गिल्ट फंड एक तरह का म्यूचुअल फंड है जो मुख्य रूप से केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी की गई सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करता है. ये फंड उन निवेशकों के लिए उपयुक्त होते हैं जो सुरक्षित और स्थिर रिटर्न की तलाश में हैं.
आसान शब्दों में, गिल्ट फंड सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करता है, जिन्हें सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है क्योंकि इनके पीछे सरकार की गारंटी होती है. इस लेख में हम गिल्ट फंड की बारीकियों को समझेंगे, इसके फायदे-नुकसान देखेंगे और यह भी जानेंगे कि क्या यह आपके पोर्टफोलियो के लिए सही है.
गिल्ट फंड की कहानी: नाम से लेकर काम तक
"गिल्ट" शब्द का मूल अंग्रेजी के "Gilt-Edged Securities" से है, जिसका मतलब होता है "स्वर्ण-रेखांकित सिक्योरिटीज". पुराने जमाने में सरकारी बॉन्ड को सोने की किनारी वाले प्रमाणपत्रों के रूप में जारी किया जाता था, जो उनकी विश्वसनीयता का प्रतीक था. आज यह नाम भले ही प्रतीकात्मक हो, लेकिन गिल्ट फंड की सुरक्षा और स्थिरता अब भी बरकरार है.
सेबी के नियमों के अनुसार, गिल्ट फंड को अपनी कुल संपत्ति का कम से कम 80% हिस्सा सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करना होता है. ये सिक्योरिटीज आमतौर पर बुनियादी ढांचा परियोजनाओं या सरकारी खर्चों को फंड करने के लिए जारी की जाती हैं. मिसाल के तौर पर, अगर भारत सरकार को सड़क निर्माण के लिए पैसों की जरूरत है, तो वह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के जरिए बॉन्ड जारी करती है, और गिल्ट फंड इनमें निवेश करते हैं.
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गिल्ट फंड कैसे काम करता है?
कल्पना करें कि आप एक निवेशक हैं, जिन्होंने गिल्ट फंड में ₹10,000 लगाए. फंड मैनेजर आपका पैसा लेकर सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करता है, जैसे कि 10 साल की मेच्योरिटी वाला सरकारी बॉन्ड जिसकी ब्याज दर 7% है. इस बॉन्ड से मिलने वाला ब्याज और मेच्योरिटी पर मूलधन का रिटर्न आपके फंड की नेट एसेट वैल्यू (NAV) को बढ़ाता है. लेकिन इसमें एक पेंच है - ब्याज दरों का उतार-चढ़ाव. अगर ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो पुराने बॉन्ड की कीमत घट सकती है, जिससे NAV पर असर पड़ता है.
निवेशकों को बाजार के स्वरूप को समझना चाहिए. गिल्ट फंड में रिटर्न ब्याज दरों के साथ उल्टा रिश्ता रखता है - जब दरें गिरती हैं, तो फंड की कीमत बढ़ती है और जब दरें बढ़ती हैं, तो कीमत घटती है.
गिल्ट फंड के प्रकार
भारत में गिल्ट फंड दो मुख्य प्रकार के होते हैं:
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विभिन्न मेच्योरिटी वाले गिल्ट फंड
: ये फंड अलग-अलग अवधि (शॉर्ट, मीडियम, लॉन्ग टर्म) की सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं.
- 10 साल की स्थिर मेच्योरिटी वाले गिल्ट फंड : इन फंड्स को कम से कम 80% संपत्ति 10 साल की मेच्योरिटी वाली सिक्योरिटीज में लगानी होती है. ये लंबी अवधि के निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं.
उदाहरण के लिए, ICICI प्रूडेंशियल गिल्ट फ़ंड और SBI मैग्नम गिल्ट फंड.
गिल्ट फंड के फायदे
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सुरक्षा:
सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश के कारण डिफॉल्ट का जोखिम लगभग शून्य.
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स्थिर रिटर्न:
पिछले 5 सालों में औसतन 7-8% रिटर्न (मार्च 2025).
- विविधता: यह इक्विटी के जोखिम से संतुलन बनाता है.
मिसाल के तौर पर, अगर आपने मार्च 2020 में ICICI प्रूडेंशियल गिल्ट फंड में ₹1 लाख निवेश किए होते, तो मार्च 2025 तक यह ₹1.45 लाख हो सकता था, जो 7.7% CAGR है.
