बच्चे काफ़ी तेज़ी से और आसानी से सीखते हैं. बड़े होने तक वो लगातार कुछ न कुछ सीखते रहते हैं. अगर बच्चों को अच्छी शिक्षा और सही गाइडैंस मिले तो वो एक समझदार व्यक्ति के तौर पर उभर सकते हैं. यही वजह है कि ज़्यादातर माता-पिता अपने बच्चों की पढ़ाई लिखाई को लेकर ज़्यादा चिंतित रहते हैं.
बच्चों की शिक्षा ज़रूरी है और इसके लिए चिंतित होना भी लाज़मी है. लेकिन उनकी फ़ाइनेंशियल एजुकेशन का क्या? आम तौर पर बहुत ही कम ऐसे माता पिता होंगे जो अपने बच्चों को उनके बचपन में फ़ाइनेंशियल एजुकेशन या पैसों की अहमियत के बारे में बताते हैं. जब तक व्यक्ति कमाना नहीं शुरू नहीं कर देता तब तक उसे फ़ाइनेंशियल एजुकेशन की अहमियत नहीं समझ आती है. इसके बाद भी फ़ाइनेंशियल एजुकेशन कौन देता है ? हम लोगों में से ज़्यादातर लोगों ने बचत और निवेश की अहमियत पैसों की ज़रूरत और किल्लत का सामना करने के बाद ही सीखते हैं. बहुत से लोग बड़े होने के सालों बाद तक बचत और निवेश को अहमियत नहीं देते हैं.
बच्चों को स्कूल में काफ़ी कुछ पढ़ाया और सिखाया जाता है लेकिन पैसे बचाने की कला और उसकी अहमियत यानी पैसे को कैसे सही तरीके से निवेश कैसे किया जाए इस बारे में स्कूल कभी कुछ नहीं सिखाता है. लेकिन एक माता-पिता होने के तौर पर आप बच्चे की फ़ाइनेंशियल एजुकेशन उसी समय शुरू कर सकते हैं जब बच्चों की दुनिया खिलौने और कार्टून में रमी होती है.
1. छोटी बचत से शुरू करें फ़ाइनेंशियल एजुकेशन
बच्चों की फ़ाइनेंशियल एजुकेशन की शुरुआत छोटी बचत से कर सकते हैं. उन्हें बचत के बारे में बताएं. बच्चे को पिगी बैंक या गुल्लक लाकर दें. और उन्हें गुल्लक में नियमित तौर पर कुछ पैसे डालने के लिए प्रोत्साहित करें. इसका एक आसान तरीका ये भी है कि आप बच्चे को रोज़ एक रुपए का सिक्का दें और उसे गुल्लक में डालने को कहें. समय के साथ वह गुल्लक में बहुत से सिक्के डाल देगा और एक समय आएगा जब गुल्लक भर जाएगी. तब आप गुल्लक से सारे सिक्के निकाल कर बच्चे को दिखा सकते हें कि रोज़ एक सिक्का डालने से गुल्लक में कितने सारे सिक्के इकट्ठा हो गए. आपके बच्चे के लिए ये एक शानदार अनुभव होगा. आप इस तरीके से बच्चे को सिस्टमैटिक निवेश का पहला लेसन सिखाने में कामयाब हो जाएंगे.
2. बैंकिंग के बारे में बताएं
जब बच्चा थोड़ा बड़ा हो जाए तो उसे बैंकिंग के बारे में बताएं. सिस्टमैटिक तरीक़े से निवेश करने का तरीक़ा यहां भी वही है. आप बच्चे का बैंक अकाउंट खुलवाएं और नियमित तौर पर उसे कुछ पैसे अकाउंट डालने को कहें. यहां उसका अनुभव गुल्लक से थोड़ा अलग होगा क्योंकि उसको अकाउंट में डाले गए पैसे पर ब्याज़ मिलेगा. निश्चित तौर पर ये ब्याज़ ज़्यादा नहीं होगा. लेकिन बच्चे के लिए ये काफ़ी होगा. उसे बैंक अकाउंट में पैसे रखने के बदले कुछ अतिरिक्त रक़म मिलेगी.
3. बड़ा हो जाए बच्चा तो शेयर बाज़ार के बारे में बताएं
सही समय आने पर यानी जब वो थोड़ा और बड़ा हो जाए तो उसे शेयर बाज़ार के बारे में बताएं. उनको बताएं कि वे म्यूचुअल फ़ंड के ज़रिए कैसे शेयर बाज़ार में निवेश कर सकते हैं. साथ ही बताएं, अच्छे इक्विटी फ़ंड में SIP के ज़रिए निवेश करके लंबे समय में कैसे बड़ी रक़म जुटा सकते हैं? साथ ही, समझाएं कि बाज़ार के उतार चढ़ाव में निवेश बनाए रखने और निवेश जारी रखने की ज़रूरत क्यों हैं? जब तक निवेशक के तौर पर उनका भरोसा मज़बूत न हो जाए तब तक उनकी मदद करें और उन्हें गाइड करते रहें.
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ये लेख पहली बार नवंबर 11, 2019 को पब्लिश हुआ.