देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI का शेयर हाल में अपने 52 हफ़्ते के लो (निचले स्तर) पर पहुंच गया. SBI के शेयर में ये कमज़ोरी इसलिए भी अहम है कि फ़रवरी महीने के पहले हफ़्ते में उसने दिसंबर, 2024 में समाप्त तिमाही के शानदार नतीजे पेश किए और उसके बाद से शेयर में लगातार गिरावट जारी है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या शेयर ने अपना निचला स्तर छू लिया है या उसमें आगे भी गिरावट जारी रहेगी. हम यहां SBI के शेयर में निवेश की संभावनाओं और इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा कर रहे हैं, जिससे एक आम निवेशक के लिए निवेश का फ़ैसला लेना आसान हो सकता है.
SBI के शेयर का प्रदर्शन
NSE पर शेयर का 52 हफ़्ते का हाई ₹912 रहा है और वहां से शेयर लगभग 22 फ़ीसदी टूटकर ₹709 के स्तर (27 फ़रवरी, 2025) पर आ गया है, जो उसका 52 हफ़्ते का लो है. वहीं, पिछले एक महीने में शेयर लगभग 5 फ़ीसदी और 6 महीने में शेयर 13 फ़ीसदी टूट चुका है. हालांकि, लंबी अवधि की बात करें तो पिछले पांच साल में शेयर 135 फ़ीसदी का रिटर्न दे चुका है.
SBI के तिमाही नतीजे कैसे रहे?
SBI के फ़रवरी के पहले हफ़्ते में जारी नतीजों के मुताबिक़, अक्तूबर-दिसंबर, 2024 तिमाही के लिए बैंक का नेट प्रॉफ़िट 84% की बढ़ोतरी के साथ ₹16,891 करोड़ हो गया, जो बाज़ार के अनुमान से ज़्यादा रहा. एक साल पहले समान अवधि में सरकारी बैंक ने ₹9,164 करोड़ का नेट प्रॉफ़िट दर्ज किया था. वहीं, बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम एक साल पहले की अवधि की ₹39,816 करोड़ की तुलना में 4% बढ़कर ₹41,446 करोड़ हो गई.
हालांकि, बैंक का कर्मचारी ख़र्च 17% घटकर ₹16,074 करोड़ रह गया. SBI के घरेलू क़र्ज़ में साल-दर-साल क़रीब 14.06% की ग्रोथ हुई.
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SBI के स्टॉक को लेकर क्या करें निवेशक?
ऐसे में सवाल उठता है कि अच्छे नतीजों और दमदार फ़ंडामेंडल्स के बावजूद SBI की तेज़ी पर ब्रेक लगने या गिरावट की वजह क्या है? असल में, सरकारी बैंक के शेयर में गिरावट की वजह पूरे मार्केट के सेंटीमेंट का कमज़ोर होना माना जा रहा है. इसलिए, ज़्यादातर एक्सपर्ट इस सरकारी बैंक के शेयर पर बुलिश नज़र आ रहे हैं.
हालांकि, SBI (State Bank of India) के टेक्निकल पहलुओं पर ग़ौर करें तो शेयर 50-दिन और 200-दिन के मूविंग एवरेज से नीचे कारोबार कर रहा है.
इससे पता चलता है कि अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं तो शेयर में धीरे-धीरे ख़रीदारी कर सकते हैं. हालांकि, ध्यान रहे कि मार्केट सेंटीमेंट कमज़ोर होने के चलते अभी कुछ समय तक गिरावट जारी रह सकती है.
SBI पर वैल्यू रिसर्च की रेटिंग
धनक वैल्यू रिसर्च पर SBI को 5 स्टार रेटिंग दी गई है. निवेश के दूसरे मौक़े देखने के लिए हमारे स्टॉक स्क्रीनर पर ग़ौर कर सकते हैं.
- क्वालिटी स्कोर- 6/10
- ग्रोथ स्कोर- 8/10
- वैल्यूएशन स्कोर- 7/10
- मोमेंटम स्कोर- 5/10
कुल मिलाकर, 5 स्टार रेटिंग के साथ शेयर ग्रोथ और वैल्यूएशन के लिहाज़ से बेहद आकर्षक नज़र आता है.
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SBI के शेयर से जुड़ी 5 पॉज़िटिव बातें
1. सबसे बड़ा सरकारी बैंक: SBI भारत का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है, जिसका एक मज़बूत ग्राहक बेस और बड़ा ब्रांच नेटवर्क है. ये वित्तीय रूप से स्थिर है और बाज़ार में मज़बूत स्थिति में है.