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गिल्ट फंड के जोखिम
हर निवेश की तरह गिल्ट फंड भी जोखिम से मुक्त नहीं है:
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ब्याज दर जोखिम
: अगर RBI ब्याज दरें बढ़ाता है, तो बॉन्ड की कीमतें गिर सकती हैं.
- मुद्रास्फीति का प्रभाव : अगर मुद्रास्फीति यानि महंगाई 7% से ज्यादा हो और फंड का रिटर्न 6% हो, तो आपका वास्तविक रिटर्न नकारात्मक होगा.
गिल्ट फंड में निवेश करने से पहले ब्याज दरों के रुझान को समझना जरूरी है.
गिल्ट फंड बनाम अन्य निवेश विकल्प
पैरामीटर | गिल्ट फंड | इक्विटी फंड | फिक्स्ड डिपॉजिट |
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जोखिम | मध्यम (ब्याज दर जोखिम) | उच्च (बाजार जोखिम) | निम्न |
रिटर्न | 7-8% (5 साल औसत) | 16-38% (5 साल औसत) | 5-6% (मार्च 2025) |
लिक्विडिटी | उच्च | उच्च | मध्यम (लॉक-इन अवधि) |
सुरक्षा | बहुत उच्च | मध्यम | बहुत उच्च |
नोट: रिटर्न डेटा वैल्यू रिसर्च और RBI से लिया गया, मार्च 2025 तक. फ़ंड का रिटर्न इक्विटी का कैटेगरी एवरेज है. |
निवेश से पहले ध्यान देने योग्य बातें
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ब्याज दरों का रुझान
: RBI की मौद्रिक नीति पर नजर रखें.
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खर्च अनुपात
: SEBI के अनुसार, गिल्ट फंड का एक्सपेंस रेशियो (खर्च अनुपात) 2.25% से कम होना चाहिए. कम खर्च वाला फंड चुनें.
- अवधि : अपनी निवेश अवधि के हिसाब से फंड चुनें.
क्या गिल्ट फंड आपके लिए सही है?
अगर आप रिटायरमेंट के करीब हैं या कम जोखिम वाला निवेश चाहते हैं, तो गिल्ट फंड आपके लिए उपयुक्त हो सकता है. लेकिन अगर आप युवा हैं और लंबी अवधि के लिए ज्यादा रिटर्न चाहते हैं, तो इक्विटी फंड बेहतर हो सकते हैं.
मान लीजिए, 45 वर्षीय रमेश ने अपने पोर्टफोलियो का 30% गिल्ट फंड में डाला. 5 साल में ब्याज दरें गिरने से उसे 8.5% रिटर्न मिला, जिससे उनकी रिटायरमेंट प्लानिंग मजबूत हुई.
गिल्ट फंड में निवेश करने के लिए कौन से फाइनेंशियल गोल सबसे सही होते हैं
गिल्ट फंड में निवेश करने के लिए कुछ विशेष वित्तीय लक्ष्य होते हैं जो इसे उपयुक्त बनाते हैं. यह फंड सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं, जिससे इनमें कम क्रेडिट जोखिम और स्थिर रिटर्न की संभावना होती है. यहाँ कुछ प्रमुख वित्तीय लक्ष्यों का उल्लेख किया गया है, जिनके लिए गिल्ट फंड उपयुक्त हो सकते हैं:
1. पूंजी संरक्षण
अगर आपका प्राथमिक लक्ष्य अपनी पूंजी को सुरक्षित रखना है, तो गिल्ट फंड एक उत्कृष्ट विकल्प हो सकता है. चूंकि ये सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं, इसलिए इनका डिफॉल्ट जोखिम बहुत कम होता है. यह विशेष रूप से उन निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है जो अपने निवेश की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं.
