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रोनाल्ड जेम्स रीड ऐसे शख़्स नहीं थे, जिनसे आप करोड़पति बनने की उम्मीद करते. 1921 में जन्मे, रोनाल्ड वर्मोंट के एक छोटे से फ़ार्म में पले-बढ़े और हाई स्कूल के लिए रोज़ाना पैदल चलकर और लिफ्ट लेकर चार मील जाते थे. दूसरे विश्व युद्ध में सेवाएं देने के बाद, रीड अपने होम-टाउन लौट आए और एक गैस स्टेशन अटेंडेंट और मैकेनिक के रूप में नौकरी की. बाद में, उन्होंने रिटायरमेंट तक एक डिपार्टमेंटल स्टोर में चौकीदार के तौर पर काम किया. ख़र्च के मामले वो बेहद किफ़ायती रहे, मामूली कपड़े पहनते थे और कार हमेशा सेकंड-हैंड होती थी.
फिर भी, जब 2014 में 92 साल की उम्र में उनका निधन हुआ, तो इस आम आदमी ने अपने पीछे 8 मिलियन डॉलर (वर्ष 2014 के एक्सचेंज रेट के मुताबिक़ लगभग ₹49 करोड़ से ज़्यादा) की संपत्ति छोड़ गए. इसमें से, उन्होंने 4.8 मिलियन डॉलर (लगभग ₹29 करोड़ से ज़्यादा) एक अस्पताल को और 1.2 मिलियन डॉलर (लगभग ₹7 करोड़ ज़्यादा) अपनी स्थानीय लाइब्रेरी को दान कर दिए. इस ख़बर ने सभी को चौंका दिया. कोई ऐसा शख़्स जिसने अपनी पूरी ज़िंदगी गैस स्टेशन मरीन काम करने और फ़र्श साफ़ करने में बिताई हो, वो चुपचाप इतनी दौलत कैसे जमा कर सकता है? इसका जवाब उनके पैसे के प्रति सरल नज़रिए में छिपा है, जो स्थायी संपत्ति बनाने की चाह रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए बेहद ख़ास सीख देता है.
धैर्य और कंपाउंडिंग की ताक़त
रीड ने ये दौलत कोई लॉटरी जीतकर या ऊंचे जोखिम वाले निवेश से नहीं बनाई थी. बल्कि, ये अनुशासित निवेश, धैर्य और कंपाउंडिंग के जादू का नतीजा थी.
रीड ने प्रॉक्टर एंड गैंबल, वेल्स फ़ार्गो और जॉनसन एंड जॉनसन जैसी भारी भरकम डिविडेंड देने वाली कंपनियों के शेयर ख़रीदे और दशकों तक उन्हें अपने पास रखा. साथ ही, समय के साथ डिविडेंड को दोबारा निवेश करते रहे.
कई निवेशक शेयर बाज़ार के लेटेस्ट ट्रेंड का पीछा करते हैं, जिससे उन्हें जल्दी मुनाफ़ा कमाने की उम्मीद होती है. हालांकि, रीड अगली बड़ी चीज की तलाश में नहीं थे; वो ऐसे बिज़नेस की तलाश में थे जो समय के साथ लगातार बढ़ने की अपनी क्षमता साबित कर चुके थे. उनका बेजोड़ धैर्य और लॉन्ग-टर्म निवेश के लिए उनके कमिटमेंट ने उनकी मामूली बचत को कई मिलियन डॉलर के पोर्टफ़ोलियो में तब्दील कर दिया. उनकी कहानी इस बात का सबूत है कि छोटे मगर लगातार निवेश भी बिना किसी रुकावट के बड़ी संपत्ति में बदल सकते हैं.
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जिसकी आपको समझ हो उसमें ही निवेश करें
जहां कई निवेशक बाज़ार की सनक, जटिल फ़ाइनेंशियल प्रॉडक्ट या सट्टेबाजी के ट्रेंड में फ़स जाते हैं, रीड ने उन बिज़नेस पर फ़ोकस किया जिसकी उन्हें समझ थी. उन्होंने ब्लू-चिप स्टॉक मज़बूत मूल बातों और स्थिरता के इतिहास वाली अच्छी स्थापित कंपनियों में निवेश किया. उन्होंने तेज़ी से बढ़ते सेक्टर्स से जुड़ी सुर्खियों को ज़्यादा तवज्जो नहीं दी और न ही बाज़ार में मंदी के दौरान घबराए. इसके बजाय, वो अपने निवेश में बने रहे, ये मानते हुए कि बाज़ार उन लोगों को फ़ायदा पहुंचाता है जो लंबे समय तक टिके रहते हैं.
