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इंडेक्स निवेश के फ़ायदे और नुक़सान

इंडेक्स फ़ंड कम ख़र्चीले, सरल रणनीति वाले क्यों है और क्या आपके निवेश लक्ष्यों से मेल खाते हैं

इंडेक्स निवेश: स्मार्ट निवेशकों के लिए फायदे और नुकसानAdobe Stock

क्या होगा अगर आप सही स्टॉक चुनने या मार्केट की चाल का अनुमान लगाने की चिंता किए बिना निवेश कर सकें? इंडेक्स में निवेश बिल्कुल यही करता है - एक सरल, कम लागत वाली रणनीति जो बाज़ार को मात देने की कोशिश करने के बजाय उसे फ़ॉलो करती है.

इंडेक्स फ़ंड या ETF में निवेश करके, आप स्टॉक के एक बड़े पोर्टफ़ोलियो में निवेश कर सकते हैं, जिससे आप कम से कम कोशिशों के साथ समय के साथ अपनी संपत्ति बढ़ा सकते हैं. लेकिन इंडेक्स निवेश के कई फ़ायदे हैं, लेकिन इसकी कुछ सीमाएं भी हैं.

आइए इंडेक्स निवेश के फ़ायदे और नुक़सान के बारे में जानें ताकि आप ये तय कर सकें कि ये आपके लिए सही रणनीति है या नहीं.

इंडेक्स निवेश के फ़ायदे

कम लागत

  • इंडेक्स निवेश का सबसे बड़ा फ़ायदा कम फ़ीस है.
  • इंडेक्स फ़ंड और ETF में एक्सपेंस रेशियो कम होता है क्योंकि उन्हें फ़ंड मैनेजरों को एक्टविली (एक्टिव रूप से) स्टॉक चुनने की ज़रूरत नहीं होती.
  • समय के साथ, कम लागत एक्टिव फ़ंड मैनेजमेंट के मुक़ाबले ज़्यादा रिटर्न देता है.

निवेश की सरलता और आसानी

  • स्टॉक पर रिसर्च, फ़ाइनेंशियल अनालेसिस या मार्केट के रुझानों को ट्रैक करने की ज़रूरत नहीं है.
  • बस एक इंडेक्स फ़ंड में निवेश करें और इसे बाज़ार पर नज़र रखने दें.
  • शुरुआती और पैसिव इन्वेस्टर्स के लिए बिल्कुल सही जो तनाव मुक्त निवेश रणनीति चाहते हैं.

डाइवर्सिफ़िकेशन

  • इंडेक्स फ़ंड इंडेक्स में कई स्टॉक में अपने रिस्क को फैलाते हैं.
  • अगर कुछ स्टॉक कमतर प्रदर्शन करते हैं, तो इंडेक्स में दूसरे स्टॉक इसे बैलेंस कर सकते हैं.
  • ख़ुद स्टॉक चुनने की तुलना में व्यक्तिगत स्टॉक की विफलताओं के असर को कम करता है.

लॉन्ग-टर्म में वैल्थ बनाना

  • शेयर बाज़ार ऐतिहासिक रूप से समय के साथ बढ़ते हैं, जिससे इंडेक्स निवेश लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टिंग के लिए एक बढ़िया विकल्प बन जाता है.
  • कंपाउंडिंग से मिला रिटर्न निवेशकों को दशकों तक लगातार संपत्ति बनाने में मदद करता है.
  • वॉरेन बफ़े ने ज़्यादातर निवेशकों के लिए अपनी संपत्ति बढ़ाने के लिए इंडेक्स फ़ंड को सबसे अच्छे तरीक़े के तौर पर सुझाया है.

समय के साथ ज़्यादातर लार्ज-कैप एक्टिव फ़ंड्स से बेहतर प्रदर्शन करता है

  • स्टडी बताती है कि ज़्यादातर एक्टिव तरीक़े से मैनेज लार्ज-कैप फ़ंड लंबे समय में बाज़ार को मात देने में नाक़ाम रहते हैं.
  • 2024 की S&P इंडेक्स बनाम एक्टिव (SPIAV) रिपोर्ट से पता चलता है कि पिछले 10 साल (30 जून, 2024 तक) में 70 प्रतिशत से ज़्यादा भारतीय इक्विटी लार्ज-कैप एक्टिव फ़ंड्स ने बेंचमार्क से कम प्रदर्शन किया है. पांच साल की अवधि के लिए ये संख्या बढ़कर 87 प्रतिशत हो जाती है.
  • इसी तरह, पिछले पांच साल और 10 साल में 40 प्रतिशत से ज़्यादा भारतीय इक्विटी मिड- और स्मॉल-कैप एक्टिव फ़ंड्स ने बेंचमार्क से कम प्रदर्शन किया है.
  • पैसिव निवेश से ख़राब प्रदर्शन करने वाले फ़ंड मैनेजर को चुनने का रिस्क दूर हो जाता है.
  • निवेशक ख़राब स्टॉक चुनने के फ़ैसलों की चिंता किए बिना मार्केट रिटर्न से मेल खाते हैं.

