मार्केट में उतार-चढ़ाव के बीच, कई निवेशकों ने अपनी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को रोक दिया है. एसोसिएशन ऑफ़ म्यूचुअल फ़ंड्स इन इंडिया (AMFI) के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक़, SIP स्टॉपेज रेशियो 109% तक पहुंच गया है. ये चिंता की बात है, लेकिन मैं अपनी SIP जारी रखने के लिए डटा हुआ हूं. आइए इस पर बात करते हैं कि क्यों ऐसा करना ज़्यादा सही रहेगा.
SIP स्टॉपेज बढ़ने की वजह
मार्केट गिरने के दौरान, निवेशकों में डर का माहौल बन जाता है. लगता है जैसे निवेश किया पैसा तेज़ी से कम होता जा रहा है और आगे ज़्यादा कम होता जाएगा. इसलिए काफ़ी बड़ी तादाद में लोग अपनी SIP को रोक देते हैं. आतमौर पर तो ऐसा तब भी होता है जब लोगों को अचानक पैसों की ज़रूरत पड़ जाए. मगर जो बात चिंता की है वो ये कि बहुत से फ़ंड में निवेश करने वाले लंबे अर्से के निवेश की अहमियत नहीं समझते और मार्केट की उठा-पटक से प्रभावित होकर भावनात्मक फ़ैसले कर बैठते हैं.
AMFI के आंकड़ों के अनुसार, SIP में निवेश करने वाले निवेशकों की संख्या लगातार बढ़ रही है. हालांकि, मार्केट में गिरावट के दौरान, SIP स्टॉपेज की दर भी बढ़ती है. जनवरी 2025 में SIP बंद करने वालों की संख्या 61.33 लाख दर्ज की गई है जो कि दिसंबर में 44.90 लाख की तुलना में ज़्यादा है.
जनवरी 2025 में SIP स्टॉपेज रेशियो में बढ़ोतरी देखने को मिली है. SIP बंद करने वाले लोगों की संख्या में 82.73% की बढ़ोतरी हुई है, जो बीते सालों की तुलना में सबसे ज़्यादा है. मगर लंबी अवधि के निवेशकों को मार्केट के उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होना चाहिए और अपनी SIP को जारी रखना चाहिए. अब लाख टके का सवाल है कि...
मैं अपनी SIP जारी रखने की बात क्यों कह रहा हूं?
1. रुपया-लागत औसत (Rupee-Cost Averaging): देखिए हर किसी की तरह, जब मार्केट गिरता है, तो दिल थोड़ा डरता ही है. लगता है, कहीं सारा पैसा डूब न जाए. लेकिन यहीं पर SIP का असली जादू काम करता है. जब मार्केट नीचे होता है, तो मेरी हर महीने की SIP मुझे ज़्यादा यूनिट्स दिलाती है. और जब मार्केट ऊपर जाता है, तो कम. इस तरह, मैं मार्केट के उतार-चढ़ाव का फ़ायदा पाता हूं और मेरी औसत ख़रीद का ख़र्च या लागत कम हो जाती है. ये ठीक वैसा ही है जैसे आप किसी सेल में चीजें ख़रीदते हैं - कम क़ीमत पर ज़्यादा सामान!
2. कंपाउंडिंग की ताक़त (Power of Compounding): सुना तो था कि कंपाउंडिंग पैसे को कई गुना बढ़ा देती है, लेकिन SIP लंबे समय तक करते रहने का अनुभव ही इसका असली मतलब समझाता है. अपनी बात करूं तो मेरी हर महीने की थोड़ी-थोड़ी बचत, समय के साथ बड़ी होती दिख रही है. ये बिलकुल वैसा ही है जैसे एक छोटा पौधा धीरे-धीरे एक बड़ा पेड़ बनता है. कभी कुछ धीमा तो कभी तेज़ी से कुछ पैसे मार्केट की चाल पर जुड़ना या कम हो जाना एक बात है पर लंबे समय में देखता हूं तो समझ में आता है कि ये बढ़ ही रहे हैं और कंपाउंडिंग भी अपना काम कर रही है.
