एन.एफ़.ओ. रिव्यू

Helios Midcap Fund NFO: क्या निवेश करना सही है?

हेलिओस मिडकैप फ़ंड, तुलनात्मक रूप से नए हेलिओस म्यूचुअल फ़ंड की चौथी इक्विटी स्कीम होगी

हेलिओस मिडकैप फंड एनएफओ: क्या आपको निवेश करना चाहिए?

भारत के एसेट मैनेजमेंट क्षेत्र में सबसे नई AMCs में से एक और अनुभवी निवेशक समीर अरोड़ा द्वारा समर्थित हेलिओस म्यूचुअल फ़ंड ने अपनी चौथी इक्विटी स्कीम- हेलिओस मिडकैप फ़ंड लॉन्च की है. इसका NFO 20 फ़रवरी, 2025 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया और 6 मार्च, 2025 तक खुला रहेगा.

हेलिओस मिडकैप फ़ंड NFO पर एक नज़र

NFO पीरियड 20 फ़रवरी से 6 मार्च, 2025
बेंचमार्क निफ़्टी मिडकैप 150 TRI
फ़ंड मैनेजर आलोक बहल और प्रतीक सिंह
एग्ज़िट लोड तीन महीने के भीतर 10% से ज़्यादा रिडेम्शन: लागू NAV का 1%
टैक्स ट्रीटमेंट यदि यूनिट एक वर्ष के भीतर बेची जाती हैं, तो कैपिटल गेन्स पर 20% टैक्स लगेगा. यदि यूनिट एक वर्ष के बाद बेची जाती हैं, तो कैपिटल गेन्स पर 12.5% टैक्स लगेगा. हालांकि, ₹1.25 लाख तक के फ़ायदे पर टैक्स नहीं लगेगा.

हेलिओस मिडकैप फ़ंड की निवेश रणनीति

स्कीम के अनुसार, हेलिओस मिडकैप फ़ंड स्टॉक चयन के लिए सख्त एलिमिनेशन-बेस्ड एप्रोच (elimination-based approach) का पालन करेगा. हर कंपनी का आकलन आठ प्रमुख फ़ैक्टर्स: कॉर्पोरेट गवर्नेंस, कैपिटल एलोकेशन, लीवरेज, कैश फ़्लो, लगाई गई पूंजी पर रिटर्न (ROCE), अर्निंग्स ग्रोथ, वैल्यूएशन और इंडस्ट्री स्ट्रक्चर पर किया जाता है. फिर उन्हें गुड, नॉट बैड या बैड के रूप में रेट किया जाता है.

टॉप छह फ़ैक्टर्स में से किसी पर 'बैड' रेटिंग तत्काल बाहर निकालने की ओर ले जाती है, जबकि अंतिम दो फ़ैक्टर्स पर 'बैड' रेटिंग विचार में देरी करती है. केवल सभी फ़ैक्टर्स पर 'गुड' या 'नॉट बैड' रेटिंग वाली कंपनियां ही निवेश के लिए योग्य हैं. ये अनुशासित रणनीति कमज़ोर कंपनियों को जल्दी से छानती है, जिससे बुनियादी रूप से मजबूत मिड-कैप स्टॉक का पोर्टफ़ोलियो सुनिश्चित होता है.

फ़ंड मैनेजर्स के बारे में

हेलिओस कैपिटल AMC में CIO आलोक बहल के पास 32 वर्षों का अनुभव है और 2005 में इसकी स्थापना के बाद से ही हेलिओस का अहम हिस्सा बने हुए हैं.

इंस्टीट्यूशन इक्विटी रिसर्च में आठ साल का अनुभव रखने वाले प्रतीक सिंह, इससे पहले मोतीलाल ओसवाल में कैपिटल गुड्स और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स को कवर कर चुके हैं. साथ में, वे हेलिओस फ़्लेक्सी कैप, फ़ाइनेंशियल सर्विसेज और लार्ज एंड मिड कैप फ़ंड्स का प्रबंधन करते हैं, जिसमें मिड-कैप फ़ंड को हाल में जोड़ा गया है.