2. स्थिर आमदनी की ज़रूरत
गिल्ट फंड नियमित ब्याज आय प्रदान करते हैं, जो उन्हें उन निवेशकों के लिए आकर्षक बनाता है जो स्थिर और पूर्वानुमानित आय की तलाश में हैं. यदि आपका लक्ष्य रिटायरमेंट के बाद नियमित आय प्राप्त करना है या किसी अन्य वित्तीय आवश्यकता के लिए स्थिरता चाहिए, तो गिल्ट फंड एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
3. मध्यम से दीर्घकालिक निवेश
गिल्ट फंड आमतौर पर मध्यम से लंबी अवधि के निवेश के लिए उपयुक्त होते हैं. यदि आपकी निवेश की अवधि 3-5 वर्ष या उससे अधिक है, तो आप गिल्ट फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं. इस अवधि में, आप ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव का लाभ उठा सकते हैं और बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं
4. पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन
यदि आप अपने निवेश पोर्टफोलियो को विविधता देना चाहते हैं, तो गिल्ट फंड एक महत्वपूर्ण घटक हो सकते हैं. ये फंड इक्विटी मार्केट से कम सहसंबंधित होते हैं, जिससे वे आपके पोर्टफोलियो के समग्र जोखिम को कम कर सकते हैं. इस प्रकार, यदि आप अपने पोर्टफोलियो में स्थिरता और सुरक्षा जोड़ना चाहते हैं, तो गिल्ट फंड
एक अच्छा विकल्प हो सकता है
5. टैक्स के लिहाज से बेहतर
गिल्ट फंड पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन पर कम टैक्स लगाया जाता है, जिससे यह टैक्स के लिहाज़ से ज़्यादा फ़ायदेमंद होता है. अगर आप टैक्स प्लानिंग कर रहे हैं और लंबे समय के रिटर्न की तलाश में हैं, तो गिल्ट फंड आपके लिए सही हो सकते हैं.
गिल्ट फंड उन निवेशकों के लिए एक आदर्श विकल्प हो सकते हैं जो पूंजी संरक्षण, स्थिर आय, मध्यम से दीर्घकालिक निवेश और पोर्टफोलियो विविधीकरण की तलाश में हैं. इनकी विशेषताएँ जैसे कम क्रेडिट जोखिम और कर दक्षता इन्हें एक आकर्षक विकल्प बनाती हैं.
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आप क्या करें
गिल्ट फंड उन निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और स्थिर विकल्प है जो बाजार की उथल-पुथल से बचना चाहते हैं. यह इक्विटी और फिक्स्ड डिपॉजिट के बीच संतुलन बनाता है. अगर आप इसे अपने पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहते हैं, तो ब्याज दरों के गिरने का इंतजार करें - यही वह समय है जब गिल्ट फंड सबसे ज्यादा चमकते हैं.
वैल्यू रिसर्च पर आपको हमारे फ़ंड स्क्रीनर पर सभी गिल्ट फ़ंड की लिस्ट मिल जाएगी. जसके हर अहम पैरामीटर पर आप फ़ंड की रिसर्च करके अपने निवेश के लिए फ़ैसला कर सकते हैं.
इनकी विशेषताएं जैसे कम क्रेडिट जोखिम और स्थिरता इन्हें एक आकर्षक विकल्प बनाती हैं. हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव इनकी वैल्यू को प्रभावित कर सकता है.
गिल्ट फंड से जुड़े 5 सबसे आम सवाल
1. गिल्ट फंड में निवेश कितना सुरक्षित है?
यह बहुत सुरक्षित है क्योंकि यह सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करता है, जहां डिफॉल्ट का जोखिम नहीं होता.
2. क्या गिल्ट फंड इक्विटी फंड से बेहतर रिटर्न दे सकता है?
आमतौर पर नहीं, लेकिन ब्याज दरें गिरने पर यह इक्विटी से बेहतर प्रदर्शन कर सकता है.
3. गिल्ट फंड में न्यूनतम निवेश कितना है?
ज्यादातर फंड में ₹500 से SIP शुरू की जा सकती है.
4. क्या गिल्ट फंड में कर लाभ मिलता है?
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (तीन साल से कम होल्ड करने पर) पर टैक्स इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर लगेगा. वहीं, लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (तीन साल से ज़्यादा होल्ड करने पर) पर 20% टैक्स (इंडेक्सेशन के साथ) लागू होता है.
5. गिल्ट फंड कब खरीदना चाहिए?
जब ब्याज दरें ऊंची हों और भविष्य में गिरने की संभावना हो
ये वीडियो भी देखिए: म्यूचुअल फ़ंड से बड़ी वैल्थ तैयार करने के 5 रूल क्या हैं?
ये लेख पहली बार मार्च 25, 2025 को पब्लिश हुआ.