शेयर बाज़ार के निवेशकों के लिए पिछले कुछ महीने मुश्किल भरे रहे हैं. निफ्टी 50 में गिरावट जारी है, जिससे वो फ़ायदा खत्म हो गया है जिसे बनने में सालों लग गए थे. माहौल में घबराहट है और निवेशक अपने फ़ैसले पर दोबारा सोच रहे हैं - बेचें या होल्ड करें?
लेकिन कुछ निवेशक ऐसे भी हैं जो बाज़ार की उठा-पटक के बावजूद शांति से सोते हैं. वे बार-बार स्टॉक की क़ीमतें नहीं देखते या बाज़ार के ऊपर जाने का इंतज़ार नहीं करते. उन्हें पता है कि चाहे बाज़ार नीचे भी चला जाए, उनका निवेश उन्हें लगातार कमाई देता रहेगा और साल-दर-साल बढ़ता रहेगा.
यही है डिविडेंड ग्रोथ की ताक़त.
भारत में पारंपरिक डिविडेंड निवेश क्यों नहीं चलता?
डिविडेंड से मिलने वाली रेग्युलर इनकम का आइडिया अच्छा लगता है. लेकिन भारत में सिर्फ़ हाई डिविडेंड वाले स्टॉक्स ख़रीदने की रणनीति बहुत कारगर नहीं होती. इसकी वजहें ये हैं:
- भारत एक बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है, जहां कंपनियों को अपने कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए मुनाफ़ा दोबारा निवेश करना होता है.
- जो स्टॉक्स सबसे ज़्यादा डिविडेंड देते हैं, वे अक्सर आगे बढ़ने की गुंजाइश नहीं रखते.
- कई कंपनियां अपने असली हालात छिपाने के लिए भी ऊंचा डिविडेंड देती हैं.
कौन-सी रणनीति फ़ायदा देती है: डिविडेंड ग्रोथ निवेश
सिर्फ़ हाई डिविडेंड देने वाले स्टॉक्स पर फ़ोकस करने की बजाय, ऐसे स्टॉक्स में निवेश करें जो लगातार मुनाफ़ा बढ़ाते हैं और डिविडेंड भी बढ़ाते हैं.
अच्छे डिविडेंड ग्रोथ स्टॉक की पहचान:
- लगातार बढ़ता मुनाफ़ा - अगर मुनाफ़ा नहीं बढ़ रहा, तो डिविडेंड भी टिकाऊ नहीं रहेगा.
- संतुलित निवेश नीति - कंपनी को अपने बिज़नस को बढ़ाने और निवेशकों को फ़ायदा देने के बीच संतुलन रखना चाहिए.
- डिविडेंड में लगातार बढ़ोतरी - सिर्फ़ डिविडेंड देना काफ़ी नहीं, बल्कि उसे साल-दर-साल बढ़ाना भी ज़रूरी है.
फ़र्क़: हाई डिविडेंड स्टॉक्स आपको फ़ौरन कमाई देते हैं, लेकिन डिविडेंड ग्रोथ स्टॉक्स आपको बढ़ती आमदनी और पूंजी में बढ़ोतरी दोनों देते हैं.
असली उदाहरण: ब्रिटानिया
अगर आपने 2014 में ब्रिटानिया में ₹10 लाख लगाए होते:
- आपको अगले 10 साल में डिविडेंड के रूप में ₹10 लाख मिलते.
- आपकी पूंजी 5 गुना बढ़कर ₹53 लाख हो जाती.
इसमें रेग्युलर इनकम और लंबी अवधि में ग्रोथ, दोनों का फ़ायदा मिला.
ऐसे स्टॉक्स कितने कम हैं?
हर कंपनी इस मॉडल को बनाए नहीं रख सकती. पिछले 10 साल में:
- भारत में सिर्फ़ 36 कंपनियों का मुनाफ़ा हर साल बढ़ा है.
- सिर्फ़ 13 कंपनियों ने हर साल डिविडेंड बढ़ाया है.
- और सिर्फ़ 2 कंपनियां ऐसी थीं जिन्होंने दोनों किया.
ये कंपनियां दुर्लभ हैं, लेकिन मौजूद हैं और स्थायी आमदनी का ज़रिया बन सकती हैं.
अभी निवेश करने का सही समय क्यों है?
जब बाज़ार गिरता है:
- अच्छे स्टॉक्स सस्ती क़ीमत पर मिलते हैं.
- आप कम क़ीमत पर ज़्यादा डिविडेंड कमा सकते हैं.
- ऐसे बिज़नस के मालिक बन सकते हैं जिनकी क़ीमत समय के साथ बढ़ती है.
सबसे अच्छा तरीक़ा: स्टॉक SIP
- लागत का औसत निकालें - जब दाम कम हों तो ज़्यादा खरीदें.
- भावनाओं से बचें - बाज़ार गिरने पर घबराकर न बेचें.
- लंबे समय तक निवेश बनाए रखें - ग्रोथ और कंपाउंडिंग का फ़ायदा उठाएं.
डिविडेंड ग्रोथ निवेश का अनुशासित तरीक़ा ये पक्का करता है कि बाज़ार की हलचल के बावजूद आपकी आमदनी लगातार बढ़ती रहे.
एक भरोसेमंद डिविडेंड ग्रोथ पोर्टफ़ोलियो बनाना
सही डिविडेंड ग्रोथ स्टॉक्स ढूंढना आसान नहीं है. इसके लिए गहराई से रिसर्च की ज़रूरत होती है. हमने यह काम आपके लिए पहले ही कर दिया है.
हमारा डिविडेंड ग्रोथ पोर्टफ़ोलियो:
- 10 हाई क्वालिटी भारतीय स्टॉक्स का चयन
- लगातार बढ़ते मुनाफ़े और डिविडेंड का ट्रैक रिकॉर्ड
- आमदनी और पूंजी में बढ़ोतरी, दोनों का फ़ायदा
ये उन निवेशकों के लिए सबसे अच्छी रणनीतियों में से एक है जो ऐसा पोर्टफ़ोलियो बनाना चाहते हैं जो बाज़ार गिरने पर भी कमाई देता रहे.
डिविडेंड ग्रोथ पोर्टफ़ोलियो तक कैसे पहुंचें?
ये पोर्टफ़ोलियो वैल्यू रिसर्च स्टॉक एडवाइज़र के सदस्यों के लिए उपलब्ध है.
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