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शेयरों के बजाए म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करना क्‍यों है बेहतर

सीधे शेयरों में निवेश करने के बजाए म्‍युचुअल फंड में निवेश करने के कई फायदे हैं

शेयरों के बजाए म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करना क्‍यों है बेहतर

सीधे शेयरों में निवेश करने के बजाए म्‍युचुअल फंड में निवेश करने के कई फायदे हैं। म्‍युचुअल फंड में बड़े पैमाने पर निवेशकों की बचत होती है औरर वह इसे रकम के एक पूल की तरह मैनेज करता है। तो ऐसे में निवेशकों को यह सोचना नहीं होता है कि किस शेयर या बॉण्‍ड में निवेश किया जाए। इसके बजाए यह काम प्रोफेशनल फंड मैनेजर करता है।

इक्विटी काफी जटिल है और जो स्‍टॉक आप खरीद सकते हैं वे एक तरह से जंगल में लगे पेड़ों की तरह है। और तमाम सेक्‍टर्स और इंडस्‍ट्रीज के हैं। और इनका फाइनेंशियल स्‍ट्रक्‍चर, प्रमोटर का ट्रैक रिकॉर्ड अलग अलग है। वहीं जब आप एक अच्‍छे फंड हाउस के फंड में निवेश करते हैं तो आपके फंड पर नजर रखने के लिए एक पूरी रिसर्च टीम होती है। इसके अलावा एक अनुभवी फंड मैनेजर होता है जिसे इक्विटी निवेश का सालों या दशकों का अनुभव होता है। इसके अलावा फंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड सबके लिए उपलब्‍ध होता है और रिसर्च करने वाले इसका गहराई से विश्‍लेषण करते हैं।

सीधे शेयर चुनने के बजाए म्‍युचुअल फंड निवेश के लिए बहुत से लोगों के लिए ज्‍यादा सुविधाजनक है। इक्विटी म्‍युचुअल फंड से बेहतर रिटर्न हासिल करने के लिए इक्विटी में सीधे ट्रेडिंग की तुलना में कम प्रयास, कम समय, कम अनुभव और कम जानकारी की जरूरत पड़ती है।

एक फंड निवेशक के लिए अपने निवेश को डायवर्सीफाई करना स्‍टॉक निवेशक की तुलना में काफी आसान है। और यह बात हर तरह के डायवर्सीफिकेशन जैसे सेक्‍टर के हिसाब से हो या असेट टाइल हो के लिए सच है। बहुत से फिक्‍स्ड इनकम असेट टाइप जैसे बॉण्‍ड इंडीविजुअल निवेशकों के लिए उपलब्‍ध नहीं हैं।

समय, रकम और डायवर्सीफिकेशन के अलावा दूसरे फायदे भी हैं। आम तौर पर म्‍युचुअल फंड टैक्‍स बचाने के लिहाज से ज्‍यादा बेहतर हैं। ये निश्चित तौर पर स्‍टॉक की तुलना में ज्‍यादा सुविधाजनक हैं। इक्विटी के लिए सिस्‍टमेटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान यानी एसआईपी लागू करना आसान है लेकिन फंड के लिए ऐसा करना बहुत आसान है।

सीधे शेयरों में निवेश करने पर आपको मानसिक धारणा से भी पार पाना होता है। हमारा मानना है कि अगर आपमें जरूरी कौशल है तो आप सीधे शेयरों में निवेश कर सकते हैं। हालांकि इक्विटी निवेशक आम तौर पर बहुत आशावादी होते हैं। इसकी वजह से वे अपने कौशल का आंकलन बढ़ा चढ़ा कर कर लेते हैं। अक्‍सर इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।

ये लेख पहली बार सितंबर 13, 2020 को पब्लिश हुआ.

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