वैल्यू रिसर्च धनक से पूछें

कैसे शॉर्ट टर्म लॉस से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स कम कर सकते हैं?

जानिए, ऐसी सरल रणनीति जो आपको अपने टैक्स के बोझ को कम करने में मदद कर सकती है

अल्पकालिक घाटे से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर कैसे कम होता है?AI-generated image

मैंने इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड से ₹1.25 लाख से ज़्यादा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) कमाया हैं. क्या मैं टैक्स कम करने के लिए अपने शॉर्ट-टर्म कैपिटल लॉस (STCL) का इस्तेमाल कर सकता हूं? - सत्य नारायण गोट्टीपति

हां, आप ऐसा कर सकते हैं! अगर इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड से आपका लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) एक फ़ाइनेंशियल ईयर में ₹1.25 लाख से ज़्यादा है, तो अतिरिक्त रक़म पर 12.5 फ़ीसदी टैक्स लगता है. हालांकि, अगर आपको इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड से शॉर्ट-टर्म कैपिटल लॉस (STCL) है, तो आप इसका इस्तेमाल इस कर योग्य रक़म को कम करने और अपने टैक्स बिल को कम करने के लिए कर सकते हैं.

यहां लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म का क्या मतलब है?

  • लॉन्ग टर्म: एक साल से ज़्यादा समय तक रखे गए इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड से होने वाला फ़ायदा या नुक़सान.
  • शॉर्ट टर्म: एक साल के भीतर बेचे गए इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड से होने वाला फ़ायदा या नुक़सान.

ये भी पढ़िए- शेयर मार्केट में लगातार गिरावट, क्या आपको बंद कर देनी चाहिए SIP?

अपना LTCG टैक्स कैसे कम करें
मान लीजिए कि आपने इस साल इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड से ₹2 लाख का लॉन्ग-टर्म गेन कमाया है. पहले ₹1.25 लाख टैक्स-फ़्री हैं, लेकिन बाक़ी ₹75,000 12.5 फ़ीसदी की दर से टैक्सेबल हैं, जिसका मतलब है कि आपको ₹9,375 टैक्स देना होगा.

अब, मान लें कि आपने कम क़ीमत पर एक और इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड बेचकर ₹50,000 (शॉर्ट-टर्म कैपिटल लॉस) भी गंवा दिए हैं. आप इस ₹50,000 के नुक़सान को अपने टैक्सेबल LTCG से घटा सकते हैं, इसलिए आपकी नई टैक्सेबल रक़म ₹75,000 के बजाय ₹25,000 हो जाती है. अब, आपका टैक्स ₹9,375 के बजाय केवल ₹3,125 होगा!

हालांकि, अगर आपका नुक़सान लॉन्ग टर्म था, तो इसका इस्तेमाल केवल लॉन्ग टर्म गेन की भरपाई के लिए किया जा सकता है, न कि शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन की भरपाई के लिए.

इसका मतलब है कि लॉन्ग टर्म के नुक़सान का इस्तेमाल केवल लॉन्ग टर्म गेन्स को कम करने के लिए किया जा सकता है, जबकि शॉर्ट टर्म के नुक़सान से लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स दोनों को कम कर सकते हैं.

इसलिए, अगर आपका शॉर्ट टर्म का नुक़सान आपके लॉन्ग टर्म के फ़ायदे से ज़्यादा है, तो आप अतिरिक्त नुक़सान को आठ साल तक आगे बढ़ा सकते हैं और इसका इस्तेमाल भविष्य के कैपिटल गेन को कम करने के लिए कर सकते हैं.

जानिए कैसे: ऊपर दिए गए उदाहरण को जारी रखते हुए, अगर आपका शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस ₹1 लाख है और प्रभावी लॉन्ग टर्म गेन ₹75,000 है, तो भी आपके पास शेष नुक़सान के रूप में ₹25,000 होंगे. इस अप्रयुक्त नुक़सान को भविष्य के कैपिटल गेन की भरपाई के लिए आठ साल तक आगे बढ़ाया जा सकता है.

ये सरल रणनीति आपको अपने निवेश का समझदारी से प्रबंधन करते हुए अपने टैक्स के बोझ को कम करने में मदद कर सकती है!

ये भी पढ़िए- इंडेक्स फ़ंड बनाम ETF: क्या अंतर है?

ये लेख पहली बार मार्च 17, 2025 को पब्लिश हुआ.

वैल्यू रिसर्च धनक से पूछें aks value research information

कोई सवाल छोटा नहीं होता. पर्सनल फ़ाइनांस, म्यूचुअल फ़ंड्स, या फिर स्टॉक्स पर बेझिझक अपने सवाल पूछिए, और हम आसान भाषा में आपको जवाब देंगे.


टॉप पिक

NPS के इंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन से क्या इस साल टैक्स बच सकता है?

पढ़ने का समय 2 मिनटवैल्यू् रिसर्च टीम

जिस दिन इन्फ़ोसिस को बेच देना चाहिए था: वैल्यूएशन से जुड़ा एक मुश्किल सबक़

पढ़ने का समय 5 मिनटवैल्यू् रिसर्च टीम

सोना: क्या आपके पोर्टफ़ोलियो में सोने को जगह मिलनी चाहिए?

पढ़ने का समय 4 मिनटधीरेंद्र कुमार down-arrow-icon

रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा गोल्ड, क्या आपको अब भी इसमें ख़रीदारी करनी चाहिए?

पढ़ने का समय 4 मिनटउज्ज्वल दास

धैर्य का फ़ायदा: लॉन्ग-टर्म निवेश कैसे दिखाता है अपना जादू

पढ़ने का समय 4 मिनटवैल्यू् रिसर्च टीम

म्यूचुअल फंड पॉडकास्ट

updateनए एपिसोड हर शुक्रवार

Invest in NPS

कुछ न करके जीतना

टैरिफ़ वॉर से मची मार्केट की उठा-पटक कैसे निवेशक के मनोविज्ञान समझने का एक ज़बरदस्त तरीक़ा हो सकती है.

दूसरी कैटेगरी