2. विकसित डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर: SBI ने अपनी डिजिटल सेवाओं में बड़े सुधार किए हैं, जिससे इसके ग्राहकों को ऑनलाइन बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और डिजिटल पेमेंट सेवाओं का लाभ मिलता है. ये बैंकिंग क्षेत्र में बढ़ती मांग को पूरा करने में इसे सक्षम बनाता है.
3. दमदार वित्तीय प्रदर्शन: SBI ने लगातार अपने नतीजों में सुधार किया है और उसकी बैलेंस शीट मजबूत है. इससे निवेशकों को उम्मीद रहती है कि ये भविष्य में अच्छा लाभ देगा.
4. सरकारी समर्थन: SBI को सरकारी समर्थन प्राप्त है, जो इसे आर्थिक संकटों और अन्य वित्तीय चुनौतियों के समय में सुरक्षा प्रदान करता है.
5. बढ़ती लोन बुक: ख़ासकर रिटेल और SME (Small and Medium Enterprises) सेगमेंट में SBI का लोन पोर्टफ़ोलियो लगातार बढ़ रहा है. इससे बैंक के भविष्य में ज़्यादा आमदनी और ग्रोथ की संभावना बनी हुई है.
SBI के शेयर से जुड़ी पांच निगेटिव बातें
1. बाज़ार के बदले हालात: वैश्विक और घरेलू आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण SBI के मुनाफ़े पर नकारात्मक असर पड़ सकता है.
2. नॉन-परफ़ॉर्मिंग एसेट्स (NPA): SBI को एनपीए (नॉन-परफ़ॉर्मिंग एसेट्स) की समस्या का सामना करना पड़ता है. भले ही दिसंबर तिमाही में उसका ग्रॉस NPA कम हुआ है, लेकिन फिर भी ये 2 फ़ीसदी से ऊपर बना हुआ है.
3. सरकारी नीतियां: SBI एक सरकारी बैंक है, और सरकारी नीतियां और फ़ैसले बैंक के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं. कभी-कभी सरकारी हस्तक्षेप से बैंक को नुक़सान हो सकता है या उसकी कार्यक्षमता सीमित हो सकती है.
4. प्रतिस्पर्धा: बैंकिंग सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा से SBI के लिए मुनाफ़े और मार्केट शेयर में गिरावट हो सकती है. प्राइवेट बैंक और फ़िनटेक कंपनियां SBI के लिए एक चुनौती बन सकती हैं.
5. रेग्युलेटरी रिस्क: बैंकिंग सेक्टर में बढ़ते नियामकीय दबाव और बदलाव SBI के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं. किसी तरह की नई नीतियां लागू होने की स्थिति में बैंक को अपनी रणनीतियों में बदलाव करना पड़ सकता है, जो अनिश्चितता का कारण बन सकता है.
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एसबीआई (SBI) शेयर से जुड़े 5 सामान्य प्रश्न (FAQs)
1. SBI शेयर का मौजूदा मूल्य क्या है?
SBI के शेयर का वर्तमान मूल्य स्टॉक एक्सचेंज (NSE/BSE) पर निर्भर करता है. आप इसे किसी भी वित्तीय वेबसाइट या ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म पर देख सकते हैं.
2. क्या SBI शेयर में निवेश करना सुरक्षित है?
SBI भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है, इसलिए इसे एक स्थिर निवेश माना जाता है. हालांकि, शेयर बाजार में निवेश हमेशा जोखिम भरा होता है.
3. SBI शेयर का भविष्य कैसा है?
SBI शेयर का भविष्य कई फ़ैक्टर पर निर्भर करता है, जैसे कि भारतीय अर्थव्यवस्था, बैंकिंग क्षेत्र और कंपनी का प्रदर्शन. विशेषज्ञों की राय अलग-अलग हो सकती है, इसलिए अपनी ख़ुद की रिसर्च करना ज़रूरी है.
4. मैं SBI शेयर कैसे ख़रीद सकता हूं?
SBI शेयर ख़रीदने के लिए, आपको एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होगा. आप किसी भी रजिस्टर्ड ब्रोकरेज फर्म के ज़रिए ये खाता खोल सकते हैं.
5. SBI शेयर के लिए डिविडेंड पॉलिसी क्या है?
SBI समय-समय पर अपने शेयरधारकों को डिविडेंड देता है. डिविडेंड की रक़म कंपनी के प्रदर्शन और निदेशक मंडल के निर्णय पर निर्भर करती है. आप SBI की वेबसाइट या ख़बरों में इसकी जानकारी ले सकते हैं.
डिस्क्लेमर: ये लेख निवेश की सलाह नहीं है. इसका उद्देश्य केवल जानकारी देना और आपकी रिसर्च में मदद करना है. निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च ज़रूर से करें.
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