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स्मॉल-कैप में बने रहें या निकल जाएं?

क्यों आपको स्मॉल-कैप में चल रही गिरावट से नहीं डरना चाहिए

स्मॉल-कैप में उथल-पुथल: क्या आपको निवेशित रहना चाहिए या बाहर निकल जाना चाहिए?Anand Kumar

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इन दिनों निवेश जगत में चर्चा है कि स्मॉल-कैप स्टॉक और फ़ंड के लिए चाकुओं को तेज़ किया जा रहा है. मौजूदा 25 प्रतिशत की गिरावट ने इंडस्ट्री के कई दिग्गजों को सख़्त घोषणाएं जारी करने के लिए प्रेरित किया है: अपने SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) को रोकें और अपनी जान बचाने के लिए भागें. हर कोई इस उठा-पटक वाले मार्केट सेग्मेंट में उतरने और कब बाहर निकलने की टाइमिंग को लेकर एक एक्सपर्ट लग रहा है.

जो बात मुझे इस स्थिति के बारे में आकर्षित करती है, वो केवल उतार-चढ़ाव नहीं है, बल्कि इसे लेकर हमारी सामूहिक प्रतिक्रिया है. जब बाज़ार ऊपर चढ़ता है, तो हम 'दृढ़ विश्वास' और 'दूरदर्शी नज़रिए' की बात करते हैं. जब वे गिरते हैं, तो ये गुण 'मूर्खता भरी ज़िद' और 'घाटे को कम करने में नाकामी' में बदल जाती हैं. ये विरोधाभास स्मॉल-कैप स्पेस में साफ़ है. आठ महीने पहले, निवेशक इन फ़ंड्स में निवेश करने के लिए ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रहे थे, उनके आकर्षक रिटर्न से मंत्रमुग्ध थे. आज, कई लोग बाहर निकलने के लिए सिर पर पांव रख कर दौड़े जा हैं, अपने निवेश के सिद्धांतों को उसी तरह त्याग रहे हैं जैसे राजनेता अपने वादे त्यागते हैं.

स्मॉल-कैप निवेश की सच्चाई, जो अक्सर बाज़ार की हलचल में खो जाती है, ये है कि इसे कभी भी आरामदायक नहीं माना जाता था. उतार-चढ़ाव केवल स्मॉल-कैप निवेश की ख़ूबी नहीं है; ये वही कारण है जिसके कारण ये शेयर ऊंचा रिटर्न देते हैं. जब हम इनमें उतरते हैं, तो हम एक कॉन्ट्रैक्ट पर दस्तख़त करते हैं: "मैं संभावित नाटकीय रिटर्न के लिए नाटकीय उतार-चढ़ाव को क़ीमत के रूप में स्वीकार करता हूं." फिर भी जब बाज़ार उस कॉन्ट्रैक्ट पर वसूली करता है, तो हमारी आंखें फटने लगती हैं, जैसे कि शर्तों में तो ऐसा कुछ कहा ही नहीं गया था.

इस बार हमारी कवर स्टोरी ये बता रही है, स्मॉल-कैप फ़ंड्स को रखने और बेचने के लिए शानदार वजहें हैं. फ़ैसला बाज़ार की स्थितियों पर नहीं बल्कि आपकी आर्थिक स्थिति, निवेश की समय सीमा और आपके भावनात्मक स्थिति पर निर्भर करता है.

