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पेंशन और एन्युटी

आम तौर पर एन्‍युटी खरीदने पर आपको जीवन भर एक तय रकम मिलती है

पेंशन और एन्युटी

एन्युटी का मतलब है, एकमुश्त राशि जमा करना और उसके बदले में एक तय रक़म हर साल पाना। आमतौर पर एन्युटी ख़रीदने पर आपको जीवन भर ये रक़म मिलती रहती है। एन्युटी को सालाना वृत्ति के नाम से भी जानते हैं। एन्युटी का मूल्य क्या होगा, स्कीम के फ़ीचर क्या हैं, ये एन्युटी की अवधि और ब्याज पर निर्भर करता है। आमतौर पर भारत में एन्युटी, डैफ़र्ड एन्युटी (deferred annuity) होती है, यानि इसे पेंशन प्लान या NPS स्कीम की मैच्योरिटी के बाद ख़रीदा जाता है। हालांकि कुछ एन्युटी ऐसी भी हैं जो ख़रीदने के एकदम बाद ही रक़म देना शुरु कर देती हैं।


पूंजी की सुरक्षा और महंगाई से बचाव
एन्युटी का भुगतान पहले से तय होता है और एन्युटी की शर्तों के मुताबिक़ पॉलिसी की अवधि के लिए ये गारंटी के साथ किया जाता है। एन्युटी महंगाई से सुरक्षा नहीं देती, क्योंकि दी जाने वाली रक़म पहले से तय होती है न की आने वाले वक़्त की ज़रूरतों और महंगाई के लिहाज़ से। हालांकि एन्युटी के कुछ विकल्प ऐसे भी हैं जो बढ़ी हुई एन्युटी के भुगतान ऑफ़र करते हैं, इससे समय के साथ बढ़ने वाली महंगाई से राहत मिल सकती है।


गारंटी
एन्युटी, क़रार में दर्ज नियमों और शर्तों के तहत निश्चित होता है और इस पर गारंटी मिलती है।

नक़दी की सुविधा
एन्युटी को बीच में ही बंद नहीं किया जा सकता। कुछ एन्युटी एक हद तक नक़द की सुविधा दे सकती हैं।

टैक्स छूट
रक़म इकठ्ठा करने के दौरान डेफ़र्ड एन्युटी प्लान (स्थगित एन्युटी प्लान) में टैक्स से छूट
मिलती है। टैक्स में ये छूट सेक्शन 80CC के तहत मिलती है। इस छूट की ऊपरी सीमा एक वित्तीय वर्ष में ₹1.5 लाख होती है। वहीं वेस्टिंग पीरियड (निहित अवधि) में, एक तिहाई तक के कॉर्पस पर सेक्शन 10(10A) के तहत टैक्स में छूट मिलती है। बाक़ी की रक़म एन्युटी के तौर पर दी जाती है, जिसे आमदनी माना जाता है और नयमों के मुताबिक़ उसपर टैक्स लगता है।

एन्युटी में भुगतान के कुछ विकल्प इस तरह हैं:
· लाइफ़ एन्युटी (आजीवन वृत्ति) : जीवन भर के लिए मिलने वाली एन्युटी।
· ख़रीद मूल्य की वापसी के साथ लाइफ़ एन्युटीः एन्युटी वाले लाभार्थी को जीवन भर एन्युटी मिलती है और उसकी मृत्यु के बाद लाभार्थी को भुगतान।
· संयुक्त जीवन, अंतिम उत्तरजीवी (लास्ट सर्वाइवर), बिना ख़रीद मूल्य की वापसी केः इस एन्युटी में पहले लाभार्थी को भुगतान किया जाता है और उसकी मृत्यु के बाद उसके जीवन-साथी को पेंशन मिलती है। जीवन-साथी को मिलने वाली रक़म भी लाभार्थी की एन्युटी के बराबर ही होती है।
· संयुक्त जीवन, अंतिम उत्तरजीवी (लास्ट सर्वाइवर), ख़रीद मूल्य की वापसी के साथः इस एन्युटी में पहले लाभार्थी को भुगतान किया जाता है। उसकी मृत्यु के बाद जीवन-साथी को पेंशन मिलती है। जीवन-साथी को मिलने वाली रक़म भी लाभार्थी की एन्युटी के बराबर ही होती है। अंतिम उत्तरजीवी की मृत्यु के बाद, ख़रीद मूल्य नामांकित व्यक्ति को लौटा दिया जाता है।
· 5/10/15 साल और उसके बाद जीवन भर की एन्युटीः गारंटी के साथ एन्युटी का भुगतान, चुनी गई अवधि (5/10/15 वर्ष) के लिए किया जाता है। उसके बाद यह लाभार्थी के जीवित रहने तक जारी रहती है।

कहां से खरीदें
हर जीवन बीमा कंपनी डेफ़र्ड एन्युटी पेश करती है, साथ ही कई कंपनियां तुरंत एन्युटी भी देती हैं।

कैसे खरीदें
एक बार आपने तय कर लिया कि आपको कितनी एन्युटी की ख़रीदनी है, फिर एन्युटी के अलग-अलग विकल्पों पर ग़ौर करें और जो सही लगे उसका फ़ॉर्म भर दें। इसके लिए आपको इन कागज़ातों की ज़रूरत होगी:
· आपके जन्म की तारीख और पहचान के प्रमाण। जैसे - पासपोर्ट, ड्राइविंग-लाइसेंस, पैन-कार्ड या फिर मतदाता पहचान पत्र।
· अगर आप एन्युटी के साथ बीमा भी चाहते हैं, तो सेहत की जांच करानी पड़ सकती है।
· नॉमिनी का विवरण।
· बैंक अकाउंट का विवरण, जिसमें एन्युटी का भुगतान ट्रांसफ़र किया जाएगा।

पॉलिसी कैसे चलाएं
आप, चेक, डिमांड ड्राफ़्ट, या इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सेवा (ECS) के ज़रिए एन्युटी ख़रीद सकते हैं। पॉलिसी प्रमाणपत्र में आपका नाम, एन्युटी का प्रकार, अवधि के अलावा, नियम और शर्तें भी दर्ज होती हैं।

कुछ और जानकारी
· अगर आप पॉलिसी से खुश नहीं हैं तो फ्री-लुक की अवधि के दौरान आप पॉलिसी वापस कर सकते हैं। इंश्योरेंस कंपनी के अनुसार ये अवधि 15 दिन से लेकर एक महीने की हो सकती है।
· आपको इसका ख़र्च और इस पर लगने वाले सभी शुल्क अच्छी तरह से समझ लेने चाहिए।
· पॉलिसी को समझने के लिए इसकी अवधि, नियम और शर्तों को अच्छी तरह से समझ लें।


ये लेख पहली बार अप्रैल 04, 2022 को पब्लिश हुआ.

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