फ़ाइनेंशियल फ़्रीडम यानी आर्थिक आज़ादी। इसका मतलब है कि आपके पास इतना पैसा हो जिससे आप ज़िंदगी भर अपनी जायज़ ज़रूरतें पूरी कर सकें और एक आरामदायक ज़िदगी गुज़ार सकें। कुछ लोगों को फ़ाइनेंशियल फ़्रीडम विरासत में मिलती है। पर ज़्यादातर लोगों को फ़ाइनेंशियल फ्रीडम, अपनी मेहनत से सफलता के झंडे गाड़ कर हासिल होती है। ज़ाहिर है इसमें समय लगता है। आजकल सुर्खियों में छाए क्रिकेटर, सूर्य कुमार यादव एक ऐसी ही शख़्सियत हैं। हालांकि दूनिया में ऐसे सूरमा कम नहीं हैं।
लेकिन आज हम बात कर रहे हैं आपके और हमारे जैसे आम लोगों की फ़ाइनेंशियल फ़्रीडम के बारे में। हम लोग, जो नौकरी कर रहे हैं, या अपने-अपने क़ारोबार में लगे हुए हैं। हममें से ज़्यादातर लोगों सपना होता कि हम अपनी ज़रूरतों को आसानी से पूरा कर सकें और अचानक आने वाली आर्थिक मुश्किलों का सामना करने के लिए तैयार रहें। अब बड़ा सवाल ये है कि ये तैयारी कैसे की जाए। पर हां, ये पक्के तौर पर कहा जा सकता है कि आप ऐसी ज़िंदगी हासिल कर सकते हैं, और वो भी अपने दम पर। इसके लिए आपको किसी दूसरे पर निर्भर होने की जरूरत नहीं है।
बचत और निवेश आपकी ज़िंदगी को ऐसे मोड़ पर पहुंचा सकता है जहां आप की मुलाक़ात आर्थिक आज़ादी से होगी। न सिर्फ मुलाक़ात होगी बल्कि आप आर्थिक आज़ादी महसूस भी कर सकेंगे बल्कि इस आज़ादी का भरपूर मज़ा भी उठा सकेंगे।
तो इसके लिए आपको क्या करना होगा?
आप कम कमाते हैं या ज़्यादा, ये मायने नहीं रखता। आर्थिक आज़ादी हासिल करने के लिए आपको कुछ क़दम उठाने होंगे।
पहला क़दम है
आर्थिक आज़ादी हासिल करने के सफ़र में आपका सबसे पहला क़दम होगा बचत करना। आप जो भी कमाते हैं उसका एक हिस्सा हर महीने बचाएं। ये कितनी भी रक़म हो सकती है। किसी के लिए ये ₹5,000 हो सकते हैं, किसी के लिए ₹10,000 और किसी दूसरे के लिए ₹50,000 या इससे भी ज़्यादा। इसके बिना आप फ़ाइनेंशियल फ्रीडम के बारे में सोच भी नहीं सकते।
दूसरा क़दम है
दूसरा क़दम होगा कि आप बचत का पैसा ऐसी जगह निवेश करें, जहां आपको इतना रिटर्न मिले जो आपके पैसे को न सिर्फ़ महंगाई के असर से बचाए, बल्कि आपकी पूंजी भी बढ़ाता रहे। यानी महंगाई दर से, कम-से-कम 3-4% ज़्यादा रिटर्न दे। आजकल सिर्फ़ इक्विटी ही ऐसी इकलौती एसेट क्लास है, जो लंबे अरसे से ये काम सफलता के साथ कर रही है। यानी इसका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है।
SIP देगी आपका साथ
जब आपने तय कर लिया है कि आपको लंबे समय में वैल्थ बनाने के लिए इक्विटी में निवेश करना है। तो आपके सामने कुछ सवाल उठते हैं कि निवेश कैसे करें? सीधे स्टॉक्स के ज़रिए इक्विटी में निवेश करें या म्यूचुअल फ़ंड के ज़रिए निवेश करें। अगर म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करना है तो एकमुश्त करें या सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए करें। स्टॉक में सीधे निवेश करने में कुछ ग़लत नहीं है लेकिन इसके लिए निवेश की और गहरी समझ चाहिए जिसे हासिल करने में काफ़ी समय लगता है और जोख़िम भी उठाने पड़ते हैं। अगर आप ये कर सकते हैं, तो आप स्टॉक के ज़रिए भी निवेश कर सकते और नहीं, तो किसी इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड में हर महीने SIP के ज़रिए निवेश आपके लिए बेहतर रहेगा।
आपको कितना निवेश करना है?
सबके लिए आर्थिक आज़ादी का मतलब है जायज़ ज़रूरतों को पूरी करने लायक़ पैसे का उनके पास होना। लेकिन इसके लिए आपको कितना निवेश करना होगा ये हर किसी के लिए अलग से तय होगा। आप कितना कमाते हैं। कितना बचा कर निवेश कर सकते हैं और आप भविष्य में कैसी ज़िदंगी गुज़ारना चाहते हैं। लेकिन हम एक उदाहरण से बता सकते हैं कि आपका आगे का रोडमैप कैसा हो सकता है।
फ़ाइनेंशियल फ़्रीडम का रोडमैप - 25 साल के शख़्स के लिए
अगर आपकी उम्र 25 साल है और हर महीने इक्विटी डाइवर्सीफ़ाइड फ़ंड की SIP में ₹20,000 निवेश करते हैं। और अपने निवेश को 25 साल तक जारी रखते हैं, तो 12% के रिटर्न पर आपके पास क़रीब 3 करोड़ 41 लाख रुपए होंगे।
फ़ाइनेंशियल फ़्रीडम का रोडमैप - 35 साल के शख़्स के लिए
अगर आपकी उम्र 35 साल है और आप हर महीने इक्विटी डाइवर्सीफ़ाइड फ़ंड की SIP में ₹30,000 निवेश करना शुरू करते हैं। और अपने निवेश को 25 साल तक जारी रखते हैं, तो 12% रिटर्न पर आपके पास क़रीब 5 करोड़ 11 लाख रुपए होंगे।
आखिरी बात
हमने ऊपर जो उदाहरण दिए हैं उसमें हर महीने एक तय ऱकम निवेश की गई है। असल दुनिया में आपके पास एक फ़ायदा होगा कि समय के साथ साल-दर-साल आपकी इनकम बढ़ती है, तो आप SIP की रक़म हर साल 5-10 % तक बढ़ा सकते हैं। अगर आप ऐसा करते हैं तो आप उतने ही समय में काफी बड़ी रक़म जुटा पाएंगे। पर्सनल फ़ाइनेंस की दुनिया में इसे स्टेप-अप SIP कहते हैं।
एक बात और कि फ़ाइनेंशियल फ़्रीडम आपकी लाइफ़ का एक अहम गोल होना चाहिए ताकि आप अपनी और अपने परिवार ज़िंदगी बेहतर बना सकें और उन्हें आर्थिक सुरक्षा भी दे सकें।
ये लेख पहली बार नवंबर 21, 2022 को पब्लिश हुआ.