"इन्वेस्टिंग को जितना सरल बनाओगे, रिज़ल्ट उतने ही बेहतर मिलेंगे."
ये बात वैल्यू इन्वेस्टिंग के बड़े पैरोकार जॉन सी. बोगल ने कही थी. उन्होंने ही दुनिया का पहला इंडेक्स फंड बनाया. भारत में भी अब ये सोच पकड़ बना रही है — कम लागत, लंबी अवधि और अनुशासित निवेश के ज़रिए समृद्धि की ओर बढ़ना. इसी सोच की नींव है: इंडेक्स फंड.
लेकिन इंडेक्स फंड आखिर है क्या? और क्या यह वाकई आपके निवेश को आसान और असरदार बना सकता है? आइए, जानते हैं इस कहानी को विस्तार से.
सबसे पहले: इंडेक्स क्या होता है?
शेयर बाजार का "इंडेक्स" यानी सूचकांक, शेयर बाज़ार के कुछ चुनिंदा शेयरों का एक समूह होता है, जो बाजार की चाल को बताता है.
उदाहरण के लिए:
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निफ्टी 50
- NSE का मुख्य सूचकांक जिसमें भारत की टॉप 50 कंपनियां शामिल होती हैं.
- Sensex - BSE का सूचकांक जिसमें टॉप 30 कंपनियां होती हैं.
इन्हीं इंडेक्स को फॉलो करने वाले फंड्स को इंडेक्स फंड कहा जाता है.
इंडेक्स फंड क्या होता है?
इंडेक्स फंड एक तरह का म्यूचुअल फंड होता है जो किसी एक इंडेक्स को ट्रैक करता है. इसका मतलब है कि फंड उसी अनुपात (रेशियो) में उन्हीं कंपनियों में निवेश करता है जो उस इंडेक्स में शामिल हैं.
उदाहरण के लिए, अगर आप निफ्टी 50 इंडेक्स फंड में निवेश करते हैं, तो आपका पैसा उन्हीं 50 कंपनियों में उसी अनुपात में लगेगा, जैसे निफ्टी में होता है — न ज़्यादा, न कम.
इंडेक्स फंड का मकसद क्या है?
इंडेक्स फंड का मकसद
इंडेक्स के समान रिटर्न देना
है — न कि उसे हराना.
यह एक
पैसिव इन्वेस्टिंग का तरीका
है — यानी फंड मैनेजर किसी शेयर को चुनने की कोशिश नहीं करता. इसके कारण फंड का खर्च भी कम होता है.
एक्टिव फंड बनाम इंडेक्स फंड: एक तुलना
फ़ीचर | एक्टिव फंड | इंडेक्स फंड |
---|---|---|
निवेश की रणनीति | फंड मैनेजर शेयर चुनता है | इंडेक्स को फॉलो करता है |
लक्ष्य | इंडेक्स को हराना | इंडेक्स जैसा रिटर्न देना |
ख़र्च अनुपात (Expense Ratio) | ज़्यादा (1%-2%) | कम (0.1%-0.3%) [1] |
रिस्क | ज़्यादा (मानव निर्णय शामिल) | अपेक्षाकृत कम |
ट्रैकिंग एरर | नहीं लागू | मौजूद रहता है |
नोट: सेबी के अनुसार, इंडेक्स फंड का अधिकतम एक्सपेंस रेशियो 1% से कम होता है, जबकि एक्टिव फंड में यह ज़्यादा हो सकता है. |
क्यों इंडेक्स फंड्स पर ध्यान देना चाहिए?
1. कम लागत, ज्यादा फायदा
कम खर्च होने की वजह से आपके रिटर्न पर कम कटौती होती है. ये छोटी बचत लंबे समय में बड़ा फायदा देती है.
2. लंबी अवधि में बेहतर प्रदर्शन
सेबी की एक स्टडी के अनुसार, 2023 में भारत के 50% से ज़्यादा एक्टिव फंड्स निफ्टी 50 को हराने में नाकाम रहे. यानी इंडेक्स फंड्स ने अच्छा मुकाबला किया.
3. सरलता और पारदर्शिता
आपको यह समझने की ज़रूरत नहीं कि कौन सा शेयर अच्छा चलेगा. इंडेक्स फंड खुद ही देश की टॉप कंपनियों में निवेश करता है.
4. डायवर्सिफिकेशन
एक इंडेक्स फंड में निवेश करते ही आप दर्जनों बड़ी कंपनियों के हिस्सेदार बन जाते हैं.
