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रिटायरमेंट के लिए जुटाएं जरूरी रकम

रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को पूरा करने लायक रकम जुटाने का गोल पाना आसान है। हम आपके लिए एक रोडमैप दे रहे हैं

रिटायरमेंट के लिए जुटाएं जरूरी रकम

आजकल बहुत से युवा समय से पहले रिटायरमेंट का सपना देखते हैं। यानी 40 या 50 की उम्र में रिटायरमेंट। और फिर मनचाही जगहों पर घूमना या अपने शौक पूरे करना। लेकिन जब यह कैलकुलेट करने बैठते हैं कि इस सपने को पूरा करने के लिए आपको कितनी रकम बचानी होगी तो आपको झटका लग सकता है। आप किसी भी ऑनलाइन रिटायरमेंट कैलकुलेटर का इस्‍तेमाल करें तो आरामदेह रिटायरमेंट के लिए जरूरी रकम का आंकड़ा देख कर आपका दिमाग चकरा सकता है।

रिटायरमेंट के लिए कितनी रकम की जरूरत होगी इसका आंकलन करना थोड़ा मुश्किल काम है। क्‍योंकि रकम का आंकड़ा कई चीजों पर निर्भर करता है। जैसे आपकी जीवनशैली, महंगाई दर, निवेश पर मिलने वाला रिटर्न, रिटायरमेंट के बाद आप कितने साल तक जिएंगे आदि। अब अगर एक सरल कैलकुलेशन का इस्‍तेमाल करें जैसे अगर आपकी उम्र 30 साल है और आप हर माह 60,000 रुपए खर्च करते हैं तो आपको रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग 12 करोड़ रुपए के रिटायरमेंट कॉर्पस की जरूरत होगी। इस कैलकुलेशन में महंगाई दर सालाना 7 फीसदी, रिटायरमेंट की उम्र 60 साल और जीवन प्रत्‍याशा 85 साल मानी गई है।

आम तौर पर जब इस तरह के गोल या जरूरत के लिए 1 करोड़ या इससे अधिक रकम जुटाने की बात आती है तो अक्‍सर युवा निवेशक रिटायरमेंट के बारे में सोचना ही बंद कर देते हैं। लेकिन सच यह है कि इन कैलकुलेशन में जो रिटायरमेंट कॉर्पस बताया जाता है उसे आसानी से हासिल किया जा सकता है अगर आप अनुशासन के साथ निवेश करें और निवेश जल्‍द शुरू करें। उदाहरण के तौर पर ऊपर बताए गए रिटायरमेंट कॉर्पस के लिए निवेशक को हर माह 17,200 बचाना होगा और ऐसे व्‍हीकल में निवेश करना होगा जो सालाना 15 फीसदी रिटर्न दे सके। इस तरह से 12 करोड़ रिटायरमेंट कॉर्पस का गोल हासिल किया जा सकता है।

लेकिन इस तरह की रणनीति पर अमल करना आसान नहीं होता है। ऐसे में आपको रिटायरमेंट के लिए फाइनेंशियल प्‍लान तैयार करते समय पांच बातों का ध्‍यान रखना चाहिए।

पहली बात यह है कि रिटायरमेंट ऐसा वित्‍तीय गोल है जहां यह जरूरी हो जाता है कि आपका निवेश महंगाई दर से अधिक रिटर्न दे सके। अगर रिटायरमेंट की उम्र 60 साल और जीवन प्रत्‍याशा 90 साल मान लें हम से ज्‍यादातर लोगों को रिटायरमेंट के बाद 30 साल तक अपनी जरूरतों को पूरा करना पड़ सकता है। तो अगर हम सिर्फ रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को पूरा करने के लायक रकम जुटाने के लिए सिर्फ सुरक्षित फिक्‍स्ड इनकम इन्‍वेस्‍टमेंट में निवेश करेंगे तो लगभग 35 साल कैरियर में रिटायरमेंट गोल हासिल करना संभव नहीं होगा। ऐसे में इक्विटी कंपोनेंट आपके इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान का एक जरूरी हिस्‍सा बन जाता है।

दूसरी बात, हो सकता है कि किताबों में आपको एक जटिल असेट अलॉकेशन की रिकमेंडेशन मिल जाए जो आपके जीवन अलग अलग दौर के हिसाब से बदलता रहे लेकिन आपके लिए ऐसा पोर्टफोलियो बेहतर काम कर सकता है जिसमें एक बड़ा हिस्‍सा इक्विटी का हो। ऊपर दिए गए उदाहरण में अगर 30 साल की उम्र का निवेशक रिटायरमेंट के बाद की जरूरत लायक रकम जुटाने के लिए इक्विटी फंड के बजाए 8 फीसदी रिटर्न देने वाले डेट फंड में निवेश करता है तो उसे हर माह 70,000 रुपए बचाना होगा। ऐसा करना लगभग असंभव है। भारतीय बाजार में रिटर्न के आंकड़े बताते हैं कि अगर एसआईपी के जरिए इक्विटी फंड में निवेश किया जाए और एसआईपी कम से कम चार साल चले तो नुकसान होना लगभग असंभव है। ऐसे हमारी सलाह है कि किसी भी निवेशक के रिटायरमेंट में पांच साल से ज्‍यादा का समय है तो रिटायरमेंट कॉर्पस बनाने के लिए उसे ज्‍यादातर रकम इक्विटी म्‍युचुअल फंड में निवेश करना चाहिए।

