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क्या डिजिटल गोल्ड में निवेश करना सुरक्षित है?

डिजिटल दौर में अब डिजिटल गोल्ड निवेश का एक नया विकल्प बन चुका है

क्या डिजिटल गोल्ड में निवेश करना सुरक्षित है? जानें फायदे और नुकसान

सोने को हमेशा से एक सुरक्षित निवेश माना गया है. परंपरागत रूप से लोग फ़िज़िकल गोल्ड यानी आभूषण, सिक्के और बार (सोने की छड़) में निवेश करते थे. लेकिन डिजिटल दौर में अब डिजिटल गोल्ड निवेश का एक नया विकल्प बन चुका है. सवाल ये उठता है कि क्या डिजिटल गोल्ड में निवेश करना सुरक्षित है? और क्या ये निवेश के पारंपरिक विकल्पों से बेहतर है? इस लेख में हम डिजिटल गोल्ड के अलग-अलग पहलुओं को समझेंगे और तय करेंगे कि ये आपके निवेश पोर्टफ़ोलियो के लिए सही विकल्प है या नहीं.

डिजिटल गोल्ड क्या है?

डिजिटल गोल्ड एक निवेश विकल्प है, जहां निवेशक बिना फ़िज़िकल गोल्ड ख़रीदे, डिजिटल रूप में सोने का स्वामित्व पा सकते हैं. इसमें निवेश करने पर संबंधित कंपनी आपके नाम पर वास्तविक सोना ख़रीदती है और उसे सुरक्षित वॉल्ट में रखती है. आप अपनी सुविधानुसार इसे कभी भी ख़रीद या बेच सकते हैं.

डिजिटल गोल्ड के प्रकार:
डिजिटल गोल्ड के मोटे तौर पर तीन प्रकार होते हैं:

  1. गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs): ये म्यूचुअल फ़ंड होते हैं जो एक्सचेंज-ट्रेडेड होते हैं और इनका मूल्य सोने की क़ीमत से जुड़ा होता है.
  2. गोल्ड म्यूचुअल फ़ंड्स: ये म्यूचुअल फ़ंड स्कीमें होती हैं जो गोल्ड ईटीएफ में निवेश करती हैं.
  3. प्राइवेट कंपनियों द्वारा डिजिटल गोल्ड: कुछ कंपनियां जैसे MMTC-PAMP, SafeGold और Augmont निवेशकों को डिजिटल गोल्ड खरीदने की सुविधा देती हैं.

डिजिटल गोल्ड में निवेश के फ़ायदे

1. रखरखाव की समस्या नहीं
फ़िज़िकल गोल्ड को घर पर रखने से चोरी का ख़तरा बना रहता है. डिजिटल गोल्ड इस समस्या का समाधान करता है क्योंकि इसे सुरक्षित वॉल्ट में रखा जाता है.

2. छोटी राशि से निवेश की सुविधा
फ़िज़िकल गोल्ड ख़रीदने के लिए बड़ी रक़म की ज़रूरत होती है, लेकिन डिजिटल गोल्ड में आप ₹100 से भी निवेश कर सकते हैं.

3. लिक्विडिटी (Liquidity) ज़्यादा
डिजिटल गोल्ड को कभी भी ख़रीदा और बेचा जा सकता है, जबकि फ़िज़िकल गोल्ड बेचने में समय और क़ीमत को लेकर परेशानी हो सकती है.

4. शुद्धता (Purity) की गारंटी
डिजिटल गोल्ड में 24 कैरेट और 99.5% शुद्धता की गारंटी दी जाती है, जबकि फ़िज़िकल गोल्ड की शुद्धता को लेकर हमेशा संदेह बना रहता है.

5. ऑनलाइन ख़रीदारी की सुविधा
इसे मोबाइल ऐप और वेबसाइट के ज़रिए आसानी से ख़रीदा जा सकता है.

डिजिटल गोल्ड में निवेश के नुक़सान

1. रेग्युलेशन की कमी
डिजिटल गोल्ड को अभी तक सेबी (SEBI) या आरबीआई (RBI) द्वारा रेगुलेट नहीं किया जाता है, जिससे इसमें धोखाधड़ी की संभावना बनी रहती है.

2. लॉन्ग-टर्म स्टोरेज का चार्ज
कुछ कंपनियां एक निश्चित अवधि के बाद स्टोरेज चार्ज लेती हैं, जिससे निवेश की लागत बढ़ सकती है.

