क्रिप्टोक्यूरेंसी मार्केट एक बार फिर बड़े झटके से गुज़रा है. बिटकॉइन, जनवरी से अब तक 20% की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा है. इस तेज़ गिरावट ने निवेशकों को चिंता में डाल दिया है. आइए समझते हैं कि इसके पीछे की वजहें क्या हैं और निवेशकों को क्रिप्टो में निवेश को लेकर क्या सबक़ लेना चाहिए.
बिटकॉइन ने 20 जनवरी, 2025 को अपने सबसे ऊंचे स्तर $109,114.88 (₹95,03,546.50) को छुआ था. इसके बाद, 25 फ़रवरी, 2025 तक, ये क़रीब 20% गिरकर $86,873 (₹75,75,190.95) पर आ गया. नीचे दी गई टेबल में आप इसे ज़्यादा बेहतर तरीक़े से समझ सकेंगे.
तारीख़ | बिटकॉइन क़ीमत ($) | बिटकॉइन क़ीमत (₹) | गिरावट (%) |
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20 जनवरी 2025 | $109,350 | ₹95,03,546 | 0.00% |
02 फरवरी 2025 | $97,688.98 | ₹84,90,000 | -10.60% |
23 फरवरी 2025 | $96,273.92 | ₹83,75,000 | -12.00% |
25 फरवरी 2025 | $86,008 | ₹75,00,000 | -21.30% |
नोट: दी गई क़ीमतें अलग-अलग स्रोतों से ली गई हैं और भारतीय रुपये में मूल्यांकन उस समय की विनिमय दर पर आधारित. |
इस टेबल से स्पष्ट होता है कि बिटकॉइन की क़ीमत में जनवरी 2025 से फ़रवरी 2025 के बीच ख़ासी गिरावट आई है, जो निवेशकों के लिए सतर्क रहने का संकेत है. आइए अब उस घटना की बात करते हैं जो चर्चा में है.
Bybit एक्सचेंज पर हमला: टाइमलाइन और नुक़सान
21 फ़रवरी 2025 को, दुबई के क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज Bybit एक बड़े साइबर हमले का शिकार हुआ, जिसमें क़रीब $1.5 बिलियन मूल्य के Ethereum टोकन चोरी हो गए. इसमें प्रभावित होने वाला वॉलेट Bybit का कोल्ड वॉलेट था. इस हमले के पीछे उत्तर कोरियाई हैकर समूह 'लाज़रुस ग्रुप' का हाथ बताया जा रहा है, जिसे 'TraderTraitor' के नाम से भी जाना जाता है.
ख़बरों में Bybit के सीईओ बेन झोउ के हवाले से कहा जा रहा है कि ये हमला उस समय हुआ जब कंपनी अपने कोल्ड वॉलेट से हॉट वॉलेट में रेग्युलर ट्रांसफ़र कर रही थी. इस दौरान, हैकरों ने स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट लॉजिक में बदलाव कर वॉलेट पर कंट्रोल हासिल कर लिया.
ख़बर ये भी है कि Bybit ने यूज़र्स को आश्वस्त किया है कि उनके फ़ंड सुरक्षित हैं और कंपनी के पास काफ़ी रिज़र्व हैं.
ये एक और ऐसी घटना है जो क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाती है और इसके यूज़र्स को आगाह करती है कि क्रिप्टो की दुनिया में एक बड़ा फ़्रॉड लाखों-करोड़ों लोगों का पैसा हवा कर सकता है.
तो ये घटना फ़रवरी की है मगर बिटक्वाइन जनवरी से ही ढलान पर है. इसकी कई वजह हो सकती हैं.
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Bybit हैक: $1.5 बिलियन की सेंधमारी
सुरक्षा क्रिप्टो बाज़ार की सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है. Bybit एक्सचेंज पर हैकिंग से पहले भी निवेशकों के कई बार अरबों की वैल्यू के पैसे ग़ायब हो चुके हैं. हर बड़ी चोरी या घोटाले के बाद निवेशकों में घबराहट फैल जाती है.
अब तक का सबसे बड़ा क्रिप्टो घोटाला FTX एक्सचेंज का पतन था, जो नवंबर 2022 में हुआ. FTX उस समय दुनिया के प्रमुख क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों में से एक था और एक दिन अचानक दिवालिया हो गया, जिससे निवेशकों को अरबों डॉलर का नुक़सान हुआ. इस घटना ने क्रिप्टो बाज़ार में व्यापक अस्थिरता पैदा की.
FTX के बाद, Luna और TerraUSD जैसी करंसी का मई 2022 में पतन भी एक बड़ी घटना रही, जिसने निवेशकों के विश्वास को हिला दिया और क्रिप्टो मार्केट में भारी नुक़सान का कारण बनी.
