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रिटायरमेंट का डर: क्या आपकी बचत आपका साथ छोड़ देगी?

जानिए, मंहगाई को हराने वाला निवेश जो आसान भी है और हर किसी की ज़रूरत के मुताबिक़ भी

रिटायरमेंट प्लानिंग का डर: क्या आपकी बचत काफ़ी है?

60 साल के अनिमेष चटर्जी ने 35 साल तक एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी की. हर महीने उन्होंने थोड़ी-थोड़ी बचत की, सोचकर कि रिटायरमेंट में आराम से ज़िंदगी कटेगी. लेकिन जब 2025 में रिटायरमेंट का वक़्त आया, तब एहसास हुआ कि उनकी बचत महंगाई की मार के आगे कमज़ोर पड़ रही है. आज उन्हें ₹50,000 महीने चाहिए, लेकिन 20 साल बाद ज़रूरत ₹1.6 लाख की हो जाएगी. पेंशन का भरोसा नहीं और बचत तेज़ी से ख़त्म हो रही है.

मगर ये अनिमेष कौन हैं और इनकी उदासी भरी दास्तान हम क्यों पढ़ें? असल में, भारत के क़रीब 38 करोड़ लोग 'अनिमेष' हैं, जिनके सामने यही सवाल है कि "क्या मेरी बचत रिटायरमेंट में एक समय के बाद मेरा साथ छोड़ देगी?" आइए समझते हैं रिटायरमेंट की 'सुरसा' क्यों इतने सारे लोगों के सामने मुंह फाड़े खड़ी है?

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पेंशन का भरोसा नहीं, बचत पर दबाव क्यों?

भारत में रिटायरमेंट की सबसे बड़ी चुनौती है पेंशन सिस्टम की कमी. इकोनॉमिक सर्वे 2022-23 के मुताबिक़, देश के 50 करोड़ नौकरी-पेशा लोगों में से सिर्फ़ 24% को ही किसी तरह की सोशल सिक्योरिटी मिलती है. इसका मतलब, क़रीब 38 करोड़ लोग—जिनमें ज़्यादातर मध्यम वर्ग के हैं—अपनी ख़ुद की बचत पर निर्भर हैं. पेंशन फ़ंड रेगुलेटरी एंड डवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) के आंकड़े बताते हैं कि नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और अटल पेंशन योजना (APY) में कुल मिलाकर 5.3 करोड़ लोग (मार्च 2023 तक) ही जुड़े हैं. 140 करोड़ की आबादी में ये सिर्फ़ 10% लोगों को ही कवर करते हैं. और बाक़ियों का क्या? और क्या ये स्कीमें ज़रूरत के मुताबिक़ नतीजे दे पाती हैं? इस पर हम आगे बात करेंगे. पहले बात एक चोर की!

महंगाई की मार: आपकी जमा पूंजी कितनी सुरक्षित?

महंगाई वो चोर है जो चुपके से आपकी बचत को खा जाती है. रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) के डेटा के अनुसार, पिछले दो दशकों में औसत CPI महंगाई दर 6-7% रही है. मान लीजिए, यदि आपके पास ₹1 करोड़ की बचत है और आपका हर महीने का खर्च ₹50,000 है, जो 6% महंगाई दर से बढ़ेगा, तो ₹1 करोड़ की धनराशि लगभग 12-14 साल में खत्म हो सकती है, बशर्ते कि आपको 7% (एफडी जैसे विकल्प पर) ब्याज मिलता रहे.

ये अनुमान एक सामान्य गणना है, और वास्तविक समय ब्याज दर, महंगाई दर, ख़र्च और अन्य व्यक्तिगत फ़ैक्टर्स पर निर्भर करेगा.

ये भी पढ़ें: नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के फ़ायदे: एक सुरक्षित और फ़ायदेमंद निवेश!

लंबी उम्र, छोटी बचत: क्या है रास्ता?

हमारी ज़िंदगी लंबी हो रही है, लेकिन क्या हमारी बचत इसके लिए तैयार है? सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) 2019 के अनुसार, भारत में 60 साल की उम्र में पुरुषों की औसत जीवन प्रत्याशा (life expectancy) 17 साल और महिलाओं की 19 साल है. यानि, अगर आप 60 पर रिटायर होते हैं, तो आपको 20-25 साल तक चलने वाला फ़ंड चाहिए. कुछ लोग तो इससे भी ज़्यादा जीते हैं. लेकिन अगर आपकी बचत सिर्फ़ FD में है, तो ये महंगाई को मात नहीं दे सकती.

कुछ मौजूदा पेंशन योजनाओं पर एक नज़र

1. कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)

EPF एक अनिवार्य बचत योजना है जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों मूल वेतन का 12% योगदान करते हैं. इसका प्रबंधन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) करता है.

