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मैं टैक्स बचाने के लिए लगातार पब्लिक प्रॉविडेंट फ़ंड (PPF) में निवेश करता हूं. नई टैक्स व्यवस्था लागू होने के बाद, क्या मैं अभी भी अपने PPF निवेश पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकता हूं? और, इसके लिए अधिकतम इलिजिबल रक़म क्या होगी? – सब्सक्राइबर
हां, आपके PPF निवेश पर टैक्स डिडक्शन का फ़ायदा मिलता रहेगा, पर इसमें ध्यान देने लायक एक अहम बात है. पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत, पब्लिक प्रॉविडेंट फ़ंड में किए गए योगदान पर सेक्शन 80C के तहत सालाना ₹1.5 लाख तक टैक्स डिडक्शन का फ़ायदा मिलता रहेगा. इसके अतिरिक्त, आपको मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट पूरी तरह से टैक्स-फ़्री रहता है.
हालांकि, अगर आप नई टैक्स व्यवस्था का चुनाव करते हैं, तो आप सेक्शन 80C के तहत डिडक्शन का फ़ायदा गंवा देंगे. ऐसा इसलिए है क्योंकि नई व्यवस्था में टैक्स रेट कम है, लेकिन PPF जैसे निवेश के लोकप्रिय विकल्प कई टैक्स सेविंग से जुड़े डिडक्शन को हटा देता है.
पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था के बीच चुनाव
पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था के बीच चुनाव पूरी तरह से आपकी वित्तीय स्थिति पर निर्भर करता है, ख़ास तौर से इस बात पर कि आप हर साल कितना डिडक्शन क्लेम करते हैं.
मोटे तौर पर, अगर आपके PPF में निवेश, इंश्योरेंस प्रीमियम, होम लोन की क़िस्तें जैसे सालाना डिडक्शन एक तय सीमा से ज़्यादा होते हैं, तो पुरानी व्यवस्था आपके लिए ज़्यादा फ़ायदेमंद हो सकती है. वरना, नई व्यवस्था का आसान स्ट्रक्चर और कम टैक्स स्लैब आपके टैक्स भुगतान को कम कर सकते हैं.
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ये लेख पहली बार मार्च 28, 2025 को पब्लिश हुआ.