3. अनुशासित निवेश (Disciplined Investing): इसे मानने में कोई बुराई नहीं कि कभी-कभी मार्केट के शोर हर किसी में घबराहट जगा ही जाता है. लेकिन अनुशासित निवेश ही सही है. जब हमें पता है कि हमें हर महीने एक तय पैसा अपने फ़ंड में निवेश करना है, तो चाहे कुछ भी हो जाए करते रहते हैं. ये बिलकुल वैसे ही है जैसे आप हर दिन कसरत करते हैं - शुरू में तमाम दर्द होते हैं, नतीजा नज़र नहीं आता, लेकिन बाद में आदत बन जाती है. और यही आदत अच्छी भी लगने लगती है और एक समय के बाद आपको नतीजे दिखने लगते हैं.
ये भी पढ़िए- स्मार्ट SIP क्या है? जानिए इससे जुड़ी हर बात
4. लंबी अवधि के लक्ष्यों की प्राप्ति (Long-Term Goal Achievement): बच्चों की अच्छी शिक्षा और एक आरामदायक रिटायरमेंट जैसी अहम बातें रातोंरात पूरी नहीं हो सकती. लेकिन हमें ये भी याद रखना चाहिए कि अपनी SIP के साथ हम धीरे-धीरे इन सपनों की ओर बढ़ रहे हैं. ये बिलकुल वैसा ही है जैसे आप किसी लंबी यात्रा पर निकलते हैं तो हर एक क़दम मंजिल के पास ले जाता है.
5. मार्केट का सामान्य व्यवहार (Market's Normal Behavior):
मार्केट में उतार-चढ़ाव तो लगा ही रहता है, और ये मार्केट ही नहीं ज़िंदगी का भी नियम है. लेकिन ये भी याद रखना ही चाहिए कि लंबे समय में, मार्केट हमेशा ऊपर की ओर ही गया है. इसलिए, मार्केट के छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव से घबराना कैसा. धैर्य और अनुशासन अंत में काम के साबित होते ही हैं.
SIP मैराथन है, स्प्रिंट नहीं
हमें लंबी दूरी तय करनी है, और इसके लिए सही रणनीति और नज़रिया बेहद ज़रूरी है. तो चलिए, आज हम मिलकर कुछ ऐसी बातें समझते हैं, जो हमारे निवेश में मदद करेंगी.
- अपनी रिस्क सहने की क्षमता का आकलन करें: सबसे पहले, ख़ुद से पूछिए, आप कितना रिस्क ले सकते हैं? क्या आप दिल थाम कर बैठ सकते हैं जब मार्केट गिरे? या आप घबरा जाएंगे? अपनी क्षमता के अनुसार ही निवेश करें, ताकि रात को चैन की नींद आ सके.
- फ़ाइनेंशियल एडवाइज़र से सलाह लें: अगर आपको लगे कि आप अकेले नहीं समझ पा रहे हैं, तो किसी जानकार से मदद लें. जैसे हम डॉक्टर के पास जाते हैं जब तबीयत ख़राब होती है, वैसे ही फ़ाइनेंशियल एडवाइज़र आपको सही रास्ता दिखा सकते हैं.
- डाइवर्सिफ़िकेशन: एक ही टोकरी में सारे अंडे मत रखिए. अपने पैसे को अलग-अलग जगह लगाइए, जैसे शेयर, म्यूचुअल फ़ंड, सोना. इससे अगर एक जगह नुक़सान हो, तो दूसरी जगह से भरपाई हो जाएगी.
- लॉन्ग-टर्म का नज़रिया: निवेश एक दिन या एक महीने का खेल नहीं है. इसे लंबा सोचिए, जैसे कि आप अपने बच्चों के भविष्य के लिए बचा रहे हैं. मार्केट में उतार-चढ़ाव तो आते रहेंगे, लेकिन अंत में, धैर्य ही काम आएगा.
