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शेयर बाज़ार में हाहाकार, ग्लोबल संकेतों से 3,500 अंक से ज़्यादा टूटा सेंसेक्स

ट्रेड से जुड़ी चिंताएं बढ़ने की आशंकाओं के बीच, बाज़ार में भारी बिकवाली देखने को मिल रही है

सेंसेक्स में 3500 अंकों की गिरावट: अमेरिकी बाजार का असर | धनक

अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड से जुड़ी टेंशन के चलते सोमवार, 7 अप्रैल 2025 को दुनिया भर के शेयर बाज़ारों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. भारतीय शेयर बाज़ार भी इससे अछूते नहीं रहे. लगभग 3,500 अंकों की कमज़ोरी के साथ 71,350 के आसपास खुला. फिलहाल, (सुबह 9.50 बजे) सेंसेक्स लगभग 2,700 अंकों की गिरावट के साथ 72,600 के आसपास कारोबार कर रहा है. वहीं, निफ़्टी में भी लगभग 900 अंकों की गिरावट बनी हुई है.

एशियाई और यूरोपीय बाज़ारों में गिरावट

अमेरिकी बाजार में आई मंदी का असर वैश्विक स्तर पर देखा जा रहा है. एशिया में जापान का निक्केई 225 सुबह के कारोबार में 4.2% नीचे था, जबकि हॉन्गकॉन्ग का हैंग सेंग 3.8% गिरा. यूरोप में भी हालात बेहतर नहीं थे—लंदन का FTSE 100 और जर्मनी का DAX सुबह 3-4% की गिरावट के साथ खुले. भारत में सेंसेक्स की 5.84% की गिरावट इन प्रमुख बाजारों की तुलना में अधिक गहरी है, जो भारतीय बाजार की वैश्विक झटकों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाती है.

अमेरिकी बाज़ारों में अनिश्चितता

इस गिरावट ने बाजार में भारी अस्थिरता पैदा की है। सुबह 9:46 बजे तक सेंसेक्स अपने दिन के निचले स्तर पर था, और ट्रेडिंग वॉल्यूम में भी तेज उछाल देखा गया. अमेरिकी बाजार में नीतिगत अनिश्चितता और आर्थिक आंकड़ों के कमजोर संकेतों को इस वैश्विक संकट का कारण माना जा रहा है. भारत में इसका असर इसलिए भी ज़्यादा है, क्योंकि कई बड़ी भारतीय कंपनियां अमेरिकी अर्थव्यवस्था से जुड़ी हैं.

अगले कुछ घंटों में बाजार के रुख पर नजर रहेगी. ये गिरावट एक अस्थायी झटका है या लंबे संकट की शुरुआत, यह आने वाला समय बताएगा. धनक आपको बाजार की हर ताजा जानकारी से अपडेट रखेगा.

व्यापार युद्ध का खतरा
अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड टेंशन वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा बनती जा रही है. दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव से निवेशकों में घबराहट है, जिसका असर शेयर बाज़ारों पर पड़ रहा है. अगर यह विवाद जल्द सुलझ नहीं पाता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.

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