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म्यूचुअल फ़ंड में SWP क्या है?

निवेश की दुनिया में एक ऐसा प्लान, जो हर महीने पैसे दे!

म्यूचुअल फ़ंड में SWP क्या है? जानिए कैसे बना सकता है आपके निवेश को फायदेमंदAdobe Stock

म्यूचुअल फ़ंड निवेश का मक़सद सिर्फ़ रिटर्न कमाना नहीं, बल्कि सही समय पर सही पैसे निकालना भी है. अगर आप चाहते हैं कि आपका निवेश हर महीने या तय अंतराल पर आपको पैसे देता रहे, तो 'सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान' (SWP) एक शानदार तरीक़ा हो सकता है.

चलिए, यहां विस्तार से समझते हैं कि SWP क्या है, ये कैसे काम करता है और किस तरह ये आपकी फ़ाइनेंशियल प्लानिंग का अहम हिस्सा बन सकता है.

SWP क्या है और ये कैसे काम करता है?

SWP यानी Systematic Withdrawal Plan - ये म्यूचुअल फ़ंड से पैसा निकालने का एक व्यवस्थित यानि सिस्टमैटिक तरीक़ा है. इसमें आप अपने फ़ंड से तय समयांतराल (जैसे मासिक, तिमाही, सालाना) पर एक निश्चित राशि निकाल सकते हैं.

SWP की प्रक्रिया:

  • फ़ंड चुनें - सबसे पहले, आपको किसी म्यूचुअल फ़ंड स्कीम में निवेश करना होगा.
  • SWP सेट करें - तय करें कि आप कितनी राशि और कितनी बार निकालना चाहते हैं.
  • ऑटोमैटिक पेमेंट - ये राशि आपके बैंक खाते में नियमित अंतराल पर ट्रांसफ़र हो जाएगी.

कब और क्यों ज़रूरी है SWP? - असल ज़िंदगी की मिसालों से समझें

अब तक हमने जाना कि SWP क्या है और ये कैसे काम करता है. लेकिन असल ज़िंदगी में इसे कब और क्यों इस्तेमाल किया जाता है? आइए कुछ उदाहरणों से इसे और साफ़-साफ़ देखते हैं:

1. रिटायरमेंट के बाद की इनकम

अरुण, 60 साल के एक सरकारी कर्मचारी, ने अपनी ज़िंदगी भर की कमाई को एक म्यूचुअल फ़ंड में निवेश किया था. रिटायरमेंट के बाद उनकी मासिक आय का कोई ज़रिया नहीं था.

अरुण ने अपने इक्विटी हाइब्रिड फ़ंड में से हर महीने ₹30,000 निकालने के लिए SWP सेट कर दिया. इससे उन्हें एक पेंशन जैसी नियमित आमदनी मिलती रही और उनके फ़ंड का पैसा भी लंबे समय तक बढ़ता रहा.

2. बच्चों की शिक्षा के लिए फ़ंडिंग

नेहा और समीर के बेटे को 5 साल बाद कॉलेज जाना था. उन्होंने इक्विटी फ़ंड में निवेश किया था, लेकिन अब कॉलेज की फ़ीस के लिए पैसे निकालने की ज़रूरत थी.

उन्होंने अगले 4 साल के लिए हर तिमाही ₹50,000 निकालने का प्लान बनाया. इससे उन्हें बिना किसी बोझ के अपने बेटे की पढ़ाई का ख़र्च कवर करने में मदद मिली.

3. सैलरी के अलावा एक एक्स्ट्रा इनकम सोर्स

अजय एक IT प्रोफ़ेशनल हैं, जो फ़ुल-टाइम नौकरी के साथ-साथ पैसिव इनकम भी चाहते हैं. वो फ़िक्स्ड डिपॉज़िट की कम ब्याज दरों से संतुष्ट नहीं थे.

उन्होंने बैलेंस्ड एडवांटेज फ़ंड में निवेश किया और हर महीने ₹20,000 SWP के ज़रिए निकालने का फ़ैसला किया. इस तरह, उनका निवेश भी बढ़ता रहा और उन्हें सैलरी के अलावा एक एक्स्ट्रा इनकम भी मिलती रही.

4. महंगाई से बचाव और FD का बेहतर विकल्प

रवि ने 10 साल पहले ₹20 लाख FD में लगाए थे, लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ कि कम ब्याज दरों की वजह से महंगाई उनकी इनकम को कम कर रही है.

रवि ने एक डेट फ़ंड में निवेश करके SWP शुरू किया, जिससे उन्हें FD से बेहतर रिटर्न मिला और महंगाई के असर से उनकी इनकम सुरक्षित है.