  • ऐतिहासिक रिटर्न : EPF की ब्याज दरें सरकार और EPFO द्वारा सालाना घोषित की जाती हैं. पिछले कुछ दशकों में ये दरें 8% से 12% के बीच रही हैं. उदाहरण के लिए:
    • 1980 और 1990 के दशक में ब्याज दरें 10-12% तक थीं.
    • 2000 के दशक में ये 8.5-9.5% के आसपास रहीं.
    • हाल के वर्षों में (2015-2025) ये 8.1% से 8.65% के बीच रही हैं. 2021-22 में ये 8.1% थी, जो चार दशकों में सबसे कम थी, जबकि 2023-24 के लिए 8.25% तय की गई.
  • EPF स्थिर और जोखिम-मुक्त रिटर्न देता है, लेकिन हाल के वर्षों में ब्याज दरें घट रही हैं, जो महंगाई दर के मुक़ाबले कम प्रभावी हो सकती हैं.

2. पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF)
PPF एक 15 साल की लंबी अवधि की बचत योजना है, जो टैक्स के फ़ायदे (EEE - Exempt, Exempt, Exempt) और सरकारी गारंटी के साथ आती है.

  • ऐतिहासिक रिटर्न : PPF की ब्याज दरें सरकार द्वारा तिमाही आधार पर तय की जाती हैं और ये बाजार की ब्याज दरों से प्रभावित होती हैं. कुछ उदाहरण:
    • 1980 और 1990 के दशक में यह 10-12% के बीच थी.
    • 2000 के दशक में 8-9% के आसपास रही.
    • 2016 के बाद से यह 7-8% के दायरे में रही. वर्तमान में (अप्रैल 2025 तक) ये 7.1% है, जो 2020 से स्थिर है.
  • PPF सुरक्षित और टैक्स-मुक्त रिटर्न देता है, लेकिन लंबी अवधि और सीमित लिक्विडिटी (तरलता) इसे कुछ निवेशकों के लिए कम आकर्षक बनाती है.

3. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS)
NPS एक स्वैच्छिक पेंशन योजना है जो इक्विटी, डेट, और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के विकल्प देती है. इसका रिटर्न बाज़ार से जुड़ा होता है.

  • ऐतिहासिक रिटर्न : NPS के रिटर्न निवेश के मिश्रण (इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड, सरकारी बॉन्ड) पर निर्भर करते हैं:
    • इक्विटी फंड : पिछले 10-15 वर्षों में औसतन 10-12% सालाना रिटर्न.
    • कॉरपोरेट बॉन्ड : 8-9% सालाना.
    • सरकारी बॉन्ड : 7-8% सालाना.
    • सक्रिय प्रबंधन (Active Choice) चुनने वालों के लिए, इक्विटी में ज़्यादा निवेश से 10-14% तक रिटर्न देखा गया है, जबकि सुरक्षित विकल्पों में 7-9%.
  • NPS ऊंचे रिटर्न की संभावना रखता है , ख़ासकर लंबी अवधि में, लेकिन बाज़ार जोखिम के कारण ये पूरी तरह गारंटीकृत नहीं है.

4. वार्षिकी स्कीमें (Annuity Plans)
बीमा कंपनियों द्वारा पेश की जाने वाले एन्युटी प्लान रिटायरमेंट के बाद नियमित आय सुनिश्चित करती हैं. निवेश एकमुश्त होता है और रिटर्न वार्षिकी दर पर निर्भर करता है.

  • ऐतिहासिक रिटर्न : वार्षिकी योजनाओं के रिटर्न निश्चित नहीं होते और योजना के प्रकार (फिक्स्ड, वेरिएबल, या इंडेक्स्ड) पर निर्भर करते हैं:
    • भारत में सामान्य फ़िक्स्ड वार्षिकी दरें 5-7% सालाना रही हैं.
    • पिछले 10-15 वर्षों में कुछ योजनाओं ने 6-8% रिटर्न दिए, लेकिन मुद्रास्फीति-समायोजित (inflation-adjusted) रिटर्न कम हो सकता है.
  • ये योजनाएं स्थिर आय देती हैं, लेकिन रिटर्न अन्य विकल्पों की तुलना में कम हो सकता है और लचीलापन सीमित होता है.

5. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS)

  • SCSS 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए ये 5 साल की योजना है, जिसे 3 साल तक बढ़ाया जा सकता है. यह तिमाही ब्याज भुगतान देती है.
  • ऐतिहासिक रिटर्न : SCSS की ब्याज दरें सरकार द्वारा तय की जाती हैं:
    • 2004 में शुरुआत के समय ये 9% थी.
    • 2010 के दशक में 8.5-9.3% के बीच रही.
    • हाल के वर्षों में (2020-2025) यह 7.4% से 8.2% के बीच रही. वर्तमान में (अप्रैल 2025 तक) यह 8.2% है.
  • SCSS सुरक्षित और नियमित आय देती है, लेकिन ये केवल वरिष्ठ नागरिकों के लिए है और निवेश सीमा (₹30 लाख) इसे सीमित करती है.

