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प्रॉविडेंट फ़ंड क्या है?

PPF किसके लिए है और क्यों ये भारत के सबसे सुरक्षित निवेशों में से एक गिना जाता है

पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) क्या है? निवेश का सही तरीका और अधिकतम लाभ

क्या आप चाहते हैं कि आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहे, उस पर अच्छा ब्याज मिले और साथ ही टैक्स भी न लगे? अगर हां, तो पब्लिक प्रॉविडेंट फ़ंड (PPF) आपके लिए सबसे बेहतरीन निवेश तरीक़ा हो सकता है.

PPF भारत सरकार द्वारा गारंटीड (Sovereign Guaranteed) निवेश योजना है, जिसमें 15 साल का लॉक-इन होता है और इसमें चक्रवृद्धि ब्याज (Compounded Interest) का फ़ायदा मिलता है. ये EEE (Exempt-Exempt-Exempt) कैटेगरी में आता है, जिसका मतलब है कि इसमें निवेश करने, ब्याज मिलने और मैच्योरिटी पर मिली राशि—तीनों पर टैक्स नहीं लगता.

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि PPF क्या है, ये कैसे काम करता है और इसमें निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? साथ ही इस लेख में हम PPF बनाम दूसरे निवेश के विकल्पों की तुलना करेंगे और जानेंगे कि आप PPF से ज़्यादा से ज़्यादा मुनाफ़ा कैसे पा सकते हैं. अंत में PPF पर टैक्स और उससे पैसा निकालने के नियमों पर भी चर्चा होगी. तो, आइए शुरू करते हैं.

1. PPF क्या है? (PPF Meaning in Hindi)
पब्लिक प्रॉविडेंट फ़ंड (Public Provident Fund - PPF) भारत सरकार द्वारा 1968 में शुरू किया गया लंबी अवधि का बचत और निवेश का ज़रिया है. इसका मुख्य उद्देश्य स्व-रोज़गार और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को रिटायरमेंट की बचत का मौक़ा देना था, लेकिन आज ये वेतन पाने वाले और व्यावसायिक निवेशकों के बीच भी लोकप्रिय हो गया है.

PPF की बड़ी ख़ूबियां क्या हैं?

  • लॉक-इन पीरियड: 15 साल (5-5 साल के ब्लॉक में एक्सटेंशन संभव)
    PPF में निवेश करने के बाद आपकी राशि 15 साल तक लॉक रहती है, यानि आप इसे बीच में पूरी तरह से नहीं निकाल सकते. हालांकि, मैच्योरिटी के बाद आप इसे 5-5 साल के ब्लॉक में बढ़ाकर जारी रख सकते हैं, जिससे ब्याज का फ़ायदा मिलता रहता है.
  • न्यूनतम निवेश: ₹500 सालाना
    PPF अकाउंट चालू रखने के लिए आपको हर साल कम से कम ₹500 का निवेश करना ज़रूरी है. अगर आप न्यूनतम राशि भी जमा नहीं करते हैं, तो अकाउंट निष्क्रिय (Inactive) हो सकता है, जिसे दोबारा एक्टिव करने के लिए कुछ जुर्माना भरना पड़ सकता है.
  • अधिकतम निवेश: ₹1.5 लाख सालाना
    PPF में एक व्यक्ति हर साल अधिकतम ₹1.5 लाख तक ही निवेश कर सकता है, इससे ज़्यादा रक़म डालने पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं मिलेगा. पति-पत्नी और बच्चों के नाम पर अलग-अलग खाते खोले जा सकते हैं, लेकिन कुल मिलाकर ये सीमा सभी खातों पर लागू होती है.
  • ब्याज दर: 7.1% (जनवरी-मार्च 2025)
    PPF की ब्याज दर को सरकार द्वारा हर तिमाही (तीन महीने) में संशोधित किया जाता है और ये बाज़ार की स्थितियों के अनुसार बदलती रहती है. वर्तमान में (जनवरी-मार्च 2025) ये रेट 7.1% सालाना है, जो बैंक FD से ज़्यादा है.
  • टैक्स छूट: धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की कटौती
    PPF में निवेश करने पर आपको आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है, जो अधिकतम ₹1.5 लाख सालाना तक होती है. इसके अलावा, PPF की ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली पूरी राशि भी टैक्स-फ़्री होती है.
  • रिस्क: सरकार द्वारा गारंटीड, पूरी तरह सुरक्षित
    PPF में आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित (Risk-Free) रहता है, क्योंकि ये भारत सरकार द्वारा गारंटीड निवेश योजना है. ये शेयर बाज़ार या दूसरे उतार-चढ़ाव वाले निवेशों की तुलना में बिल्कुल रिस्क-फ़्री होता है और लंबी अवधि में तयशुदा या सुनिश्चित रिटर्न देता है.
  • आंशिक निकासी: 7 साल के बाद संभव
    PPF खाते में जमा राशि 7 साल पूरे होने के बाद आंशिक रूप से निकाली जा सकती है, लेकिन ये कुछ शर्तों के साथ सीमित राशि तक ही संभव है. निकासी की अनुमति स्वास्थ्य ख़र्च, उच्च शिक्षा या अन्य विशेष परिस्थितियों के लिए दी जाती है.
  • लोन की सुविधा: 3 से 6 साल के बीच मिल सकता है
    PPF में निवेश करने के बाद, तीसरे और छठे वित्तीय वर्ष के बीच आप अपनी जमा राशि के 25% तक का लोन ले सकते हैं. इस लोन पर ब्याज दर PPF का रेट से केवल 1% ज़्यादा होता है, जिससे ये बैंक लोन की तुलना में किफ़ायती होता है.

