लिक्विड फंड क्या होते हैं?
लिक्विड फंड म्यूचुअल फंड की वो कैटेगरी है जो अल्ट्रा-शॉर्ट टर्म इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करती है. ये उन इंस्ट्रूमेंट्स में पैसा लगाते हैं जिनकी मेच्योरिटी 91 दिन या उससे कम होती है. इसमें ट्रेजरी बिल, कमर्शियल पेपर (CP), डिपॉजिट सर्टिफिकेट (CD), और कॉल मनी जैसे कम अवधि वाले निवेश शामिल होते हैं.
सेबी के नियमों के अनुसार, लिक्विड फंड्स को केवल उन इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करने की अनुमति है जो बहुत शॉर्ट-टर्म यानि बहुत अवधि वाले हों और बेहद लिक्विड हों. इसका मतलब है—सीमित रिटर्न, लेकिन कम रिस्क.
निवेश का एक आसान और सुरक्षित रास्ता
क्या कभी सोचा है कि मेहनत की कमाई को कुछ समय के लिए सुरक्षित रखते हुए भी उससे थोड़ा-बहुत रिटर्न कैसे कमाया जाए? मान लीजिए, आपके पास ₹50,000 पड़े हैं, जो आपको अगले तीन महीने में किसी जरूरत के लिए चाहिए होंगे. बैंक में रखें तो ब्याज न के बराबर मिलेगा, और शेयर बाजार में डालेंगे तो रिस्क ज्यादा है. ऐसे में लिक्विड फंड आपके लिए एक शानदार विकल्प हो सकता है.
लिक्विड फंड आपके पैसे को बढ़ाने का मौका देता है. ये उन लोगों के लिए खासतौर पर उपयोगी है, जो अपनी बचत को कुछ समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, लेकिन उसे जरूरत पड़ने पर तुरंत निकाल भी सकें.
लिक्विड फंड कैसे काम करता है?
जब आप किसी लिक्विड फंड में पैसा लगाते हैं, तो फंड हाउस उस पैसे को शॉर्ट-टर्म डेट इंस्ट्रूमेंट्स में लगाता है. इनकी मेच्योरिटी बहुत छोटी होती है, इसलिए इनमें ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव का असर बहुत कम पड़ता है.
इनकी खासियत ये है कि इनकी परिपक्वता अवधि (मेच्योरिटी पीरियड) 91 दिनों से कम होती है. सेबी (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) के नियमों के अनुसार, लिक्विड फंड को केवल ऐसे साधनों में निवेश करना होता है, जो कम जोखिम वाले और ऊंची क्रेडिट रेटिंग (AAA या समकक्ष) वाले हों.
मान लीजिए, आप किसी लिक्विड फंड में ₹1 लाख निवेश करते हैं. फंड मैनेजर उस पैसे को इन सुरक्षित साधनों में डालता है, और आपको उससे मिलने वाला ब्याज या रिटर्न आपके निवेश पर मिलता है. खास बात ये है कि आप इसे कभी भी निकाल सकते हैं - आमतौर पर 24 घंटे के भीतर पैसा आपके बैंक खाते में आ जाता है.
इसका सीधा मतलब है :
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NAV
(नेट एसेट वैल्यू) में बहुत कम बदलाव
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लगभग हर रोज थोड़ा-थोड़ा बढ़ता रिटर्न
- करीब-करीब जीरो डिफॉल्ट रिस्क (पर 100% गारंटी नहीं)
लिक्विड फंड के फ़ायदे
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ज्यादा लिक्विडिटी
: इसका नाम ही इसकी सबसे बड़ी ताक़त बताता है. जरूरत पड़ने पर आप तुरंत पैसा निकाल सकते हैं. कई फंड्स में अब इंस्टेंट रिडेम्शन की सुविधा भी है, जहां ₹50,000 तक का पैसा मिनटों में निकाला जा सकता है.
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बैंक से बेहतर रिटर्न
: जहां बचत खाते में 2.5-3% सालाना ब्याज मिलता है, वहीं लिक्विड फंड्स ने पिछले 5 साल में औसतन करीब 5-6% रिटर्न दिया है.
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कम जोखिम
: चूंकि ये फंड्स छोटी अवधि और हाई क्वालिटी वाले साधनों में निवेश करते हैं, इसलिए रिस्क बेहद कम होता है.
- लचीलापन : आप इसमें एकमुश्त (lump sum) या SIP के ज़रिए भी निवेश कर सकते हैं.
एक मिसाल से समझें
राहुल का एक छोटा सा बिजनस है. उसे अपने बिजनस के लिए 3 महीने बाद ₹2 लाख की जरूरत थी. उसने अपने पैसे को लिक्विड फंड में डाल दिया. 3 महीने में उसे 6% सालाना रिटर्न के हिसाब से क़रीब ₹3,000 का फायदा हुआ. अगर वो इसे बचत खाते में रखता, तो उसे सिर्फ ₹1,500 ही मिलते. साथ ही, उसे ये चिंता नहीं थी कि पैसा फंस जाएगा, क्योंकि वो इसे कभी भी निकाल सकता था.
लिक्विड फंड के जोखिम
हर निवेश में कुछ न कुछ जोखिम होता है, और लिक्विड फंड भी इससे अछूते नहीं हैं.
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ब्याज दर का जोखिम
: अगर ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो इन फंड्स का रिटर्न थोड़ा कम हो सकता है.
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क्रेडिट रिस्क
: हालांकि सेबी के नियमों के तहत हाई रेटिंग वाले साधनों में निवेश होता है, लेकिन दुर्लभ मामलों में डिफॉल्ट का खतरा रहता है. उदाहरण के लिए, 2018 में IL&FS संकट के दौरान कुछ लिक्विड फंड्स को नुकसान हुआ था.
