उन यूनिट्स का नंबर जिन पर 1.25 प्रतिशत एग्ज़िट लोड लागू होगा = 104 यूनिट
यूनिट्स का नंबर जिन पर 1 प्रतिशत एग्ज़िट लोड लागू होगा = 203 - 104 = 99 यूनिट

कुल एग्ज़िट लोड = (99 यूनिट x 100 पर यूनिट) का 1 प्रतिशत + (104 इकाई x 100 पर यूनिट्स) का 1.25 प्रतिशत

ये भी पढ़िए- म्यूचुअल फ़ंड्स में क्या होता है अल्फ़ा?

ये लेख पहली बार दिसंबर 18, 2023 को पब्लिश हुआ.

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