वैसे बिटकॉइन की क़ीमतों में तेज़ उतार-चढ़ाव कोई नई बात नहीं है. इसके इतिहास में कई बार भारी उछाल और गिरावट देखी गई है. ये हालिया गिरावट भी इसी साइकिल का हिस्सा हो सकती है.
निवेशकों के लिए सबक़ क्या है?
क्रिप्टोक्यूरेंसी के उतार-चढ़ाव को देखते हुए, निवेशकों को ये समझने की जरूरत है कि हर निवेश में रिस्क होता है. बिटकॉइन की तरह गोल्ड, रियल एस्टेट और डायरेक्ट स्टॉक्स भी निवेश के दूसरे विकल्प हो सकते हैं. लेकिन इन सभी में या तो ऊंचा रिस्क, ज़्यादा लागत, या लंबी अवधि की कमिटमेंट की ज़रूरत होती है.
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म्यूचुअल फ़ंड क्यों बेहतर हैं?
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इनमें आपको
डाइवर्सिफ़िकेशन मिलता है.
निवेश केवल एक अस्थिर एसेट में नहीं, बल्कि अलग-अलग सेक्टरों में फैला होता है.
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रेग्युलेटरी सुरक्षा बहुत कड़ी है.
SEBI और RBI की निगरानी में म्युचुअल फ़ंड ज़्यादा सुरक्षित और पारदर्शी होते हैं.
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एक्सपर्ट मैनेजमेंट होता है
जिससे निवेशक को ख़ुद रिसर्च करने की ज़रूरत नहीं होती, क्योंकि अनुभवी फ़ंड मैनेजर मार्केट के उतार-चढ़ाव के मुताबिक़ आपके निवेश को सही जगह लगाते हैं.
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छोटे निवेश की सुविधा बड़ी बात है.
SIP के ज़रिए बेहद छोटे अमाउंट से भी शुरुआत की जा सकती है, जिससे कोई भी निवेश कर सकता है.
- हर ज़रूरत के लिए फ़ंड मौजूदा हैं इक्विटी, डेब्ट, हाइब्रिड, इंडेक्स फ़ंड—हर तरह की ज़रूरत और रिस्क सहने की क्षमता के अनुसार निवेश विकल्प उपलब्ध हैं.
बिटकॉइन की हालिया गिरावट उन निवेशकों के लिए चेतावनी है, जो सिर्फ़ ट्रेंड देखकर निवेश करते हैं. क्रिप्टो मार्केट में जोश और जोखिम दोनों हैं, लेकिन स्थायी और भरोसेमंद निवेश के लिए म्यूचुअल फ़ंड अभी भी सबसे सही विकल्प है.
भविष्य में बिटकॉइन ऊपर जाएगा या नीचे, ये कोई नहीं कह सकता. लेकिन अगर आप रातों की नींद ख़राब किए बिना अपने पैसे को बढ़ता देखना चाहते हैं, तो म्यूचुअल फ़ंड से बेहतर कुछ नहीं.
बिटकॉइन क्रैश पर 5 प्रमुख सवाल (FAQ)
1. बिटकॉइन की क़ीमत में इतनी गिरावट क्यों आई?
बिटकॉइन की कीमत Bybit हैक, आर्थिक अनिश्चितता, रेगुलेटरी दबाव और इसके अपने ऐतिहासिक ट्रेंड के कारण गिरी है.
2. क्या ये बिटकॉइन ख़रीदने का सही समय है?
बाज़ार की अस्थिरता को देखते हुए अभी शॉर्ट-टर्म में सतर्क रहना बेहतर होगा. लॉन्ग-टर्म निवेशक रिसर्च करके निर्णय लें.
3. क्रिप्टोक्यूरेंसी में निवेश कितना सुरक्षित है?
क्रिप्टो में बहुत ज़्यादा अस्थिरता और साइबर हमले का ख़तरा होता है. इसमें निवेश करना तभी सही है जब आप ऊंचा जोखिम सह सकते हैं.
4. म्यूचुअल फ़ंड और बिटकॉइन में क्या अंतर है?
म्यूचुअल फ़ंड्स एक्सपर्ट्स द्वारा मैनेज किए जाते हैं, कम जोखिम वाले होते हैं और रेग्युलेटेड होते हैं. बिटकॉइन अनरेग्युलेटेड और बेहद अस्थिर होता है.
5. क्या लॉन्ग-टर्म में बिटकॉइन एक अच्छा निवेश हो सकता है?
ये इस पर निर्भर करता है कि आप कितनी अस्थिरता सह सकते हैं. हो सकता है कि बिटकॉइन में आगे तेज़ी देखने को मिले, लेकिन इसमें बहुत ज़्यादा जोखिम भी जुड़ा हुआ है.
डिस्क्लेमर: ये लेख निवेश की सलाह नहीं है. इसका उद्देश्य केवल जानकारी देना और आपकी रिसर्च में मदद करना है. निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च ज़रूर से करें.
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