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आपका पहला फ़ंड: "परफ़ेक्ट" इन्वेस्टमेंट का इंतज़ार बंद करें

एक परफ़ेक्ट फ़ंड का इंतज़ार निवेश न करने का ही दूसरा नाम है

आत्मविश्वास के साथ अपना पहला म्यूचुअल फ़ंड कैसे चुनेंAI-generated image

क्या आपको आइसक्रीम शॉप पर पहली बार जाना याद है? शायद नहीं. लेकिन दोबारा सोचिए - आपने फ़्रीज़र को स्कैन किया, चॉकलेट चिप के काले घेरे को देखा, और उसे चुन लिया. क्या यही बेस्ट च्वायस थी ? क्या पता? आपने समय बीतने के साथ नए-नए फ़्लेवर ट्राय किए, टेस्ट किए और वक़्त के साथ आपकी पसंद रिफ़ाइंड होती गई.

निवेश भी इसी तरह काम करता है. आपका पहला म्यूचुअल फ़ंड जीवन भर वही रहे इसकी क़सम नहीं खानी होती - ये तो सिर्फ़ शुरुआत होती है.

महिलाएं स्वाभाविक रूप से प्लान बना कर काम करने वाली होती हैं, फिर भी कई लोग निवेश करने में हिचकिचाते हैं, "परफ़ेक्ट" फ़ंड का इंतज़ार करते हैं. लेकिन सच्चाई ये है: 2024 तक, भारत में 1,700 से ज़्यादा म्यूचुअल फ़ंड हैं. जब तक आप मार्केट में क़दम नहीं रखते, तब तक आपको परफ़ेक्ट फ़ंड नहीं मिल सकता.

आइए चर्चा करें कि आत्मविश्वास के साथ अपना पहला फ़ंड कैसे चुनें, और उम्मीद है कि पछताने से बचें. वैसे ये मिंट चॉकलेट चिप चुनने से बुरा नहीं हो सकता.

आपका पहला फ़ंड क्यों मायने रखता है
आपका पहला म्यूचुअल फ़ंड परफ़ेक्शन की बात नहीं है - ये प्रोग्रेस या प्रगति के बारे में है.

ये आपकी पहली नौकरी, पहला अपार्टमेंट या जिम में पहली कसरत की तरह है - आपको इसे बेस्ट बनाने की ज़रूरत नहीं है, आपको बस शुरुआत करने की ज़रूरत है.

बहुत से लोग 'सही' पल या फ़ंड का इंतज़ार करते हुए झिझकते रहते हैं. लेकिन निवेश न करना असल में रिस्क है - क्योंकि जब आप इंतज़ार करते हैं, तो महंगाई नहीं होती है.

एक सरल, स्थिर फ़ंड चुनें जो आपको कमाते समय सीखने देता है. आप जीवन भर के लिए बंधे नहीं हैं - आप फ़ाइनेंशियल फ़्रीडम की ओर पहला क़दम उठा रहे हैं. यहां हम बता रहे हैं कि आप एक सही फ़ंड कैसे चुन सकते हैं.

अपना पहला म्यूचुअल फ़ंड कैसे चुनें
अपना पहला म्यूचुअल फ़ंड चुनना बहुत मुश्किल नहीं है.

ये आपके पहले अपार्टमेंट को चुनने जैसा है - आपको छत पर पूल के साथ पेंटहाउस की ज़रूरत नहीं है, जबकि एक आरामदायक, अच्छी क़ीमत वाली, विश्वसनीय प्लंबिंग वाली मेट्रो से जुड़ी जगह ठीक रहेगी. आपको कुछ भरोसेमंद, कारगर और रहने में आसानी हो ऐसी जगह चाहिए.

स्टेप 1: अपने निवेश के गोल को परिभाषित करें
क्या आप छुट्टी या डाउन पेमेंट जैसे शॉर्ट-टर्म गोल (1-3 साल) के लिए निवेश कर रहे हैं? या ये रिटायरमेंट या वैल्थ बनाने जैसे लॉन्ग-टर्म गोल (5 या ज़्यादा साल) के लिए है? आपकी समयसीमा ही सही फ़ंड तय करती है.

ये वीडियो भी देखें: अलग-अलग इन्‍वेस्‍टमेंट गोल के लिए म्‍यूचुअल फ़ंड कैसे चुनें?