मैंने जिन सबसे ज़्यादा जानकार निवेशकों से मुलाक़ात की है, वे बाज़ार की गिरावट को डर के साथ नहीं बल्कि नज़रिए के साथ देखते हैं. वे समझते हैं कि बाज़ार चक्रों यानि साइकल्स में चलते हैं, जिसमें बेतुके आशावाद के दौर के बाद उतने ही बेतुके निराशावाद का दौर होता है. स्मॉल कैप के साथ मौजूदा स्थिति इस साइकल की एक शानदार मिसाल है. एक साल से भी कम समय में, हम इस सोच में 'स्मॉल कैप कुछ भी ग़लत नहीं कर सकते' से आगे बढ़कर 'स्मॉल कैप कुछ भी सही नहीं कर सकते' पर आ चुके हैं, जबकि निवेश के सिद्धांतों में कोई बुनियादी बदलाव नहीं हुआ है. स्मॉल-कैप स्टॉक अपनी अनूठी ख़ूबियों के कारण ख़ासतौर से चुनौती भरे होते हैं. उनकी कम लिक्विडिटी का मतलब है कि उन पर बेचने का दबाव तेज़ी से बढ़ सकता है, जो एक स्वतःसिद्ध होने वाली भविष्यवाणी में बदल सकता है.

जब निवेशक घबरा जाते हैं और बेचने के लिए दौड़ पड़ते हैं, तो फ़ंड मैनेजर गिरते बाज़ार में बेचने के लिए मजबूर हो जाते हैं, और अक्सर ये तेज़ी के साथ प्रतिकूल क़ीमतों पर होता है, जिससे गिरावट और ज़्यादा बढ़ जाती है. ये लिक्विडिटी की चुनौती उस बात को ज़ाहिर करती है जिस पर मैं लंबे समय से विश्वास करता रहा हूं: निवेश के तरीक़ों को निवेश की समय सीमा से मेल खाना चाहिए. स्मॉल-कैप फ़ंड आपके तीन साल के लक्ष्यों या इमरजेंसी फ़ंड्स के लिए नहीं हैं. वे आपके पोर्टफ़ोलियो के उन हिस्सों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं जिन्हें आप सात, 10 या 15 साल के लिए बनाए रख सकते हैं.

शायद हमारी कवर स्टोरी से सबसे बेशक़ीमती नज़रिया स्मॉल-कैप स्टॉक और स्मॉल-कैप फ़ंड के बीच का अंतर है. बाद का प्रोफ़ेशनल मैनेजमेंट मार्केट की सबसे ख़राब ज़्यादतियों के ख़िलाफ़ एक अहम बफ़र बनाता है. जबकि 62 प्रतिशत इंडीविजुअल स्मॉल कैप माइक्रो कैप में बिगड़ जाते हैं, यहां तक जब फ़ंड मैनेजर बताते हैं कि केवल 11 प्रतिशत स्मॉल-कैप कंपनियां ही 'हाई क्वालिटी' के लायक़ हैं, फिर भी वे स्मॉल-कैप फ़ंड होल्डिंग्स का 60 प्रतिशत हिस्सा बनाती हैं, तो वे वैल्यू के प्रस्ताव को दिखाते हैं जो उनकी मैनेजमेंट फ़ीस को सही ठहराता है.

वर्तमान स्मॉल-कैप की उठापटक आत्म-चिंतन के लिए एक दुर्लभ अवसर देती है. ये पूछने के बजाय कि "क्या मुझे अपने स्मॉल-कैप फ़ंड बेचने चाहिए?" बेहतर सवाल ये होगा कि "क्या मैं पहले से ही स्मॉल-कैप निवेश के लिए सही था?" अगर मंदी आपको अपनी निवेश प्लान को छोड़ने के लिए प्रेरित करती है, तो इसका दोष बाज़ार और आपके निवेश के चुनाव और रिस्क सहने की क्षमता के बीच बेमेल हो सकता है.

आख़िरकार, निवेश का भाग्य अक्सर उन लोगों का पक्षधर होता है जिनके पास कौशल और धैर्य दोनों होते हैं. जो लोग दूसरों के खोने पर अपना धैर्य बनाए रख सकते हैं, वे पा सकते हैं कि स्मॉल कैप अभी भी एक अच्छी तरह से बने हुए पोर्टफ़ोलियो में अहम भूमिका निभाते हैं.

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