2. PPF की ब्याज दर और रिटर्न
PPF की ब्याज दर को वित्त मंत्रालय हर तिमाही निर्धारित करता है. ये दर बैंक FD और दूसरे निश्चित आय (fixed income) निवेशों की तुलना में आमतौर पर ज़्यादा होती है.

PPF ब्याज दर का इतिहास (सालाना दर)

अवधि ब्याज दर (%)
01.01.2018 TO 30.09.2018 7.6
01.10.2018 TO 31.06.2019 8.0
01.07.2019 TO 31.03.2020 7.9
01.04.2020 TO 31.03.2025 7.1
[स्रोत: नेशनल सेविंग्स इंस्टीट्यूट]

ये भी पढ़िए- डायरेक्ट म्यूचुअल फ़ंड क्या होते हैं?

ब्याज कैसे कैलकुलेट होता है?
PPF में ब्याज का कैलकुलेशन: एक मिसाल के साथ समझें

PPF में ब्याज का कैलकुलेशन मासिक आधार पर होती है लेकिन कंपाउंडिंग (चक्रवृद्धि) सालाना रूप से होती है. इसका मतलब ये है कि हरेक महीने के अंत में आपके खाते में जो बैलेंस होता है, उसी पर ब्याज लगाया जाता है, लेकिन ये ब्याज हर साल मार्च में ही खाते में जोड़ा जाता है.

एक उदाहरण लेते हैं: मान लीजिए कि आप हर महीने ₹10,000 PPF खाते में जमा करते हैं और ब्याज दर 7.1% सालाना है. अब, अगर आप हर महीने 5 तारीख से पहले पैसे जमा करते हैं, तो ब्याज की गणना पूरे महीने के लिए होगी.

महीना खाते में जमा राशि (₹) महीने के ख़त्म होने पर बैलेंस (₹) मासिक ब्याज (₹)
अप्रैल 10,000 10,000 59.16
मई 10,000 20,000 118.33
जून 10,000 30,000 177.50
जुलाई 10,000 40,000 236.66
अगस्त 10,000 50,000 295.83
सितंबर 10,000 60,000 355.00
अक्टूबर 10,000 70,000 414.16
नवंबर 10,000 80,000 473.33
दिसंबर 10,000 90,000 532.50
जनवरी 10,000 1,00,000 591.66
फ़रवरी 10,000 1,10,000 650.83
मार्च 10,000 1,20,000 710.00

वार्षिक ब्याज: अब इन सभी मासिक ब्याज को जोड़ने पर आपको साल का कुल ब्याज मिलेगा, जो मार्च के अंत में आपके खाते में जोड़ दिया जाएगा.

PPF में ब्याज पाने की सर्वश्रेष्ठ रणनीति
अगर आप महीने की 5 तारीख से पहले निवेश करते हैं, तो ब्याज पूरे महीने के लिए कैलकुलेट किया जाता है.

अगर आप 5 तारीख़ के बाद निवेश करते हैं, तो ब्याज अगले महीने से कैलकुलेशन में शामिल होगा.

इसलिए, सालाना निवेश करने की बजाय हर महीने 5 तारीख़ से पहले राशि जमा करना बेहतर होता है, ताकि आपको ज़्यादा ब्याज मिले.

अगर आप साल में एक बार ही निवेश करना चाहते हैं, तो इसे अप्रैल महीने में ही ₹1.5 लाख का निवेश कर दें. इससे पूरे साल का ब्याज मिलेगा, और आपका रिटर्न ज़्यादा होगा.

3. PPF पर टैक्स छूट और लाभ
PPF को Exempt-Exempt-Exempt (EEE) कैटेगरी में रखा गया है, जिसका अर्थ है कि:

  • निवेश की गई राशि पर धारा 80C के तहत टैक्स छूट (₹1.5 लाख तक) मिलती है.
  • ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता.
  • मेच्योरिटी पर मिलने वाली पूरी राशि टैक्स-फ़्री होती है.

