सोमवार, 7 अप्रैल को शेयर बाज़ार ने हफ़्ते की शुरुआत भारी गिरावट के साथ हुई. शुरुआती घंटों में ही सेंसेक्स क़रीब 4,000 अंक और निफ़्ट 1,100 अंक गिर गया. असल में, अमेरिका की तरफ टैरिफ़ से कई बड़े देशों पर टैरिफ लगाए जाने के फैसले ने पूरी दुनिया के बाज़ारों को झकझोर दिया है.
2 अप्रैल की देर रात अमेरिका ने भारत समेत कई देशों पर नए टैरिफ़ लगाने का फै़सला किया. भारत पर 26 फ़ीसदी का टैरिफ़ लगाया गया है, जिससे इन्वेस्टर्स सेंटीमेंट को झटका लगा है.
एशिया से लेकर अमेरिका तक गिरावट
जापान और कोरिया जैसे एशियाई बाज़ारों में भारी गिरावट देखने को मिली. अमेरिकी शेयर बाज़ार भी इस दबाव से नहीं बच सका. ग्लोबल गिरावट के बीच निवेशक रिस्क से दूर भाग रहे हैं, और सुरक्षित विकल्पों की तलाश में हैं.
भारतीय बाज़ार का हाल
- BSE सेंसेक्स 2226.79 अंक गिरकर 73,137.90 में बंद हुआ.
- NSE निफ़्टी 50 अंक टूटकर क़रीब 22,161.60 के स्तर पर पहुंचा.
- प्री-ओपन मार्केट में सेंसेक्स में क़रीब 4000 अंकों तक की गिरावट देखी गई थी.
पिछले शुक्रवार को भी बाज़ार गिरावट के साथ बंद हुआ था, जब सेंसेक्स 930 और निफ़्टी 345 अंक टूटा गया था.
कौन से सेक्टर में सबसे ज़्यादा बिक़वाली?
निफ़्टी में मेटल सेक्टर की हालत सबसे ख़राब रही, जो 7 फ़ीसदी तक गिरा. IT, मीडिया और ऑटो सेक्टर में भी क़रीब 5 फ़ीसदी की गिरावट देखी गई.
टॉप लूज़र और गेनर स्टॉक
इस गिरावट में भी कुछ शेयरों ने मज़बूती दिखाई, लेकिन बड़ी संख्या में शेयरों ने निवेशकों को नुक़सान पहुंचाया.
टॉप गेनरः
BSE पर सीमेंस के शेयर में क़रीब 9% की तेज़ी देखी गई. डेल्हिवरी और 360ONE के शेयर में क़रीब 4-4% की तेज़ी देखी गई. स्टार सीमेंट के शेयर क़रीब 3% मज़बूत होकर बंद हुए. आयन एक्सचेंज इंडिया के शेयर में क़रीब 2% की तेज़ी दर्ज की गई.
टॉप लूज़रः
ट्रेंट के शेयर में क़रीब 14% और कारट्रेड टेक के शेयर में क़रीब 12% की गिरावट देखी गई. वहीं, ऐडलवाइस और एम्बेसी डेवलपमेंट्स के शेयरों में क़रीब 11-11% की गिरावट देखी गई. जिंदल शॉ के शेयर में क़रीब 10% की गिरावट देखने को मिली.
नए निवेशकों को क्या करना चाहिए?
बाज़ार की ये गिरावट डराने वाली ज़रूर है, लेकिन निवेश का नज़रिया शॉर्ट टर्म के लिए नहीं होना चाहिए. अगर आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं, तो यही वो समय है जब आपको शांत रहकर सही फै़सले लेने हैं. गिरावट में ही मौक़ा छिपा होता है. ज़रूरत है समझदारी की.
ये भी पढ़िए: गिरावट से घबराइए मत - यही समय है लंबी अवधि के निवेश की नींव मज़बूत करने का