मोहन सिंह पूरी लाइफ में अनुशासित निवेशक रहे हैं और उन्होंने रिटायरमेंट के बाद आराम से जिंदगी गुजारने के लिए एक अच्छी रकम जुटाई है। हालांकि रिटायरमेंट के नजदीक पहुंचने पर उन्होंने अपनी सारी बचत फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी में निवेश कर दी।
जीवन के इस मोड़ पर जोखिम से परहेज करना बहुत आम बात है। लेकिन बहुत ज्यादा रक्षात्मक रवैया या बहुत ज्यादा आक्रामक रवैया आपके निवेश को नुकसान पहुंचा सकता है।
ज्यादा रक्षात्मक रवैया: इस एज ग्रुप में निवेशक आम तौर पर ज्यादा रक्षात्मक हो जाते हैं और अपना समूचा निवेश डेट में शिफ्ट कर देते हैं।
उम्र के इस मोड़ पर किसी को भी यह सुनिश्चित करना होता है कि उसकी पूंजी सुरक्षित रहे। इसके साथ ही महंगाई के असर पर भी गौर करना उतना ही जरूरी है। ऐसे में जरूरी है कि आपके पोर्टफोलियो का एक हिस्सा इक्विटी में निवेश किया जाए। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि महंगाई आपकी पूंजी को नुकसान न पहुंचा पाए।
ज्यादा जोखिम न उठा सकने वाले ऐसे निवेशकों के लिए इक्विटी सेविंग फंड सबसे सटीक हैं। ये फंड कुल रकम का लगभग एक तिहाई हिस्सा हर एक असेट यानी इक्विटी, डेट और आर्बिट्राज में निवेश करते हैं। डेट वाला हिस्सा निवेशकों को एफडी से बेहतर रिटर्न हासिल करने में मदद करता है और आब्रिट्राज इक्विटी के तेज उतार चढ़ाव से निवेश को सुरक्षित रखने में मदद करता है। ये फंड निवेश के लिहाज से सहूलियत देते हैं और रेग्युलर इनकम के लिए बेहतर विकल्प मुहैया कराते हैं।