- अस्थिरता : ये शेयर बाजार की तरह अस्थिर नहीं है, लेकिन रिटर्न में थोड़ा उतार-चढ़ाव हो सकता है.
लिक्विड फंड बनाम अन्य निवेश विकल्प
आइए इसे समझने के लिए एक तुलना देखें:
विशेषता | लिक्विड फंड | बचत खाता | फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) |
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रिटर्न | 5-6% (औसतन)* | 2.5-3% | 5-6.5% |
जोखिम | कम | न के बराबर | न के बराबर |
लिक्विडिटी | बहुत अधिक (24 घंटे) | बहुत अधिक | कम (लॉक-इन अवधि) |
न्यूनतम निवेश | ₹500 से शुरू | कोई सीमा नहीं | ₹1,000 से शुरू |
ये तुलना दिखाती है कि लिक्विड फंड उन लोगों के लिए बेहतर है, जो लिक्विडिटी और रिटर्न का संतुलन चाहते हैं. साथ ही अगर आपको पैसों की जरूरत अचानक हो सकती है, तो फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) से बेहतर लिक्विड फंड हो सकते हैं.
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लिक्विड फंड में निवेश कब करें?
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इमरजेंसी फंड
: अगर आप 6 महीने का
इमरजेंसी फंड
बना रहे हैं, तो लिक्विड फंड एक आदर्श जगह है.
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सैलरी पार्किंग
: सैलरी आने के बाद
SIP
या EMI कटने तक पैसा लिक्विड फंड में पार्क किया जा सकता है.
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शॉर्ट-टर्म गोल (3-6 महीने)
: जैसे नया फ़ोन ख़रीदना या ट्रिप की प्लानिंग—FD की जगह लिक्विड फंड बेहतर हैं.
- STP की शुरुआत के लिए : अगर आप इक्विटी फंड में धीरे-धीरे पैसा लगाना चाहते हैं, तो पहले लिक्विड फंड में लगाकर वहां से SIP जैसा ट्रांसफर किया जा सकता है.
लिक्विड फंड में टैक्सेशन की बात करें तो...
लिक्विड फंड से कमाई पर टैक्स आपके इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से लगता है. 2025 के बजट के मुताबिक, अब (फाइनेंशियल ईयर 2025-26) से डेट फंड्स से होने वाली कमाई पर आपको अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से ही टैक्स देना होगा, चाहे आप इसे कितने समय तक होल्ड करें.
लिक्विड फंड में निवेश से पहले ध्यान देने लायक़ बातें
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एक्सपेंस रेशियो: ये फंड की सालाना फीस होती है. कम
एक्सपेंस रेशियो
(0.2% से कम) वाले फंड चुनें.
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पिछला प्रदर्शन: पिछले 3-5 साल का रिटर्न देखें. ट्रैक रिकॉर्ड देखें, खासकर बाजार में संकट के समय का.
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फंड मैनेजर की विश्वसनीयता: एक अनुभवी टीम वाला फंड चुनें.
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Payout और Growth ऑप्शन के बारे में समझकर चुनें.
- Fund की Portfolio Quality जरूर चेक करें.
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FD से बेहतर हो सकते हैं लिक्विड फंड्स
लिक्विड फंड फिक्स्ड डिपॉजिट नहीं हैं, पर FD से बेहतर भी हो सकते हैं—अगर आप समझदारी से इस्तेमाल करें. ये 'पार्किंग जोन' हैं, हाइवे नहीं. लंबी रेस का घोड़ा नहीं, पर दौड़ के बीच का ब्रेक जरूर है.
लिक्विड फंड आपके पैसे को सुरक्षित रखते हुए उसे बढ़ाने का एक आसान और लचीला तरीका है. ये न तो शेयर बाजार की तरह रिस्की है और न ही बचत खाते की तरह निष्क्रिय. अगर आप अपने शॉर्ट-टर्म गोल के लिए एक सुरक्षित, लिक्विड, टैक्स एफिशिएंट और फ्लेक्सिबल इन्वेस्टमेंट की तलाश में हैं—तो लिक्विड फंड के बारे में ज़रूर सोचिए. लेकिन, सोच-समझ कर और होशियारी से.
लिक्विड फंड पर 5 सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल
1. क्या लिक्विड फंड पूरी तरह सुरक्षित हैं?
ये कम जोखिम वाले होते हैं, लेकिन क्रेडिट और ब्याज दर जोखिम से पूरी तरह मुक्त नहीं हैं.
2. क्या मैं FD की जगह लिक्विड फंड चुन सकता हूं?
हां, अगर आप लचीलापन और टैक्स बेनिफिट चाहते हैं.
3. लिक्विड फंड से पैसा कितने समय में मिल जाता है?
आमतौर पर T+1 यानी अगले वर्किंग डे में.
4. क्या लिक्विड फंड में SIP कर सकते हैं?
हां, आप SIP और STP दोनों कर सकते हैं.
5. क्या इसमें लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट ठीक रहेगा?
नहीं, लिक्विड फंड अल्पकालिक निवेश के लिए बनाए गए हैं.
6. लिक्विड फंड में निवेश की न्यूनतम राशि कितनी होती है?
ज्यादातर लिक्विड फंड्स में ₹500 से निवेश शुरू किया जा सकता है.
7. लिक्विड फंड का रिटर्न फिक्स्ड होता है?
नहीं, ये बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है और थोड़ा बदल सकता है.
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ये लेख पहली बार अप्रैल 01, 2025 को पब्लिश हुआ.