6. फ़िक्स्ड डिपॉज़िट (FD)

  • बैंक और पोस्ट ऑफ़िस द्वारा पेश की जाने वाले फ़िक्स्ड डिपॉज़िट निश्चित अवधि और ब्याज दर के साथ जोखिम-मुक्त रिटर्न देती है.
  • ऐतिहासिक रिटर्न : FD की दरें बैंकों और आर्थिक स्थिति पर निर्भर करती हैं:
    • 1990 और 2000 के दशक में 9-11% तक थीं.
    • 2010 के दशक में 7-8.5% के बीच.
    • हाल के वर्षों में (2020-2025) यह 5-7% रही, हालांकि कुछ बैंकों ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए 7.5% तक की पेशकश की.
  • FD सुरक्षित है, लेकिन टैक्सेबल होने और कम रिटर्न के कारण ये लंबी अवधि में मुद्रास्फीति को मात देने में कम प्रभावी है.

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संक्षेप में एक तुलना

योजना ऐतिहासिक रिटर्न (औसत) जोखिम अवधि टैक्स लाभ
EPF 8-12% निम्न नौकरी तक हां (EEE)
PPF 7-12% निम्न 15 साल हां (EEE)
NPS 7-14% मध्यम-उच्च रिटायरमेंट तक हां (80C, 80CCD)
वार्षिकी 5-8% निम्न जीवन भर सीमित
SCSS 7.4-9.3% निम्न 5-8 साल हां (80C)
FD 5-11% निम्न लचीली नहीं

निष्कर्ष

  • सुरक्षा और स्थिरता : EPF, PPF, SCSS, और FD जोखिम-मुक्त और सरकारी समर्थन के साथ आते हैं, लेकिन रिटर्न मध्यम हैं.
  • ऊंचे रिटर्न की संभावना : NPS बाजार से जुड़ा होने के कारण सबसे ज़्यादा रिटर्न दे सकता है, लेकिन जोखिम भी ज्यादा है.
  • नियमित आय : वार्षिकी और SCSS रिटायरमेंट के बाद नियमित आय के लिए बेहतर हैं.

म्यूचुअल फ़ंड: रिटायरमेंट का सबसे भरोसेमंद साथी

यूं तो ऊपर बताई गई सरकारी और निजी योजनाओं के अपने-अपने फ़ायदे और नुक़सान के आधार पर आप पसंद-नापसंद कर सकते हैं, मगर एक NPS को छोड़ दिया जाए तो लंबी अवधि में निवेश का सबसे अच्छा रिटर्न पाने का (हर किसी के लिए चाहे नौकरीपेशा हो या व्यापारी) सबसे आसान रास्ता होगा— म्यूचुअल फ़ंड ! आइए देखें ऐसा क्यों है:

ये भी पढ़ें: NPS या म्यूचुअल फ़ंड: रिटायरमेंट के लिए क्या बेहतर?

वैल्यू रिसर्च धनक इसमें कैसे मदद करता है?

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आख़िर में: आज शुरू करें, कल सुरक्षित करें

रिटायरमेंट का डर—पेंशन की कमी, महंगाई की मार, और लंबी उम्र—हर मध्यम वर्गीय भारतीय की हक़ीक़त है. लेकिन म्यूचुअल फ़ंड और वैल्यू रिसर्च धनक के साथ आप इसे सुखद बना सकते हैं.

हममें से करोड़ों का प्रतिनिधित्व करने वाले हमारे अनिमेष जी ने अगर 20 साल पहले SIP शुरू की होती, तो आज उनकी बचत उनका साथ नहीं छोड़ती. आप अभी 30, 40 या 50 के हैं? देर नहीं हुई है. अपने रिटायरमेंट को सुरक्षित करें—वैल्यू रिसर्च धनक के साथ आज ही अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग करें और इन्वेस्टमेंट शुरू करें!

ये भी पढ़ें: FD vs Mutual Fund: आपके लिए क्या बेहतर है?

5 सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. रिटायरमेंट के लिए कितनी बचत चाहिए?

ये आपकी जीवनशैली पर निर्भर करता है. ₹50,000 महीने के ख़र्च के लिए, 6% महंगाई मानकर, 20 साल बाद ₹1.6 लाख चाहिए. वैल्यू रिसर्च के टूल्स से सटीक कैलकुलेशन करें.

2. म्यूचुअल फ़ंड में निवेश सुरक्षित है?

हां, SEBI के सख़्त नियम इसे सुरक्षित बनाते हैं, लेकिन मार्केट रिस्क रहता है. लंबी अवधि में रिस्क कम होता है.

3. SIP क्या है और यह रिटायरमेंट में कैसे मदद करता है?

SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान. हर महीने थोड़ा निवेश करके आप बड़ा फ़ंड बना सकते हैं.

4. वैल्यू रिसर्च कैसे मदद करता है?

फ़ंड रेटिंग्स, तुलना और एजुकेशनल कंटेंट से ये सही निवेश चुनने में गाइड करता है.

5. कब शुरू करें रिटायरमेंट प्लानिंग?

जितनी जल्दी, उतना बेहतर. 20-30 की उम्र में शुरू करने से कंपाउंडिंग का फ़ायदा मिलता है.

ये भी पढ़ें: आपको अमीर बना सकता है निवेश!

ये लेख पहली बार अप्रैल 05, 2025 को पब्लिश हुआ.

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