क्रिप्टोकरेंसी ने बीते कुछ सालों में ग़ज़ब की लोकप्रियता हासिल की है. बिटकॉइन, एथेरियम जैसी डिजिटल करंसियों में कुछ निवेशकों ने बड़े पैसे भी बनाए, जबकि कईयों ने बड़ा, बहुत बड़ा नुक़सान झेला. यानि, रिस्की तो ये है कि मगर कितना ये समझना ज़रूरी है और ये जानना भी कि इसका स्वभाव क्या है. इसके साथ ही एक सवाल और है - क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना समझदारी है या ये सिर्फ़ एक सट्टा है? मगर इस सबसे पहले एक सच्चाई जान लें...
अपराध और क्रिप्टोकरेंसी: एक काला सच
क्रिप्टोकरेंसी ने निवेशकों को आकर्षित करने के साथ-साथ अपराधियों को भी एक नया प्लेटफ़ॉर्म दिया है.
2023 में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े घोटालों और धोखाधड़ी के कारण $5.6 बिलियन से ज़्यादा का नुक़सान हुआ
, जो पिछले साल के मुक़ाबले
45% की बढ़ेतरी दिखाता
है.
ख़बरें बताती हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, उत्तर कोरियाई हैकरों ने 2024 में कम-से-कम $1.34 बिलियन के डिजिटल एसेट चुरा लिए , जिससे ग्लोबल फ़ाइनेंशियल सिस्टम की स्थिरता को ख़तरा पैदा हुआ.
क्रिप्टोकरेंसी का गुमनामी वाला और डी-सेंट्रलाइज़्ड स्वभाव इसे मनी लॉन्ड्रिंग, घोटालों, फ़िरौती, रिश्वतखोरी, हैकिंग, डार्कनेट मार्केट और आतंकवादी फ़ंडिंग जैसी अवैध गतिविधियों के लिए आदर्श ज़रिया बना देता है. चेन एनालिसिस की रिपोर्ट के मुताबिक़, अपराधी अपनी पहचान छुपाने और ग़ैर-कानूनी ट्रांज़ैक्शन के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी निवेश का क्रेज़
अपने देश की बात करें, तो यहां क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने वालों का नंबर तेज़ी से बढ़ रहा है.
2024 के आख़िर तक, CoinSwitch के अनुसार, देश में क्रिप्टो निवेशकों की संख्या 2 करोड़ से ज़्यादा हो चुकी है
, जिसमें क़रीब-क़रीब
11% महिलाएं शामिल हैं
.
75% से ज़्यादा निवेशक 35 साल से कम उम्र के हैं , जो युवा पीढ़ी की इस डिजिटल संपत्ति में बढ़ती दिलचस्पी को दिखाता है. बड़ी बात ये है कि क्रिप्टो निवेश अब सिर्फ़ महानगरों तक सीमित नहीं है. बोटाद, जालंधर, लुधियाना, पटना, कांचीपुरम और देहरादून जैसे छोटे शहरों में भी क्रिप्टो ट्रेडिंग में बड़ा उछाल आया है.
इसके अलावा, बिटकॉइन की क़ीमत में बढ़ोतरी और मीम कॉइन्स की लोकप्रियता ने भी निवेशकों को लुभाया है. युवा निवेशक इसे अपने पोर्टफ़ोलियो में डाइवर्सिटी लाने का तरीक़ा मान रहे हैं, भले ही इसके रिस्क बेहद ज़्यादा हों.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी एक
डिजिटल मुद्रा
है जो
ब्लॉकचेन तकनीक
पर आधारित होती है. इसे
किसी भी केंद्रीय बैंक या सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता
.
बिटकॉइन और सातोशी नाकामोटो का रहस्य
बिटकॉइन (Bitcoin) पहली और सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी है, जिसे
2009 में एक अज्ञात व्यक्ति या समूह "सातोशी नाकामोटो" (Satoshi Nakamoto) द्वारा लॉन्च किया गया था
. आज तक, इस व्यक्ति की पहचान रहस्य बनी हुई है, जिसने क्रिप्टोकरेंसी को और भी दिलचस्प बना दिया है.
कुछ दिलचस्प और अजीबोग़रीब क्रिप्टोकरेंसी हैं
-
डॉगकॉइन (Dogecoin)
- एक मीम-आधारित क्रिप्टो जिसे मज़ाक में 2013 में लॉन्च किया गया था, लेकिन एलन मस्क जैसे प्रभावशाली लोगों के समर्थन से इसकी लोकप्रियता बढ़ गई.
-
शिबा इनु (Shiba Inu)
- इसे "डॉगकॉइन किलर" कहा जाता है और ये एक मीम कॉइन के तौर पर शुरू हुआ, लेकिन अब इसका अपना डीसेंट्रलाइज़्ड एक्सचेंज भी है.
- पी-नेटवर्क पीजा (Pizzacoin) - ये उस ऐतिहासिक दिन को याद करता है जब पहली बार बिटकॉइन का इस्तेमाल पिज़्ज़ा ख़रीदने के लिए किया गया था.
तो ये कुछ बातें थीं जिनके चर्चे तब होते रहते हैं जब क्रिप्टो की बात की जाती है. अब बात करते हैं क्रिप्टो बनाम पारंपरिक करंसी की. आख़िर क्रिप्टो में भी तो करंसी शब्द आता है.
