मुबारक़ हो! रिस्क की अपनी क्षमता को पहचानने के बाद, आप अपने फ़ाइनेंशियल गोल हासिल करने के लिए काफ़ी अच्छी स्थिति में हैं. आप अपना पोर्टफ़ोलियो कैसे बनाएं ये बताने के लिए हमने 'फ़ाइनेंशियल रोड मैप' की टेबल में, आपके लिए कुछ गाइड-लाइन तय की हैं. निवेशकों की रिस्क लेने की क्षमता के मुताबिक़ ये टेबल दो हिस्सों में है. इसके बाद, गोल को हमने निवेश की अवधि के मुताबिक़ अलग-अलग कैटेगरी में रखा है.

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इससे पहले कि आप फ़ाइनेंशियल गोल पाने के लिए आप निवेश की शुरुआत करें, आपके पास इमरजेंसी के लिए कुछ फ़ंड हमेशा रहना चाहिए. सेफ़्टी नेट बनाने के लिए आपको दो तरीक़े से काम करना चाहिए - आपके पास (हेल्थ और लाइफ़ इंश्योरेंस दोनों) के अलावा ठीक-ठाक इमरजेंसी कॉर्पस होना चाहिए. ताक़ि जीवन में अचानक आने वाली मुश्क़िलों का सामना आसानी से कर सकें. इससे पहले कि आप अपने निवेश का साफ़र शुरू करें, आपको इंश्योरेंस और इमरजेंसी कॉर्पस पर ग़ौर कर लेना चाहिए.
पोर्टफ़ोलियो की बात करें तो, भले ही, ऊपर दी गई टेबल से आपको बेसिक आइडिया मिल जाएगा, पर अपने निवेश को, अपने फ़ाइनेंशियल गोल के मुताबिक़ बनाएं. यानि, किसी भी एसेट क्लास में कितना निवेश करना है, ये आपके रिस्क लेने और सहजता से पैसे देने की क्षमता पर निर्भर करता है. साथ ही, ये भी पक्क़ा कर लेना चाहिए कि आपका हर फ़ाइनेंशियल गोल आपके लिए कितनी अहमियत (इस बारे में विस्तार से बात बाद में) रखता है.
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कम समय के लिए फ़ंड
कम समय के फ़ाइनेंशियल गोल के लिए आपको डेट फ़ंड (Debt Fund) जैसे रक्षित निवेश के विकल्प का चुनाव करना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि डेट फ़ंड में उतार-चढ़ाव कम होता है और निवेश के लिए ये सबसे स्थिर और सुरक्षित विकल्प माने जाते हैं. अगर आपका निवेश एक से तीन साल के लिए है तो डेट फ़ंड (Debt Fund) बेहतर साबित हो सकते हैं.
3-7 साल के लिए फ़ंड
ऐसा फ़ाइनेंशियल गोल जिसकी अवधि 3 साल के बाद की हैं पर 7 साल से कम है, इसमें इक्विटी एलोकेशन ज़्यादा रखना ही समझदारी है, क्योंकि ये मंहगाई दर से बेहतर रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं. जबकि, आपके पोर्टफ़ोलियो का ज़्यादातर हिस्सा (Debt Fund) में एलोकेट है, जो आपको स्थिरता देता है.
लंबे समय के लिए फ़ंड
लंबे समय के गोल के लिए बिना किसी शक़ के इक्विटी आपके पोर्टफ़ोलियो का हिस्सा होनी चाहिए. हालांकि, इस बात पर ज़ोर दूंगा कि पहले पार्ट - 'एक्सपर्ट निवेशक कैसे बनें?' को नज़रअंदाज़ न करें.
'म्यूचुअल फ़ंड निवेश के एक्सपर्ट कैसे बनें' सीरीज़ के बाक़ी पार्ट यहां पढ़िए:
पार्ट 1 - म्यूचुअल फ़ंड के एक्सपर्ट निवेशक कैसे बनें?
पार्ट 3 - निवेश में संतुलन ज़रूरी है
पार्ट 4 - स्पीड ब्रेकर से बचना है!
पार्ट 5 - रिवर्स गियर को मत भूलिए
पार्ट 6 - फ़ंड के चुनाव कैसे करना चाहिए?
पार्ट 7 - एक संत की तरह शांत रहें
ये लेख पहली बार दिसंबर 28, 2021 को पब्लिश हुआ, और दिसंबर 19, 2024 को अपडेट किया गया.