इंडेक्स निवेश के नुक़सान

ऊपर जाने की सीमित क्षमता

  • चूंकि इंडेक्स फ़ंड केवल मार्केट ट्रैक करते हैं, इसलिए वे कभी भी उससे बेहतर प्रदर्शन नहीं करेंगे.
  • एक्टिव निवेशक जो सफलतापूर्वक हाई-ग्रोथ वाले स्टॉक चुनते हैं, वे इंडेक्स निवेशकों के मुक़ाबले ज़्यादा रिटर्न कमा सकते हैं.

बाज़ार में गिरावट सीधे इंडेक्स फ़ंड पर असर करती है

  • जब बाज़ार गिरता है, तो इंडेक्स फ़ंड भी गिरते हैं - मंदी के ख़िलाफ़ कोई सुरक्षा नहीं है.
  • कुछ एक्टिवली मैनेज्ड फ़ंड्स के उलट, इंडेक्स फ़ंड बाज़ार में गिरावट के दौरान नुक़सान को कम करने की कोशिश नहीं करते.
  • निवेशकों को बाज़ार के उतार-चढ़ाव के साथ सहज होना चाहिए.

स्टॉक के चुनाव में कोई लचीलापन नहीं

  • इंडेक्स फ़ंड को इंडेक्स में सभी स्टॉक रखने चाहिए, भले ही कुछ ख़राब प्रदर्शन करने वाले हों.
  • निवेशक फ़ंड से कमज़ोर कंपनियों को नहीं हटा सकते हैं जैसे वे एक्टिव रूप से मैनेज किए जाने वाले पोर्टफ़ोलियो में कर सकते हैं.

ट्रैकिंग एरर रिस्क

  • कुछ इंडेक्स फ़ंड फ़ंड ख़र्च और ट्रेडिंग लागतों के कारण इंडेक्स के रिटर्न से पूरी तरह मेल नहीं खाते हैं.
  • इस अंतर को ट्रैकिंग एरर (त्रुटि) कहा जाता है, और हाई ट्रैकिंग एरर रिटर्न को कम कर सकता है.

इंडेक्स में निवेश पर किसे सोचना चाहिए?

इंडेक्स निवेश निम्न के लिए आदर्श है:

  • शुरुआती निवेशक: सरल, पैसिव और समझने में आसान.
  • लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टिंग: उन लोगों के लिए बढ़िया जो लंबे समय की मार्केट ग्रोथ में विश्वास करते हैं.
  • ख़र्च को लेकर सचेत निवेशक: कम फ़ीस का मतलब है कि आपका ज़्यादा पैसा निवेश में बना रहेगा.
  • बिना दखलअंदाज़ी वाला नज़रिया रखने वाले: निवेश पर एक्टिव रूप से नज़र रखने की ज़रूरत नहीं है.

हालांकि, इंडेक्स निवेश निम्न के लिए सबसे अच्छा विकल्प नहीं हो सकता है:

  • वे निवेशक जो बाज़ार को मात देना चाहते हैं: अगर आप औसत से ज़्यादा रिटर्न चाहते हैं, तो स्टॉक चुनना या एक्टिव रूप से प्रबंधित फ़ंड बेहतर हो सकते हैं.
  • बाज़ार में गिरावट से असहज महसूस करने वाले: पैसिव फ़ंड बाज़ार के साथ गिरते हैं और गिरावट के दौर में सुरक्षा नहीं देते.

चलते-चलते

इंडेक्स निवेश सरलता, कम लागत और लंवे समय के दौरान ग्रोथ देते है, जो इसे ज़्यादातर निवेशकों के लिए एक बढ़िया विकल्प बनाता है. हालांकि, इसमें कुछ सीमाएं भी हैं, जैसे कि बाज़ार में बेहतर प्रदर्शन न करना और बाज़ार में गिरावट का रिस्क.

क्या आप बाज़ार को मात देने का रिस्क उठाना चाहेंगे, या आसानी से इसके लॉन्ग-टर्म ग्रोथ से मेल खाना चाहेंगे?

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ये लेख पहली बार मार्च 12, 2025 को पब्लिश हुआ.

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