3. टैक्स इंप्लिकेशन
डिजिटल गोल्ड की बिक्री पर कैपिटल गेन टैक्स लागू होता है, जो तीन साल बाद लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में बदल जाता है. गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फ़ंड में भी यही नियम लागू होते हैं.

4. एक्सचेंज पर लिस्टेड नहीं
गोल्ड ईटीएफ को छोड़कर, अन्य डिजिटल गोल्ड निवेश विकल्प स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड नहीं होते, जिससे उनके लेनदेन की पारदर्शिता कम हो जाती है.

डिजिटल गोल्ड बनाम गोल्ड निवेश के दूसरे विकल्प

निवेश का तरीक़ा शुद्धता की गारंटी लिक्विडिटी रेग्युलेशन टैक्स में फ़ायदा
फ़िज़िकल गोल्ड नहीं कम कोई रेग्युलेशन नहीं कैपिटल गेन टैक्स
डिजिटल गोल्ड हां (99.5%) ज़्यादा कोई रेग्युलेशन नहीं कैपिटल गेन टैक्स
गोल्ड ईटीएफ हां (99.5%) बहुत ज़्यादा सेबी द्वारा रेग्युलेटेड इंडेक्सेशन का फ़ायदा
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड हां (99.9%) मैच्योरिटी के बाद आरबीआई द्वारा रेग्युलेड टैक्स फ़्री मैच्योरिटी

क्या आपको डिजिटल गोल्ड में निवेश करना चाहिए?

डिजिटल गोल्ड उन निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है जो छोटे निवेश करना चाहते हैं और फ़िज़िकल गोल्ड के रखरखाव से बचना चाहते हैं. हालांकि, अगर आप ज़्यादा सुरक्षित विकल्प चाहते हैं तो गोल्ड ईटीएफ या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGBs) बेहतर विकल्प हो सकते हैं, क्योंकि ये सेबी और आरबीआई द्वारा रेगुलेटेड होते हैं.

अगर आप लॉन्ग-टर्म गोल्ड निवेश की योजना बना रहे हैं, तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है, क्योंकि इसमें टैक्स फ्री मैच्योरिटी का लाभ मिलता है.

चलते-चलते

डिजिटल गोल्ड निवेश का एक सुविधाजनक तरीक़ा है, लेकिन ये पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है क्योंकि ये अभी तक किसी नियामक संस्था के अधीन नहीं आता. अगर आप इसमें निवेश करने की सोच रहे हैं तो गोल्ड ईटीएफ और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को प्राथमिकता दें , क्योंकि वे अधिक सुरक्षित और कम लागत वाले निवेश विकल्प हैं.

डिजिटल गोल्ड पर समझने वाली कुछ अहम बातें

डिजिटल गोल्ड छोटे निवेशकों के लिए सुविधाजनक है.
ये पूरी तरह से सेबी या आरबीआई द्वारा रेगुलेटेड नहीं है.
गोल्ड ईटीएफ और SGBs अधिक सुरक्षित निवेश विकल्प हो सकते हैं.
टैक्स इंप्लिकेशन को समझकर ही निवेश करें.

डिजिटल गोल्ड पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. क्या डिजिटल गोल्ड ख़रीदना सुरक्षित है?

डिजिटल गोल्ड को स्टोरेज और शुद्धता की गारंटी मिलती है, लेकिन ये किसी रेग्युलेटरी संस्था द्वारा नियंत्रित नहीं होता, इसलिए जोखिम बना रहता है.

2. डिजिटल गोल्ड और गोल्ड ईटीएफ में क्या अंतर है?

गोल्ड ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड होते हैं और सेबी द्वारा नियंत्रित होते हैं, जबकि डिजिटल गोल्ड निजी कंपनियों द्वारा बेचा जाता है और किसी रेग्युलेटरी संस्था के अधीन नहीं होता.

3. क्या डिजिटल गोल्ड पर टैक्स देना पड़ता है?

हां, डिजिटल गोल्ड पर तीन साल बाद लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लागू होता है.

4. क्या मैं डिजिटल गोल्ड को फ़िज़िकल गोल्ड में बदल सकता हूं?

हां, कुछ कंपनियां डिजिटल गोल्ड को फ़िज़िकल गोल्ड में बदलने की सुविधा देती हैं, लेकिन इसके लिए अतिरिक्त शुल्क लग सकता है.

5. डिजिटल गोल्ड में न्यूनतम निवेश कितना हो सकता है?

आप ₹100 से भी डिजिटल गोल्ड में निवेश कर सकते हैं.

ये लेख पहली बार मार्च 06, 2025 को पब्लिश हुआ.

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