'बेस्ट फ़ंड' एक सापेक्ष (relative term) परिभाषा है। किसके लिए क्या बेस्ट है, ये व्यक्ति की ज़रूरत के मुताबिक़ तय होता है। रिस्क लेने की क्षमता, निवेश की अवधि और किसी शख़्स की ज़रूरतें, आमतौर पर इसका आधार होते हैं। बेस्ट फ़ंड के चुनाव के लिए ज़रूरी है कि सबसे पहले आप सही म्यूचुअल फ़ंड स्कीम को पहचानें।
मोटे तौर पर, म्यूचुअल फ़ंड तीन कैटेगरी में बांटे जाते हैं - इक्विटी फ़ंड, फ़िक्स्ड-इनकम फ़ंड और हाईब्रिड फ़ंड। यही तीन तरह के फ़ंड्स, कई सब-कैटेगरी में बंट जाते हैं।
• अगर आप लंबी-अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं और आपके फ़ाईनेंशियल गोल कम-से-कम पांच साल दूर हैं, तो इक्विटी फ़ंड में निवेश करें। टैक्स-सेवर फ़ंड या अग्रेसिव-हाईब्रिड फ़ंड ऐसे निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प हैं, जो निवेश की शुरुआत ही कर रहे हैं और पहले कभी इक्विटी में निवेश नहीं किया है।
कम समय में इक्विटी निवेश उतार-चढ़ाव से भरा होता है। पर ये भी ज़रूरी है कि मंदी के दौर में निवेश को बरक़रार रखा जाए ताकि लंबे समय में आप मार्केट के फ़ायदे पा सकें। टैक्स-सेविंग फ़ंड्स में तीन साल का लॉक-इन पीरियड होता है। इस लॉक-इन पीरियड से पक्का हो जाता है कि मार्केट गिरने पर निवेशक जल्दबाज़ी में निवेश से बाहर न हो जाए। इसके उलट, अग्रेसिव हाईब्रिड फ़ंड अपने पोर्टफ़ोलियो का एक-तिहाई फ़िक्स्ड-इनकम में निवेश करते हैं। मार्केट में गिरावट के समय ये ज़्यादा सुरक्षित रहते हैं, जिससे गिरावट होने पर नए निवेशकों को मदद मिल जाती है।
• अगर आप अनुभवी निवेशक हैं और इक्विटी में पहले निवेश कर चुके हैं, तो दो अच्छे फ़्लैक्सी-कैप फ़ंड काफ़ी रहेंगे।
• दूसरी तरफ़, अगर आपको पांच साल से पहले पैसों की ज़रूरत हो-जैसे कि अगले दो-तीन साल में-तो आपके लिए फ़िक्स-इनकम फ़ंड का चुनाव बेहतर होगा।
• अगर आप अपनी तात्कालिक ज़रूरतों के लिए निवेश कर रहे हैं, तो इसके लिए लीक्विड फ़ंड बेहतर होते हैं।
फ़िक्स्ड-इनकम फ़ंड्स, बॉन्ड और डेट-सेक्यूरिटीज़ में निवेश करते हैं। ये कम उतार-चढ़ाव वाले होते हैं और ऐसे निवेश के लिए सही रहते हैं जिसके शॉर्ट-टर्म गोल हों। यूं तो फ़िक्स्ड-इनकम फ़ंड्स कई तरह के होते हैं, पर ज़्यादातर शॉर्ट-ड्यूरेशन फ़ंड ही चुने जाने चाहिए।
अब, आपने एक बार सही फ़ंड कैटेगरी का चुनाव कर लिया, तो उसी कैटेगरी की म्यूचुअल फ़ंड स्कीमों की तुलना कीजिए और ऐसे फ़ंड चुनिए, जिसके प्रदर्शन का ट्रैक रिकॉर्ड ठीक-ठाक हो। इस बात का ध्यान रखें कि आप फ़ंड के शॉर्ट-टर्म परफ़ॉर्मेंस के बजाए इस बात को देखें कि फ़ंड ने लंबे समय में, और मार्केट के अलग-अलग फ़ेज़ में किस तरह का प्रदर्शन किया है। फ़िक्स्ड-इनकम फ़ंड के केस में, फ़ंड द्वारा होल्ड किए गए बॉन्ड्स की क्रेडिट क्वालिटी देखिए। ऐसे फ़ंड तलाशिए, जिनके पास हाई-क्वालिटी पेपर हों। कम क्वालिटी के पेपर वाला फ़िक्स्ड-इनकम फ़ंड ज़्यादा रिटर्न दे सकता है, मगर उसमें रिस्क भी ज़्यादा हो सकता है।
एक ही कैटेगरी के फ़ंड की तुलना के लिए, पढ़ें 'म्यूचुअल फ़ंड कैसे चुनें'
क्या आपको ये काम ज़्यादा लग रहा है? हमारे पोर्टफ़ोलियो प्लानर पर जाएं जो आपकी ज़रूरतों के मुताबिक़ म्यूचुअल फ़ंड स्कीमों का सुझाव देगा।
ये लेख पहली बार मई 09, 2022 को पब्लिश हुआ.