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गोल्ड की क़ीमतें पहले ही काफ़ी बढ़ चुकी है. क्या ये अभी और बढ़ेगी? - सब्सक्राइबर
जब गोल्ड की वैल्यू तेज़ी से बढ़ती है तो उसे ख़रीदने का मन करता है और हां, पिछले साल इसने क़रीब 23 फ़ीसदी की ग्रोथ दर्ज की है. लेकिन ये सवाल पूछना कि ये अभी और कितना और चढ़ेगा, एक ऐसा सवाल है जिसका कोई सटीक जवाब नहीं है. ये किसी भी एसेट क्लास के लिए सच है. इसके बजाय, ये देखना ज़्यादा सही है कि गोल्ड आपकी इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजी में क्या भूमिका निभाती है.
उतार-चढ़ाव के दौरान सोना अच्छा प्रदर्शन करता है. जब महंगाई बढ़ती है, जब जियो-पॉलिटिकाल अस्थिरता होती है, या जब इक्विटी बाजार डगमगाता है. ऐसे समय में गोल्ड चमकता है. लेकिन जब स्थिति सामान्य हो जाती है, तो इसकी सीमाएं साफ़ दिखाने लग जाती हैं.
बीते 15 साल में, गोल्ड ने औसतन क़रीब 10 फ़ीसदी का सालाना रिटर्न दिया है. इसकी तुलना में, फ़्लेक्सी-कैप म्यूचुअल फ़ंड जो अलग-अलग साइज़ की कंपनियों में निवेश करते हैं, उसने इस दौरान 12 फ़ीसदी से ज़्यादा का रिटर्न दिया है. ये अंतर शायद बड़ा नहीं लगता, लेकिन समय के साथ कंपाउंडिंग इसका असर दिखाती है. सबसे अहम बात ये है कि इक्विटी उन कंपनियों में हिस्सेदारी का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो वैल्यू जनरेट करती हैं, जबकि गोल्ड सिर्फ़ इसे इकट्ठा करता है. लॉन्ग-टर्म में वेल्थ बनाने के लिए गोल्ड सही विकल्प नहीं है.
गोल्ड Vs इक्विटी का प्रदर्शन
साल | सेंसेक्स TRI (%) | गोल्ड (%) |
---|---|---|
2008 | -51.8 | 26.9 |
2009 | 83.3 | 23.6 |
2011 | 23.6 | 32.2 |
2014 | 31.9 | 1.8 |
मार्च 2020 (कोविड के दौरान) | -22.9 | 2.9 |
2021 | 23.2 | -4.0 |
2025 (YTD) | -0.8 | 16.8 |
(YTD 31 मार्च 2025 तक का *मंथली रिटर्न) |
हालांकि, गोल्ड की अपनी विशिष्टताओं के कारण, आप इसे एक बचाव के रूप में देख सकते हैं और इसी वजह से अपने पोर्टफ़ोलियो का लगभग 10 फ़ीसदी का एक छोटा हिस्सा गोल्ड में निवेश करने का फ़ैसला ले सकते हैं.
इसलिए, गोल्ड की क़ीमत कितनी और बढ़ेगी, इस पर नज़र रखने के बजाय, इसका सोच-समझकर इस्तेमाल करें. — एक स्टेबलाइज़र के रूप में, न कि एक ग्रोथ इंजन के तौर पर.
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ये लेख पहली बार अप्रैल 11, 2025 को पब्लिश हुआ.