ये भी पढ़िए- शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और निवेश में क्या अंतर है?

SWP आपके लिए क्यों सही हो सकता है?

तो समझ में ये आता है कि नियमित तौर पर आमदनी पाने के कई कारण हो सकते हैं और मोटे तौर पर इन चार कारणों को समझ कर पता लगता है कि कौन से लोग और क्यों SWP का फ़ायदा उठाने की सोचेंगे.

  • रिटायरमेंट इनकम: आपको हर महीने एक फ़िक्स्ड अमाउंट चाहिए.
  • बच्चों की पढ़ाई या अन्य बड़े ख़र्चों के लिए: अगर आपको तय समय पर पैसों की ज़रूरत पड़ती है.
  • सैलरी के अलावा एक पैसिव इनकम सोर्स: अगर आप बिना काम किए भी नियमित इनकम चाहते हैं.
  • महंगाई से बचाव: FD से बेहतर विकल्प जो आपकी पूंजी को बढ़ाता भी है.

इस तरह, SWP सिर्फ़ निवेश से पैसे निकालने का प्लान ही नहीं, बल्कि स्मार्ट फ़ाइनेंशियल प्लानिंग का हिस्सा है. ये आपकी ज़रूरत के हिसाब से आपके निवेश को आपके लिए काम पर लगाता है!

SIP बनाम SWP: क्या फ़र्क़ है?

ख़ासियत SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) SWP (सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान)
मक़सद नियमित निवेश करना नियमित पैसे निकालना
पैसा कहां जाता है? फ़ंड में जोड़ता है फ़ंड से घटाता है
किसके लिए युवाओं और लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए रिटायरमेंट प्लानिंग और इनकम जनरेशन के लिए
टैक्सेशन जब तक निवेश रहता है, टैक्स नहीं लगता पैसे निकालने पर टैक्स लागू हो सकता है

SWP के फ़ायदे क्या हैं?

स्टोरी में अब तक कही गई बातों और ऊपर दी गई टेबल इसकी इन ख़ूबियों को दिखाती है:

  • नियमित इनकम: ये उन निवेशकों के लिए आदर्श है जो म्यूचुअल फ़ंड से एक लगातार मिलने वाला भरोसमंद कैश फ़्लो चाहते हैं.
  • टैक्स में बचत: अगर आप इक्विटी फ़ंड से SWP कर रहे हैं और होल्डिंग पीरियड 1 साल से ज़्यादा है, तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) के तहत ₹1.25 लाख तक की कमाई टैक्स-फ्री होगी.
  • बाज़ार के उतार-चढ़ाव से सुरक्षा: SWP के तहत आपको मुनाफ़ा बुक करने का मौक़ा मिलता है, जिससे आप मार्केट के गिरने की स्थिति में भी बेहतर स्थिति में रहते हैं.
  • रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए बेहतरीन विकल्प: पेंशन की तरह यह आपको मासिक आय देता है.
  • इन्फ़्लेशन के ख़िलाफ़ सुरक्षा: FD या दूसरी पारंपरिक स्कीमों के मुक़ाबले, SWP से मिलने वाली राशि में बढ़ोतरी का मौक़ा रहता है.

ये भी पढ़िए- रियल एस्टेट में निवेश: फ़ायदे और नुक़सान जो आपको जानने चाहिए

SWP के लिए कौन-से फ़ंड्स बेहतर हैं?

अब सवाल है कि अगर हम इस नज़रिए से निवेश शुरू करें कि कुछ साल बाद हमें अपने निवेश से SWP के ज़रिए पैसे निकालने होंगे तो इस काम के लिए कौन से फ़ंड में पैसा लगा सकते हैं. तो देखिए, फ़ंड का चुनाव आपके निवेश के लक्ष्य या गोल के मुताबिक़ होता है और साथ ही निवेश की अवधि और पैसे के साथ रिस्क लेने की आपकी क्षमता का भी फ़ंड की कैटेगरी तय करने में बड़ा रोल होना चाहिए. मगर मोटे तौर पर हम एक लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टिंग के लिए आपको कहेंगे कि आप नीचे दिए गए फ़ंड टाइप को अपने लंबे समय के निवेश के लिए चुन सकते हैं.

  • हाइब्रिड फ़ंड्स: इक्विटी और डेट का संतुलन बनाए रखते हैं.
  • बैलेंस्ड एडवांटेज फ़ंड्स: बाज़ार की स्थिति के मुताबिक़ इक्विटी और डेट का एलोकेशन बदलता रहता है.
  • लार्ज-कैप फ़ंड्स: स्टेबल रिटर्न देते हैं, जिससे लंबे समय तक SWP को बनाए रखना आसान होता है.
  • डायनामिक बॉन्ड फ़ंड्स: रिटायरमेंट इनकम के लिए बेहतर होते हैं.

