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फ़ंड मैनेजर स्‍टॉक्‍स बेचता है तो क्‍या आपको देना होगा टैक्‍स?

अगर फ़ंड मैनेजर म्‍यूचुअल फ़ंड पोर्टफ़ोलियो में कोई बदलाव करता है तो क्‍या निवेशक पर टैक्‍स देनदारी आएगी, यहां मिलेगा जवाब

फ़ंड मैनेजर स्‍टॉक्‍स बेचता है तो क्‍या आपको देना होगा टैक्‍स?

एक फ़ंड मैनेजर, अपने फ़ंड के स्‍टॉक्‍स क्‍यों ख़रीदता या बेचता है, इसकी कई वजहें हो सकती हैं। मिसाल के तौर पर, म्‍यूचुअल फ़ंड को अपने इन्‍वेस्टिंग मैंडेट, जैसे - असेट एलोकेशन पर बने रहना होता है। ऐसे में, एक सेक्‍टोरल या थीम पर आधारित फ़ंड को किसी ख़ास सेक्‍टर में कम से कम 80% एलोकेशन बनाए रखना होता है। इसी तरह से, एक अग्रेसिव हाइब्रिड फंड को 65-80% एलोकेशन इक्विटी में और बाक़ी डेट में रखना होता है। बाज़ार में उतार-चढ़ाव की वजह से, अगर फ़ंड ओरिजनल एलोकेशन से हटता है, तो फ़ंड मैनेजर इसे रीबैलेंस करने के लिए कुछ ख़रीदारी और बिक्री कर सकता है। इसके अलावा, फंड मैनेजर किसी खास स्‍टॉक पर भरोसा खो सकता है और स्‍टॉक के अचानक नाटकीय तरीक़े से ऊपर चढ़ जाए तो फ़ंड मैनेजर इसका एक्‍सपोज़र कम करना चाहेगा, ऐसे में कुछ स्‍टॉक्‍स बेचे जा सकते हैं।

तो क्‍या जब फ़ंड मैनेजर इक्विटी शेयर बेचता है तो निवेशक को कैपिटल गेन्‍स टैक्‍स चुकाना होता है?
न फ़ंड मैनेजर और न ही निवेशक को देना होगा टैक्‍स
असलियत ये है कि जब इक्विटी शेयर म्‍यूचुअल फ़ंड पोर्टफ़ोलियो से बेचे जाते हैं तो न तो फ़ंड मैनेजर न ही निवेशक को कैपिटल गेन्‍स टैक्‍स देना होता है। ऐसा इसलिए, क्‍योंकि म्‍यूचुअल फ़ंड को टैक्‍स के लिए पास-थ्रू-एंटिटी (pass through entity) के तौर पर देखा जाता है। यहां मुनाफ़ा निवेशकों की तरफ़ बढ़ा दिया जाता है, न कि असेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) की तरफ़। एक निवेशक के तौर पर, आपको कैपिटल गेन्‍स टैक्‍स तभी चुकाना होगा जब आप फ़ंड से अपना निवेश भुनाएंगे।
इक्विटी ओरिएंटेड फ़ंड बेचने पर टैक्‍स देनदारी
इक्विटी ओरिएंटेड फ़ंड के मामले में, अगर आप का होल्डिंग पीरियड एक साल से ज़्यादा है, तो मुनाफ़े को लॉंग-टर्म कैपिटल गेन कहा जाता है और आपको इन पर 10% टैक्‍स चुकाना होता है। हालांकि, एक वित्‍तीय-वर्ष में ₹1 लाख तक के मुनाफ़े पर कोई टैक्‍स नहीं लगता। अगर आपका होल्डिंग पीरियड एक साल से कम है, तो मुनाफ़े या गेन को शार्ट-टर्म कैपिटल गेन कहा जाता है और इस पर 15% की दर से टैक्‍स लगता है।
नॉन-इक्विटी ओरिएंटेड फ़ंड बेचने पर टैक्‍स देनदारी
नॉन-इक्विटी-ओरिएंटेड फ़ंड के मामले में, अगर आपका होल्डिंग पीरियड तीन साल से कम है, तो गेन को शार्ट-टर्म कैपिटल गेन्‍स कहा जाता है। और इस पर, आपके टैक्‍स स्‍लैब के हिसाब से टैक्‍स लगेगा। अगर होल्डिंग पीरियड तीन साल से ज़्यादा है, तो गेन को लॉंग -टर्म कैपिटल गेन्‍स माना जाएगा और इंडेक्‍सेशन के बाद इस पर 20% टैक्‍स लगेगा।

ये लेख पहली बार अगस्त 09, 2022 को पब्लिश हुआ.

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