चीजों को सरल रखकर और केवल उन्हीं बिज़नस में निवेश करके जिन्हें वे समझ सकते थे, वो बेवजह के जोखिमों से बचे रहे. उनकी स्ट्रैटेजी वॉरेन बफे़ के एक ख़ास नियम के अनुरूप है: कभी भी ऐसे बिज़नेस में निवेश न करें जिसे आप समझ नहीं सकते.
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अपनी क्षमता से कम में गुजर-बसर करना
अपनी दौलत के बावजूद, रीड ने कभी भी शान-शौकत से ज़िंदगी नहीं गुज़ारी. वो एक सेकंड हैंड टोयोटा में चलते थे, एक साधारण घर में रहते थे, और किसी को काम सौंपने के बजाय चीजें खुद ठीक करना पसंद करते थे. उनकी किफ़ायत करने की आदत मजबूरी से नहीं बल्कि उनकी पसंद की वजह से थी. उन्होंने समझा कि फ़ाइनेंशियल फ़्रीडम इस बात पर निर्भर नहीं करती है कि आप कितना कमाते हैं, बल्कि ये इस बात निर्भर करती है कि आप कितना बचाते और निवेश करते हैं.
कई लोग इसलिए संघर्ष करते हैं क्योंकि उनके पास इनकम की कमी नहीं है, बल्कि इसलिए क्योंकि उनका लाइफ़स्टाइल ही ऐसा है जिसमें ख़र्चे का बहुत हैं. उनकी कमाई के साथ-साथ उनके ख़र्चे भी बढ़ते जाते हैं, जिससे वेल्थ बनाना मुश्किल हो जाता है. रीड की ज़िंदगी हमें ये याद दिलाती है कि फ़ाइनेंशियल सिक्योरिटी का मतलब महंगी ख़रीदारी या दिखावा करने में नहीं है. ये अनुशासन, संयम में है और ये पक्का करने में है कि पैसा लक्ज़री चीज़ों में ख़र्च होने के बजाए आपके लिए काम कर रहा है.
शांति से बनाई गई दौलत की विरासत
जब रीड की दौलत जगजाहिर हुई, तो उनके आसपास के लोगों को यक़ीन नहीं हुआ. किसी को भी ये अंदाज़ा नहीं था कि ये मामूली मैकेनिक और चौकीदार इतनी बड़ी पूंजी बना सकता था. ब्रैटलबोरो मेमोरियल अस्पताल और स्थानीय लाइब्रेरी को लाखों डॉलर दान देने की उनकी उदारता ने समुदाय को वापस देने के प्रति उनके भरोसे को दर्शाया, जो दशकों से उनका घर रहा है.
रोनाल्ड रीड ने भले ही अपने दिन टायरों की मरम्मत और फ़र्श की सफ़ाई में करने में गुज़ारे हों, लेकिन उनकी फ़ाइनेंशियल सूझबूझ बाक़ी लोगों से कहीं ज़्यादा अच्छी थी. उनकी कहानी उन लोगों के लिए एक ब्लूप्रिंट है जो बड़ी पूंजी बनाना चाहते हैं: अपनी क्षमता से कम ख़र्च करें, मज़बूत बिज़नेस में लगातार निवेश करें और समय को अपना जादू दिखाने दें. रोनाल्ड रीड का ये फ़ाइनेंशियल सफ़र हमें याद दिलाता है कि फ़ाइनेंशियल सफ़लता सिर्फ़ वॉल स्ट्रीट तक सीमित नहीं है. ये उन सभी के लिए है जो इन सरल लेकिन दमदार सिद्धांतों का पालन करने को तैयार है.
और शायद, रीड की तरह, हम भी अपने पीछे ख़ुद से भी बड़ी कोई चीज़ छोड़ जाएंगे
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ये लेख पहली बार मार्च 20, 2025 को पब्लिश हुआ.