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सेबी का जेनसोल इंजीनियरिंग पर शिकंजा
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जेनसोल इंजीनियरिंग और उसके प्रमोटरों, अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में कड़ी कार्रवाई की है। सेबी ने कंपनी पर लगभग 775 करोड़ रुपये के फंड के दुरुपयोग का आरोप लगाया है, जिसमें इरेडा और पीएफसी से लिए गए ऋण का एक हिस्सा भी शामिल है, जिसे कथित तौर पर प्रमोटरों ने व्यक्तिगत खर्चों और लक्जरी अचल संपत्ति की खरीद के लिए इस्तेमाल किया।
सेबी द्वारा लगाए गए प्रतिबंध
- प्रमोटरों को प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
- जेनसोल इंजीनियरिंग के स्टॉक स्प्लिट पर रोक लगा दी गई है।
- सेबी ने कंपनी की वित्तीय गतिविधियों की जांच के लिए एक फॉरेंसिक ऑडिटर नियुक्त किया है।
जेनसोल इंजीनियरिंग शेयर पर प्रभाव
सेबी के इस आदेश के बाद जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई है। शेयर 5% के निचले सर्किट पर बंद हुआ और अब यह 'टी' समूह के अंतर्गत आता है, जिसका अर्थ है कि इस पर अनिवार्य डिलीवरी, 5% की सर्किट सीमा और इंट्राडे ट्रेडिंग पर प्रतिबंध लागू होते हैं।
निवेशकों के लिए सलाह
सेबी ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करें और किसी भी कृत्रिम रूप से बढ़ाए गए शेयर की कीमतों से सावधान रहें।
जेनसोल इंजीनियरिंग का भविष्य
सेबी की जांच और फॉरेंसिक ऑडिट के नतीजों पर जेनसोल इंजीनियरिंग का भविष्य निर्भर करेगा।
डिस्क्लेमर: ये लेख आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस की मदद से लिखा गया है. हालांकि हमने अपने डिजिटल लेखक को सिखाया है कि किस तरह का व्यवहार करना है, फिर भी हम आपको पढ़ने के साथ-साथ थोड़ा संदेह बनाए रखने की सलाह देते हैं. आप आनंद लीजिए - और समझ की मुस्कुराहट के साथ आगे बढ़ते रहिए!