- रीबैलेंसिंग: समय-समय पर अपने पोर्टफ़ोलियो को देखिए और समझिए. अगर कुछ ग़लत हो रहा है, तो उसे ठीक कीजिए. जैसे हम घर की सफ़ाई करते हैं, वैसे ही अपने निवेश की भी सफ़ाई करते रहिए.
ये भी पढ़िए- क्या मिड-कैप फ़ंड अच्छा लार्ज-कैप एक्सपोज़र दे सकते हैं?
जाते-जाते
"निवेश का सबसे मुश्किल हिस्सा इंतज़ार करना है," ये बात वारेन बफ़े ने कहा है और ये SIP निवेशकों के लिए ख़ासतौर से प्रासंगिक है.
मार्केट में उतार-चढ़ाव के बावजूद, SIP लंबी अवधि के निवेशकों के लिए एक बेहतरीन निवेश विकल्प है. रुपया-लागत औसत और कंपाउंडिंग की ताक़त हमें लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न पाने में मदद करती है.
और हां, निवेश के सफ़र में आपकी मदद के लिए वैल्यू रिसर्च धनक हमेशा आपके साथ है. हमारे वेबसाइट पर आपको म्यूचुअल फ़ंड, स्टॉक और दूसरे निवेश विकल्पों पर विस्तृत जानकारी मिलेगी. आप हमारे टूल्स और कैलकुलेटर का इस्तेमाल करके अपने निवेश पोर्टफ़ोलियो को बहुत बेहतर ढंग से और आसानी से मैनेज कर सकते हैं.
- म्यूचुअल फ़ंड रिसर्च: हमारे म्यूचुअल फ़ंड रिसर्च टूल्स आपको बेस्ट म्यूचुअल फ़ंड चुनने में मदद करेंगे.
- स्टॉक एनालिसिस: हमारे स्टॉक स्क्रीनर और एनालिसिस टूल्स आपको बेहतर स्टॉक चुनने में मदद करेंगे.
- पोर्टफ़ोलियो ट्रैकिंग: हमारे पोर्टफ़ोलियो ट्रैकिंग टूल्स आपको अपने निवेश की निगरानी करने में मदद करेंगे.
- वैल्यू रिसर्च फ़ंड एडवाइज़र: ये प्रीमियम सर्विस आपके पूरे फ़ंड इन्वेस्टमेंट को दूसरे स्तर पर ले जा सकती है.
याद रखिए, सही जानकारी और टूल्स के साथ, आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को आसानी से पा सकते हैं. तो आज ही वैल्यू रिसर्च धनक के साथ जुड़िए और अपने निवेश को सही दिशा दीजिए.
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. SIP स्टॉपेज क्या है?
SIP स्टॉपेज का मतलब है कि निवेशक ने अपनी SIP को बंद कर दिया है.
2. SIP स्टॉपेज की दर क्यों बढ़ रही है?
मार्केट में गिरावट और निवेशकों में डर के कारण SIP स्टॉपेज का रेट बढ़ रहा है.
3. क्या मुझे अपनी SIP को रोक देना चाहिए?
नहीं, लंबी अवधि के निवेशकों को अपनी SIP जारी रखनी चाहिए.
4. SIP में निवेश करने का सबसे अच्छा समय क्या है?
SIP में निवेश करने का सबसे अच्छा समय कल था और दूसरा सबसे अच्छा समय आज है.
5. मैं अपनी SIP को कैसे जारी रख सकता हूं?
पैसों के लेकर अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें और मार्केट के उतार-चढ़ाव से प्रभावित न हों.
ये भी पढ़िए- एक निवेशक ने फ़्रीलांसर के तौर पर कैसे बनाया अपना फ़ाइनेंशियल रोडमैप?
ये लेख पहली बार फ़रवरी 26, 2025 को पब्लिश हुआ.