4. PPF में निकासी और लिक्विडिटी के नियम
समय से पहले पैसे निकालने के नियम

  • 7 साल पूरे होने के बाद आंशिक निकासी की अनुमति है.
  • 5 साल पूरे होने के बाद गंभीर बीमारी, शिक्षा या NRI बनने की स्थिति में पूरी निकासी संभव है.

PPF पर लोन लेने की सुविधा

  • 3 से 6 साल के बीच लोन लिया जा सकता है.
  • अधिकतम लोन राशि खाते में उपलब्ध राशि की 25% तक हो सकती है.
  • ब्याज दर: 1% (समय पर चुकाने पर), वरना 6%.

ये भी पढ़िए- बाज़ार में उथल-पुथल के दौर में म्यूचुअल फ़ंड आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प क्यों है?

5. PPF बनाम दूसरे निवेश विकल्पों की तुलना

निवेश विकल्प ब्याज दर लॉक-इन टैक्स लाभ रिस्क
PPF 7.10% 15 साल 80C + टैक्स-फ्री ब्याज कोई नहीं
बैंक FD (5 वर्ष) 6-7% 5 साल 80C (ब्याज पर टैक्स) कम
ELSS (म्यूचुअल फ़ंड) 12-15%* 3 साल 80C (लाभ टैक्सेबल) हाई
NPS (रिटायरमेंट प्लानिंग) 9-11%* 60 वर्ष तक 80C + 80CCD(1B) मीडियम

6. PPF से अधिकतम लाभ कैसे पाएं?

1. जल्दी निवेश करें
साल की शुरुआत (अप्रैल) में निवेश करने से अधिक ब्याज मिलेगा. PPF में ब्याज की गणना मासिक आधार पर की जाती है लेकिन इसे साल में एक बार, मार्च में क्रेडिट किया जाता है. यदि आप अप्रैल में ही पूरी ₹1.5 लाख की राशि जमा कर देते हैं, तो इस पर पूरे 12 महीने का ब्याज मिलेगा. इसके विपरीत, यदि आप हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश करते हैं, तो उस राशि पर केवल शेष महीनों का ब्याज मिलेगा. इसलिए, अप्रैल में निवेश करना सबसे अच्छा होता है.

2. सालाना ₹1.5 लाख जमा करें
PPF में ब्याज चक्रवृद्धि दर (compounded annually) पर मिलता है, इसलिए जितनी अधिक राशि होगी, उतना ही ज्यादा ब्याज मिलेगा. हर साल अधिकतम ₹1.5 लाख जमा करने से आपका निवेश तेजी से बढ़ेगा और मैच्योरिटी पर ज्यादा राशि मिलेगी. यदि कोई व्यक्ति हर साल ₹1.5 लाख निवेश करता है, तो 15 साल बाद उसे लगभग ₹40 लाख तक की राशि टैक्स-फ़्री मिल सकती है.

3. एक्सटेंशन का लाभ लें
PPF की मैच्योरिटी अवधि 15 साल होती है, लेकिन आप इसे 5-5 साल के ब्लॉक में बढ़ा सकते हैं. अगर आपको तुरंत पैसों की ज़रूरत नहीं है, तो इस एक्सटेंशन का फ़ायदा लें, क्योंकि PPF पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्स-फ़्री होता है. ये एक्सटेंशन दो तरीक़ों से संभव है:

  • नया निवेश जारी रखते हुए : इससे मैच्योरिटी के बाद भी ब्याज और रिटर्न बढ़ता रहेगा.
  • बिना नया निवेश किए: आपका पुराना बैलेंस बना रहेगा और उस पर ब्याज मिलता रहेगा.

अगर आप PPF से अधिकतम लाभ पाना चाहते हैं, तो अप्रैल में एकमुश्त निवेश करें, हर साल ₹1.5 लाख तक जमा करें और एक्सटेंशन का फ़ायदा उठाएं. इससे आपकी बचत ज़्यादा होगी और टैक्स-फ़्री रिटर्न भी मिलेगा.

PPF से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. क्या मैं PPF में सालाना ₹1.5 लाख से ज़्यादा निवेश कर सकता हूं?
नहीं, अधिकतम सीमा ₹1.5 लाख सालाना है.

2. PPF में आंशिक निकासी कब कर सकते हैं?
7 साल के बाद आंशिक निकासी की अनुमति है.

3. क्या PPF खाता ऑनलाइन खोला जा सकता है?
हां, बैंक की नेट बैंकिंग सेवा के ज़रिए PPF खाता खोला जा सकता है.

ये भी पढ़िए- शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और निवेश में क्या अंतर है?

ये लेख पहली बार मार्च 18, 2025 को पब्लिश हुआ.

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