अगर आप इक्विटी फ़ंड में निवेश करते हैं, तो आप फ्लैक्सी कैप फ़ंड और मल्टी कैप फ़ंड की कैटेगरी से परिचित होंगे। स्वाभाविक तौर पर, आप सोचेंगे कि आपके लिए कौन सा फ़ंड बेहतर होगा और क्या आपको इनमें से किसी फ़ंड में निवेश करना चाहिए या नहीं। आइये दोनों को फ़ंड्स की ख़ूबियों और ख़ामियों को विस्तार से समझते हैं।
जब मल्टी कैप फ़ंड कैटेगरी की शुरुआत हुई, इसके एसेट का 65% इक्विटी में निवेश किया जाना अनिवार्य था। सितंबर 2020 में सेबी ने स्कीम में बदलाव किए और मल्टी कैप फ़ंड अपने मौजूदा रूप में जनवरी 2021 से अस्तित्व में आ गए। नवंबर 2020 में सेबी ने नई कैटेगरी पेश की इसका नाम था फ़्लैक्सी कैप फ़ंड।
आपके निवेश के लिए क्या है उपयुक्त?
अपने मौजूदा स्वरूप में फ़ंड की दोनों कैटेगरी 1 जनवरी 2021 से जारी हैं। दोनों कैटेगरी में से किसका प्रदर्शन बेहतर रहा है, ये तय करने के लिए ये अवधि बहुत कम है। इसके अलावा लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप स्टॉक में इन दोनों तरह के फ़ंड्स का एलोकेशन अलग रहता है।
हालांकि, दोनों फ़्लैक्सी कैप और मल्टी कैप फ़ंड का मक़सद लंबे समय में ग्रोथ मुहैया कराना है। लेकिन, फंड का चुनाव आपकी रिस्क उठाने की क्षमता और निवेश के समय पर निर्भर करती है। मल्टी कैप फ़ंड 50 प्रतिशत एलाकेशन, मिड और स्मॉल कैप स्टॉक में करते हैं। ऐसे में अगर आप बड़े उतार-चढ़ाव का सामना कर सकते हैं, तो आप मल्टी कैप फ़ंड में निवेश करें। अगर आप बड़े उतार-चढ़ावों के साथ सहज नहीं हैं, तो आप को फ़्लैक्सी कैप फ़ंड चुनना चाहिए। फ़्लैक्सी कैप फ़ंड औसतन, सिर्फ़ 25-30 प्रतिशत एलोकेशन मिड और स्मॉल कैप में करते हैं।
आप हमारे विश्वलेषकों द्वारा चुने गए फ़ंड पर भी विचार कर सकते हैं। ये फ़ंड किसी भी संभावित निवेश ज़रूरतों को पूरा करने की क्षमता रखते हैं। फ़्लैक्सी कैप और मल्टी कैप के बीच अंतर के बारे में और विस्तार से जानने के लिए इसी विषय पर हमारी स्टोरी पढ़ सकते हैं।
ये लेख पहली बार नवंबर 16, 2022 को पब्लिश हुआ.