एक आम निवेशक के लिए क्यों जरूरी है?
भारत में 2022 के अंत तक केवल 3% से कम लोगों के पास म्यूचुअल फंड की SIP थी. निवेश की कमी की एक बड़ी वजह है — जानकारी का अभाव और जटिलता का डर.
इंडेक्स फंड इस डर को दूर कर सकते हैं.
एक मध्यम वर्गीय नौकरीपेशा व्यक्ति, जो हर महीने ₹2,000 की SIP कर सकता है, उसके लिए इंडेक्स फंड एक दमदार विकल्प है.
मान लीजिए, किसी निफ्टी 50 इंडेक्स फंड ने पिछले 10 वर्षों में औसतन 12% वार्षिक रिटर्न दिया है.
तो ₹2,000 की SIP करने पर 20 साल में आप ₹20 लाख से ज़्यादा जोड़ सकते हैं — और वो भी बिना बहुत ज़्यादा रिस्क लिए.
SIP पर अपना संभावित रिटर्न कैलकुलेट करने के लिए आप हमारा SIP कैलकुलेटर आजमा सकते हैं.
साथ ही अच्छे इंडेक्स फंड के लिए अच्छे इंडेक्स फंड उनके परफॉर्मेंस के साथ हमारे फंड स्क्रीनर पर देख सकते हैं.
इंडेक्स फंड में निवेश कैसे करें?
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किसी भरोसेमंद प्लेटफॉर्म पर अकाउंट खोलें
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इंडेक्स फंड चुनें
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SIP या लंपसम के ज़रिए निवेश शुरू करें
- लंबी अवधि के लिए टिके रहें - निरंतरता ही असली ताकत है
क्या इंडेक्स फंड सबके लिए सही है?
अगर आप:
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निवेश के नए खिलाड़ी हैं
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ज़्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते
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शेयर बाज़ार को नहीं समझते
- कम खर्च में निवेश करना चाहते हैं
...तो इंडेक्स फंड आपके लिए सबसे उपयुक्त विकल्प हो सकता है.
ये भी पढ़िए- इंडेक्स निवेश के फ़ायदे और नुक़सान
हम क्या सोचते हैं
वैल्यू रिसर्च हमेशा से कम खर्च, लंबी अवधि, और अनुशासन पर आधारित निवेश को प्राथमिकता देता है. इंडेक्स फंड इस सोच के बिलकुल अनुरूप है.
ध्यान रखें:
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इंडेक्स फंड में भी बाज़ार का जोखिम होता है
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इसमें भी धैर्य चाहिए
- सही इंडेक्स और सही फंड चुनना जरूरी है
लेकिन अगर आपने ये तीन चीजें कर लीं, तो निवेश की यह सीढ़ी आपको समृद्धि की ऊंचाइयों तक ले जा सकती है.
इंडेक्स फंड निवेश की दुनिया में सादगी की ताकत है.
यह उन लोगों के लिए है जो बाजार की चाल से ज्यादा खुद की योजना पर भरोसा करते हैं और उन लोगों के लिए है जो शोर नहीं, शांति से दौलत बनाना चाहते हैं.
इंडेक्स फंड पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. इंडेक्स फंड में क्या गारंटी रिटर्न मिलता है?
नहीं. इसमें बाजार के उतार-चढ़ाव का असर होता है, लेकिन लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना रहती है.
2. इंडेक्स फंड में कितना निवेश करना चाहिए?
यह आपकी आय, जोखिम सहने की क्षमता और निवेश अवधि पर निर्भर करता है. ₹500 से भी SIP शुरू की जा सकती है.
3. क्या इंडेक्स फंड टैक्स फ्री होता है?
नहीं. यह इक्विटी फंड माना जाता है, और इस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लागू होता है
4. इंडेक्स फंड और ETF में क्या अंतर है?
ETF स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होता है, जबकि इंडेक्स फंड को सीधे AMC से खरीदा जा सकता है.
5. क्या इंडेक्स फंड लॉन्ग टर्म के लिए अच्छा है?
हां. यह अनुशासित निवेशकों के लिए बेहतरीन विकल्प है, खासकर 5 साल या उससे अधिक की अवधि के लिए.
ये भी पढ़िए- इंडेक्स फ़ंड बनाम ETF: क्या अंतर है?
ये लेख पहली बार मार्च 31, 2025 को पब्लिश हुआ.