ये भी पढ़िए- एक निवेशक ने फ़्रीलांसर के तौर पर कैसे बनाया अपना फ़ाइनेंशियल रोडमैप?

हेलिओस म्यूचुअल फ़ंड की दूसरी स्कीम्स

हेलिओस म्यूचुअल फ़ंड वर्तमान में पांच एक्टिव स्कीम्स का प्रबंधन करता है, जिनमें तीन इक्विटी ( हेलिओस फ़्लेक्सी कैप फ़ंड , हेलिओस लार्ज एंड मिड कैप फ़ंड और हेलिओस फ़ाइनेंशियल सर्विसेज ), एक डेट ( हेलिओस ओवरनाइट फ़ंड ) और एक हाइब्रिड ( हेलिओस बैलेंस्ड एडवांटेज फ़ंड ) शामिल हैं. इन स्कीम्स का कुल AUM ₹3,372 करोड़ है. ₹2,549 करोड़ के एसेट साइज़ के साथ हेलिओस फ़्लेक्सी कैप फ़ंड की इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी है, जो AMC की कुल एसेट्स का लगभग 76 फ़ीसदी है.

चूंकि, तीनों इक्विटी फ़ंड्स में से किसी ने भी बाज़ार में तीन साल पूरे नहीं किए हैं, इसलिए उनके लंबे समय के प्रदर्शन को अभी तक परखा नहीं गया है. हालांकि, उन्होंने कम समय में तुलनात्मक रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है.

जून 2024 में लॉन्च किए गए फ़ाइनेंशियल सर्विसेज फ़ंड ने -2.84 फ़ीसदी रिटर्न दिया है, जो उसकी स्थापना के बाद से कैटेगरी के -5.14 फ़ीसदी के औसत से बेहतर है. अक्तूबर 2024 में शुरू किए गए लार्ज एंड मिड कैप फ़ंड ने -8.20 फ़ीसदी रिटर्न दिया है, जो इसी अवधि के दौरान कैटेगरी के -9.66 फ़ीसदी के औसत से थोड़ा बेहतर है.

इसके अलावा, हेलिओस फ़्लेक्सी कैप फ़ंड के शुरुआती संकेत भी प्रभावशाली दिख रहे हैं. नवंबर 2023 में लॉन्च किए गए इस फ़ंड ने लचीलापन दिखाया है, अपसाइकल और वर्तमान में जारी डाउनसाइकल दोनों में अच्छा प्रदर्शन किया है.

टाइम पीरियड हेलिओस फ़्लेक्सी कैप (%) बेंचमार्क (%) कैटेगरी एवरेज (%)
नवंबर 23 से सितंबर 24 (बढ़त का दौर) 43.93 41.08 38.05
सितंबर 24 से फ़रवरी 25(गिरावट का दौर) -12.86 -15.25 -15.69
शुरुआत से 18.93 15.06 12.98

क्या आपको हेलिओस मिडकैप फ़ंड में निवेश करना चाहिए?

भले ही, समीर अरोड़ा सीधे तौर पर हेलिओस मिडकैप फ़ंड का प्रबंधन नहीं करते हैं, लेकिन AMC उनके नेतृत्व में काम करती है और उनकी इन्वेस्टमेंट फ़िलॉसफ़ी और विशेषज्ञता को फ़ॉलो करता है. भारतीय म्यूचुअल फ़ंड क्षेत्र में तुलनात्मक रूप से नया होने के बावजूद, हेलिओस म्यूचुअल फ़ंड को अरोड़ा के मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड से फ़ायदा मिलता है.

ये फ़ंड एक एलिमिनेशन बेस्ड एप्रोच को फ़ॉलो करता है, जो कमज़ोर कंपनियों को जल्दी से जल्दी बाहर निकालता है ताकि बुनियादी तौर पर मज़बूत मिड-कैप स्टॉक पर ध्यान केंद्रित किया जा सके. हालांकि, एक नए लॉन्च किए गए फ़ंड के रूप में, इसका लंबे समय के प्रदर्शन का इतिहास नहीं है, जिससे इसे जल्दबाजी में निवेश करने के बजाय देखने लायक बनाता है.

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