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ग्लोबल डायवर्सिफ़िकेशन चाहने वालों के लिए राहत
अगर आप अपने पोर्टफ़ोलियो को दुनिया के दूसरे हिस्सों में फैलाना चाहते हैं, तो इंटरनेशनल म्यूचुअल फ़ंड्स एक सुविधाजनक और व्यवहारिक विकल्प रहे हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों में इन फ़ंड्स में निवेश की सुविधा सीमित रही है.
इसकी वजह हैं वे रेग्युलेटरी लिमिट्स जो भारतीय म्यूचुअल फ़ंड इंडस्ट्री पर लागू हैं.
इन सीमाओं के मुताबिक़:
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भारतीय
म्यूचुअल फ़ंड
इंडस्ट्री कुल $7 बिलियन तक विदेशी इक्विटी में निवेश कर सकती है.
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एक-एक फ़ंड हाउस $1 बिलियन तक ही निवेश कर सकता है.
- ओवरसीज़ ETFs के लिए इंडस्ट्री के लिए $1 बिलियन और फ़ंड हाउस के लिए $300 मिलियन की सीमा है.
जब पूरी इंडस्ट्री इस लिमिट के क़रीब पहुंच गई, तब 2022 में सेबी ने ये छूट दी कि जिन फ़ंड हाउसों की $1 बिलियन लिमिट में अब भी गुंजाइश है, वे नए निवेश स्वीकार कर सकते हैं. इसी वजह से कुछ इंटरनेशनल फ़ंड्स खुले हैं, और कुछ को निवेश लेना रोकना पड़ा.
एडेलवाइस ने बढ़ाई डेली इन्वेस्टमेंट लिमिट
एडेलवाइस म्यूचुअल फ़ंड
ऐसे ही फ़ंड हाउसों में से एक है. इसने हाल ही में अपनी कई इंटरनेशनल स्कीमों में डेली इन्वेस्टमेंट लिमिट बढ़ा दी है. 17 अप्रैल 2025 से लागू इस बदलाव के तहत, पहले जहां ₹1 लाख प्रतिदिन प्रति PAN की सीमा थी, अब इसे बढ़ाकर ₹10 लाख कर दिया गया है.
ये नई लिमिट इन स्कीमों पर लागू होगी:
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ASEAN Equity Off-shore Fund
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Greater China Equity Off-shore Fund
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US Technology Equity Fund of Fund
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Emerging Markets Opportunities Equity Offshore Fund
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Europe Dynamic Equity Offshore Fund
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US Value Equity Off-shore Fund
- MSCI India Domestic & World Healthcare 45 Index Fund
इनके अलावा कुल 31 ग्लोबल फ़ंड्स नए निवेश के लिए खुले हैं.
सब्सक्रिप्शन के लिए ख़ुले इंटरनेशनल फ़ंड्स
किस इंटरनेशनल फ़ंड में निवेश करें?
दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में निवेश फैलाना यानी 'जियोग्राफ़िकल डायवर्सिफ़िकेशन' एक समझदारी भरी रणनीति मानी जाती है.
इससे न केवल एक ही देश पर निर्भरता कम होती है, बल्कि पोर्टफ़ोलियो में स्थिरता भी आती है.
अगर आप जानना चाहते हैं कि कौन-से इंटरनेशनल फ़ंड्स निवेश लायक़ हैं, तो ज़रूर देखें: वैल्यू रिसर्च फ़ंड एडवाइज़र