स्टेप 2: ऐसा फ़ंड चुनें जो ग्रोथ और स्थिरता को बैलेंस करता हो

आपका पहला फ़ंड मैनेज करने में आसान, स्थिर और प्रभावी होना चाहिए.

एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड: इक्विटी (लगभग 75 प्रतिशत) और डेट (लगभग 25 प्रतिशत) के मिश्रण के साथ, ये फ़ंड सतर्क रहने वाले शुरुआती लोगों के लिए एक बैलेंस्ड खाने की तरह है. ये उन लोगों के लिए एकदम सही है जो शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव से परेशान हुए बिना ग्रोथ चाहते हैं.

लार्ज-कैप इंडेक्स फ़ंड: एक सरल, कम लागत वाला विकल्प जो BSE सेंसेक्स या निफ़्टी 50 जैसे प्रमुख शेयर मार्केट इंडेक्स को दिखाता है. अगर आप बस निवेश करके भूल जाना चाहते हैं तो ये ऑटोपायलट के तौर पर बढ़िया है.

स्टेप 3: सिर्फ़ प्रचार नहीं, बल्कि स्थिरता पर ध्यान दें
5 या उससे ज़्यादा सालों तक स्थिर प्रदर्शन करने वाले फ़ंड की तलाश करें - ऐसा फ़ंड नहीं जो सिर्फ़ एक साल तक भाग्यशाली रहा हो.

स्टेप 4: ग़ैर-ज़रूरी ख़र्च से बचें
डायरेक्ट म्यूचुअल फ़ंड चुनें. रेग्युलर म्यूचुअल फ़ंड के उलट, डायरेक्ट म्यूचुअल फ़ंड में थर्ड पार्टी डिस्ट्रीब्यूटर शामिल नहीं होता है. इसका मतलब है कि थर्ड पार्टी के शामिल न होने की वजह से आप कमीशन बचा सकते हैं. कम फ़ीस का मतलब है ज़्यादा रिटर्न. किसी म्यूचुअल फ़ंड कंपनी के प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए सीधे निवेश करें या जीरोधा कॉइन या ग्रो जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल करें.

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निवेश के बाद क्या उम्मीद करें
तो, आपने अपना पहला म्यूचुअल फ़ंड चुन लिया है, अपना निवेश कर दिया है, और अब... क्या? अगर आप तुरंत नतीजे की उम्मीद कर रहे हैं, तो चलिए उन उम्मीदों को मैनेज करते हैं.

पहले कुछ महीनों में आप घबरा सकते हैं. मार्केट में तेज़ी और गिरावट - ये आम बात है. सबसे बुरी बात जो आप कर सकते हैं, वो है हर गिरावट पर घबरा जाना. आप हर हफ़्ते जड़ों की जांच करने के लिए पेड़ नहीं लगाते. धैर्य रखें. निवेश में बने रहें.

अपने निवेश में दखल न दें. हर छह महीने या साल में एक बार अपने फ़ंड की समीक्षा करें - इसे रोज़ाना न देखें. निवेश एक मैराथन है, स्प्रिंट नहीं. इसके अलावा, हर कुछ महीनों में ख़रीदते और बेचते न रहें. निवेश का मतलब मार्केट को टाइम करना (पहले का अंदाज़ा लगा कर निवेश करना या रोकना) नहीं है - ये मार्केट में (निवेश में बने रहते हुए) समय बिताना है. आराम से बैठें और बड़ा काम कंपाउंडिंग को करने दें.

आख़िरी सबक़: बस शुरू करें - आपका भविष्य आपको धन्यवाद देगा
निवेश का सबसे मुश्किल हिस्सा सही फ़ंड तलाशना नहीं है, बल्कि शुरुआत करना है. आप समय के साथ अपने विकल्पों को बेहतर करेंगे , ठीक वैसे ही जैसे जीवन में बाक़ी सब चीज़ें होती हैं. असली ग़लती तब होती है जब आप कभी शुरुआत ही नहीं करते.

मार्केट में उतार-चढ़ाव होगा और संदेह पैदा होंगे, लेकिन निवेश में बने रहना ही जीत का रास्ता है. निवेश का मतलब परफ़ेक्ट होना नहीं है - बल्कि लगातार निवेश करना है.

इसलिए, छलांग लगाइए. आपका पहला फ़ंड हमेशा के लिए नहीं है, लेकिन आपकी फ़ाइनेंशियल फ़्रीडम हमेशा के लिए रहेगी.

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ये लेख पहली बार मार्च 07, 2025 को पब्लिश हुआ.

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