तो, क्रिप्टोकरेंसी को तकनीकी तौर से "करंसी" कहना ग़लत होगा, क्योंकि किसी भी वास्तविक मुद्रा (जैसे रुपये, डॉलर या यूरो) के पीछे सरकार और केंद्रीय बैंक का समर्थन होता है. इसके विपरीत, क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य पूरी तरह से सट्टा, मांग-आपूर्ति और निवेशकों की धारणा पर निर्भर करता है . आमतौर पर, करंसी का इस्तेमाल लेन-देन और वैल्यू के भंडार के रूप में किया जाता है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी की बहुत ज़्यादा अस्थिरता इसे रोज़मर्रा के भुगतान के लिए अव्यवहारिक बना देती है . उदाहरण के लिए, बिटकॉइन की क़ीमत एक ही दिन में 10-20% तक ऊपर-नीचे हो सकती है , जो इसे स्थिर मुद्रा के रूप में अयोग्य बनाती है. इसीलिए, ज़्यादातर सरकारें और आर्थिक विशेषज्ञ इसे निवेश या सट्टा साधन मानते हैं, न कि एक वैध मुद्रा या करंसी.
अब इस टेबल में देखते हैं कि करंसी और क्रिप्टो में क्या फ़र्क़ है जो आपके लिए मायने रखता है:
क्रिप्टो बनाम पारंपरिक निवेश
ख़ासियत | क्रिप्टोकरेंसी | शेयर बाज़ार | गोल्ड | फ़िक्स्ड डिपॉज़िट |
---|---|---|---|---|
सरकारी नियंत्रण | नहीं | हां | हां | हां |
जोखिम | ऊंचा | मध्यम | कम | बहुत कम |
वोलाटिलिटी | बहुत ज़्यादा | मध्यम | कम | नहीं |
रिटर्न | अनिश्चित | स्थिर | सुरक्षित | निश्चित |
क्रिप्टो निवेश: पैसा लाना ही है तो सही रणनीति क्या हो?
अगर आप फिर भी क्रिप्टो में पैसा लगाना चाहते हैं, तो कुछ कुछ स्ट्रैटजी अपना सकते हैं:
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पोर्टफ़ोलियो का छोटा हिस्सा ही क्रिप्टो में लगाएं
(5% से 10% से ज़्यादा नहीं). हम तो कहेंगे कि आपको उतना ही पैसा लगाना चाहिए जो आप गंवाने के लिए तैयार हों.
-
लंबी अवधि की सोच रखें
, क्योंकि ये बहुत ज़्यादा उठा-पटक वाली चीज़ है इसलिए तुरंत अमीर बनने का ख़्वाब न पालें.
-
सुरक्षित एक्सचेंज और वॉलेट चुनें
. हालांकि कि ये कहना बहुत मुश्किल है कि कौन सा वॉलेट सुरक्षित होगा और इन प्लेटफ़ॉर्म को एक्सचेंज कहना एक और जलेबी जैसी बात है जिसे समझना चाहिए कि क्या ये एक्सचेंज हैं.
- टैक्स और नियमों को समझें - भारत में 30% टैक्स और 1% TDS लागू है. तो जो भी आप कमाएंगे उसका 31% सीधा सरकार को देना ही होगा.
जाते-जाते: क्या क्रिप्टो आपके पोर्टफ़ोलियो के लिए सही है?
हमारे मुताबिक़,
क्रिप्टोकरेंसी एक अस्थिर, अनियमित और बहुत ज़्यादा रिस्क वाला निवेश है
. इसका
कोई आंतरिक मूल्य नहीं है और ये केवल अनुमान और सट्टेबाज़ी पर निर्भर करता है
.
ये न तो किसी उत्पादक संपत्ति से जुड़ा है और न ही किसी आर्थिक गतिविधि से . इसकी क़ीमत पूरी तरह इस बात पर निर्भर करती है कि कोई अन्य व्यक्ति इसके लिए कितना भुगतान करने को तैयार है. ये इसे सट्टा बाज़ार के करीब लाता है . इस लिए किसी भी सीरियस निवेश करने वाले को इससे दूर ही रहना चाहिए. वर्ना सिर्फ़ वही पैसा लगाएं जो आप गंवाने पर भी ग़मगीन न हों.
क्रिप्टो पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
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क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी अवैध है?
नहीं, लेकिन सरकार इस पर नियंत्रण लाने के लिए कड़े नियम बना रही है. -
क्रिप्टो में निवेश करने का सबसे सुरक्षित तरीक़ा क्या है?
अच्छे एक्सचेंज चुनें, हार्डवेयर वॉलेट का इस्तेमाल करें और छोटी राशि से शुरुआत करें. -
क्या क्रिप्टो स्टॉक्स से ज़्यादा जोखिम भरा है?
हां, क्रिप्टो में वोलाटिलिटी स्टॉक मार्केट से कहीं ज़्यादा है. -
भारत में क्रिप्टो टैक्स कैसा लगता है?
30% टैक्स और 1% TDS लागू किया गया है. -
क्या क्रिप्टो लॉन्ग टर्म निवेश के लिए सही है?
अगर आप जोखिम सह सकते हैं और धैर्य रखते हैं, तो ये संभव है.
ये लेख पहली बार मार्च 03, 2025 को पब्लिश हुआ.