ऊपर दी गई टेबल में फ़ंड कैटेगरी का औसत दिखाया गया है. यानि आप अगर समझदारी से फ़ंड चुनते हैं तो आपको ज़्यादा रिटर्न मिल सकता है. फ़ंड के चुनाव में हम भी आपकी मदद कर सकते हैं.

हमारा फ़ंड स्क्रीनर आपको हर कैटेगरी के फ़ंड्स में से बेस्ट फ़ंड्स की लिस्ट मिलेगी और उसके साथ-साथ उनके प्रदर्शन के तमाम पैरामीटर दिखाएगा, ताकि आप एक सोचा-समझा फ़ैसला ले सकें. हां, एक बात याद रखिए, पिछला प्रदर्शन किसी फ़ंड के आगे के प्रदर्शन की गारंटी नहीं होता.

SWP के लिए बेहतर फ़ंड्स और उनका चुनाव किस आधार पर करें?

SWP से नियमित रूप से पैसे निकालने का फ़ायदा तभी मिलेगा जब आपका निवेश सही फ़ंड में हो. इसलिए चाहे आप कोई भी फ़ंड चुनें पर नीचे दी गई बातों को ध्यान में रखना अच्छा रहेगा:

  • संतुलित ग्रोथ और स्थिरता - फ़ंड्स को ऐसा चुना गया है जो न सिर्फ़ रिटर्न दे, बल्कि उतार-चढ़ाव (volatility) को भी नियंत्रित रखें.
  • विदड्रॉल का प्रभाव नकारात्मक न हो - ऐसे फ़ंड्स जो लंबी अवधि में अच्छा प्रदर्शन करें, जिससे SWP जारी रखने में कोई मुश्किल पेश न आए.
  • टैक्स कुशलता (Tax Efficiency) - जो फ़ंड्स SWP पर बेहतर टैक्स बेनेफ़िट दें.

यानि, कुल मिला कर बात ये है कि सही फ़ंड का चुनाव पूरी तरह इस पर निर्भर करता है कि आपको कितनी स्थिरता और कितनी ग्रोथ चाहिए.

ये भी पढ़िए- Debt Fund या स्मॉल फ़ाइनांस बैंक में FD, क्या सुरक्षित है?

SWP एक स्मार्ट विकल्प क्यों है?

अगर आप चाहते हैं कि आपका निवेश सिर्फ़ बढ़े ही नहीं, बल्कि आपके ख़र्चों को भी पूरा करे, तो SWP एक अच्छी प्लानिंग वाला और स्मार्ट फ़ाइनेंशियल टूल साबित हो सकता है. ये आपको फ़ाइनेंशियल फ़्रीडम देता है और आपके पैसे को लंबे समय तक आपके लिए काम करने देता है.

अगर आप म्यूचुअल फ़ंड्स से रेग्युलर इनकम चाहते हैं, तो SWP एक बेहतरीन रणनीति हो सकती है. ये आपको अपने निवेश पर कंट्रोल देता है और मार्केट रिस्क को भी सीमित करता है.

SWP पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

SWP में कितनी न्यूनतम राशि निकाली जा सकती है?

ये फ़ंड और AMC पर निर्भर करता है, लेकिन आमतौर पर ₹500-₹1000 न्यूनतम राशि होती है.

क्या SWP के जरिए सभी म्यूचुअल फ़ंड्स से पैसा निकाला जा सकता है?

हां, लेकिन इक्विटी और डेट फ़ंड्स के लिए टैक्सेशन अलग-अलग होगा.

क्या SWP में मेरा मूलधन ख़त्म हो सकता है?

हां, अगर निकासी की राशि बहुत ज़्यादा होगी और रिटर्न कम हुआ तो.

क्या मैं SWP के तहत निकासी रोक सकता हूं या बदल सकता हूं?

हां, आप किसी भी समय SWP को रोक सकते हैं या निकासी की राशि बदल सकते हैं.

SWP और FD में क्या बेहतर है?

FD फिक्स्ड रिटर्न देता है, जबकि SWP से मार्केट-लिंक्ड हाई रिटर्न मिलने की संभावना रहती है. टैक्स के लिहाज़ से भी SWP ज़्यादा फ़ायदेमंद हो सकता है.

ये भी पढ़िए- इंडेक्स फ़ंड बनाम ETF: क्या अंतर है?

ये लेख पहली बार मार्च 13, 2025 को पब्लिश हुआ.

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