तीसरी बात, फाइनेंशियल इंडस्‍ट्री में आपको बहुत सारे स्‍पेशल रिटायरमेंट प्‍लान मिल जाएंगे। लेकिन इनमें से ज्‍यादातर आपके गोल के लिए सही नहीं हैं। बीमा कंपनियों के डेफर्ड पेंशन प्‍लान बहुत कम रिटर्न देते हैं। यूलिट एक बहुत जटिल रिटायरमेंट प्‍लान है। इसमें लॉक इन पीरियड भी बहुत लंबा होता है। अपनी बचत को लंबे समय तक किसी भी मार्केट लिंक्‍ड प्रोडक्‍ट में निवेश करते समय इस बात पर जरूर गौर करना चाहिए कि अगर प्रोडक्‍ट अच्‍छा प्रदर्शन न कर रहा हो तो आप आसानी से अपनी रकम निकाल कर दूसरे प्रोडक्‍ट में लगा सकें। इस लिहाज से इक्विटी म्‍युचुअल फंड में एसआईपी के जरिए निवेश करना आपके लिए बेहतर विकल्‍प हो सकता है।

चौथी बात, अगर रिटायरमेंट कैलकुलेटर आपको रिटायरमेंट के लिए हर माह ज्‍यादा रकम बचाने का लक्ष्‍य देता है और आप उतनी रकम नहीं बचा सकते हैं तो इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप जितनी भी रकम बचा सकते हैं उतनी रकम की एसआईपी शुरू कर दें। लेकिन इन्‍क्रीमेंट होने पर, बेहतर नौकरी मिलने पर या परिवार की इनकम बढ़ने पर आपको एसआईपी की रकम बढ़ाना नहीं भूलना चाहिए। अगर आपको कहीं से बड़ी रकम मिलती है तो आपको यह रकम एसआईपी के जरिए रिटायरमेंट के लिए निवेश कर देनी चाहिए। हर साल एसआईपी की रकम बढ़ाने से आपको रिटायरमेंट के लिए जरूरी रकम जुटाने में बड़े पैमाने पर मदद मिल सकती है। आपको इस बात पर गौर नहीं करना चाहिए कि सेंसेक्‍स कहां है और बाजार के उतार चढ़ाव के बीच अपनी एसआईपी जारी रखनी चाहिए।

पांचवी बात, वित्‍तीय मामलों की दुनिया में कोई भी हमेशा सही नहीं हो सकती है। ऐसे में आपको रिटायरमेंट की रकम और निवेश के लिए चुने गए फंड की लगातार समीक्षा करते रहना होगा। आपको यह काम साल में कम से कम दोबार करना होगा। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि आप अपने लक्ष्‍य की ओर सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। अगर आपकी जीवनशैली बेहतर होती, परिवार में ऐसा सदस्‍य बढ़ता है जो आप पर निर्भर है या महंगाई दर में इजाफा होता है या गिरावट आती है तो रिटायरमेंट के लिए जरूरी रकम का लक्ष्‍य बदल सकता है। अगर आपका फंड अपने बेंचमार्क या अपनी कैटैगरी के दूसरे फंडों की तुलना में लगातार खराब प्रदर्शन कर रहा है तो आपको इस फंड को बेच कर दूसरे फंड में निवेश करना पड़ सकता है। ऐसे में आपको अपने रिटायरमेंट पोर्टफोलियो की हर छह माह में समीक्षा करनी चाहिए जिससे आपको पता चले कि कहीं आपको अपना फंड बदलने की जरूरत तो नहीं है।
अब अगर आपने रिटायरमेंट के लिए जरूरी रकम का लक्ष्‍य तय कर लिया है। तो आपको इसे हासिल करने के लिए एक बेहतर विकल्‍प चुनना होगा। अगर आप इम्‍पलाइज प्रॉविडेंट फंड यानी ईपीएफ में पहले से योगदान कर रहे हैं तो आप इसे रिटायरमेंट कॉर्पस के लिए फिक्‍स्ड इनकम पोर्शन मान सकते हैं। लेकिन आप रिटायरमेंट के लिए जरूरी रकम जुटाने के मकसद से सिर्फ इसी पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। आपको बाकी रकम के लिए तीन दूसरे इक्विटी फंड में एसआईपी शुरू करनी चाहिए।

अब अगर आपने रिटायरमेंट के लिए जरूरी रकम का लक्ष्‍य तय कर लिया है। तो आपको इसे हासिल करने के लिए एक बेहतर विकल्‍प चुनना होगा। अगर आप इम्‍पलाइज प्रॉविडेंट फंड यानी ईपीएफ में पहले से योगदान कर रहे हैं तो आप इसे रिटायरमेंट कॉर्पस के लिए फिक्‍स्ड इनकम पोर्शन मान सकते हैं। लेकिन आप रिटायरमेंट के लिए जरूरी रकम जुटाने के मकसद से सिर्फ इसी पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। आपको बाकी रकम के लिए तीन दूसरे इक्विटी फंड में एसआईपी शुरू करनी चाहिए।

अगर आपको रिटायरमेंट में 10 साल बाकी हैं तो आप मिड कैप और स्‍माल कैप में भी निवेश कर सकते हैं। इससे आपका रिटर्न बढ़ सकता है। आपको दो मल्‍टी कैप फंड और एक मिड /स्‍माल कैप फंड में निवेश करना चाहिए। हालांकि अगर आप बाजार में तेज उतार चढ़ाव की स्थिति को सहन नहीं कर सकते हैं तो आपको दो या तीन मल्‍टी कैप फंड पर बने रहना चाहिए। अगर आपके रिटायरमेंट में 10 साल से कम समय है तो आपको मल्‍टी कैप फंड के अलावा दूसरे फंड पर विचार नहीं करना चाहिए।

ये लेख पहली बार जनवरी 04, 2021 को पब्लिश हुआ.

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