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भारतीय म्यूचुअल फ़ंड इंडस्ट्री में एक अजीबोगरीब रीत चल पड़ी है, जो पैसिव इन्वेस्टिंग के कॉन्सेप्ट को ही उलट देती है. फ़ंड हाउस ने सेबी के रेग्युलेटरी फ़्रेमवर्क में एक मज़े की ख़ामी खोज ली है और उसका पूरे ज़ोर शोर से फ़ायदा उठा रहे हैं.
सेबी ने समझदारी से AMC को हरेक कैटेगरी में केवल एक एक्टिवली मैनेज्ड फ़ंड लॉन्च करने की सीमा तय कर दी है. ये लगभग एक जैसे कई प्रोडक्ट्स बेचने से रोकने के लिए है और इसका मक़सद निवेशकों के भ्रम को कम करना है. एक लार्ज-कैप फ़ंड, एक मिड-कैप फ़ंड और इसी तरह-एक सीधी अप्रोच जो सभी को फ़ायदा पहुंचाती है. सिवाय इसके कि इसमें एक पेंच है. ये सीमा पैसिव फ़ंड्स पर लागू नहीं होती है. अगर कोई इंडेक्स है, तो उसके आधार पर एक फ़ंड लॉन्च किया जा सकता है. और यहीं वो मौक़ा मिलता है जिसका फ़ंड हाउस फ़ायदा उठाते हैं-कस्टम इंडेक्स कमीशन करो और उन्हें ट्रैक करने वाले 'पैसिव' फ़ंड लॉन्च करो.
नतीजा? इंडेक्स का बेतुका मल्टीप्लिकेशन. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज अब कम से कम 120 इक्विटी इंडेक्स देता है, जबकि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में कम से कम 64 हैं. हालांकि सभी ख़ासतौर से फ़ंड हाउस के लिए नहीं बनाए गए हैं, लेकिन वे AMC के लिए आसानी से उपलब्ध हैं. अब हमारे पास "Alpha Quality Value Low Volatility 30", "EV & New Age Automotive", "ESG", "Enhanced ESG" और मेरा अपना पसंदीदा, "ESG सेक्टर लीडर्स" जैसे नामों वाले इंडेक्स हैं! ये इनोवेशन नहीं है; ये पसंद के भेस में छिपी हुई अराजकता है.
आइए साफ़-साफ़ समझते हैं कि क्या हो रहा है. ये कॉन्सेप्ट की भावना में असली पैसिव फ़ंड नहीं हैं. सच्चा पैसिव निवेश सरलता की बात है - इसका काम है बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश किए बिना पूरे मार्केट रिटर्न को कैप्चर करना. जब आप निफ़्टी इंडेक्स फ़ंड या सेंसेक्स फ़ंड में निवेश करते हैं, तो आप मार्केट ख़रीदते हैं, इस पर कोई ख़ास दांव नहीं लगाते कि कौन सा सेगमेंट बेहतर प्रदर्शन करेगा. हालांकि, इन नए जमाने के 'पैसिव' फ़ंड्स के लिए निवेशकों से बहुत एक्टिव फ़ैसले लेने की ज़रूरत होती है. क्या आपको बैंकिंग इंडेक्स फ़ंड या हेल्थकेयर में निवेश करना चाहिए? ESG इंडेक्स या मोमेंटम इंडेक्स में? अचानक, आप ठीक उसी तरह के एलोकेशन के फ़ैसले ले रहे हैं, जिससे आप पहले म्यूचुअल फ़ंड चुनकर बचने की कोशिश कर रहे थे.
म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करने का पूरा मक़सद इन फ़ैसलों को पेशेवरों लोगों के हवाले करना है. आप फ़ंड मैनेजर को ये तय करने के लिए पैसे दे रहे हैं कि कौन से सेक्टर आकर्षक हैं, किन थीम में संभावना है और कौन से स्टॉक अच्छी वैल्यू वाले हैं. जब आप एक थीमैटिक 'पैसिव' फ़ंड चुनते हैं, तो आप प्रभावी रूप से उस ज़िम्मेदारी को वापस अपने ऊपर ले रहे हैं जबकि अभी भी पेशेवर मैनेजमेंट के लिए पैसे भर रहे हैं. ये याद रखने वाली बात है कि पैसिव इन्वेस्टिंग ने पहले-पहल लोकप्रियता क्यों हासिल की. रिसर्च से पता चलता है कि ज़्यादातर एक्टिव प्रबंधक लंबी अवधि में व्यापक मार्केट इंडेक्स को मात देने में विफल रहते हैं. हालांकि, इसका समाधान सैकड़ों और छोटे-छोटे इंडेक्स बनाना नहीं था, बल्कि व्यापक मार्केट को सस्ते में ट्रैक करना था.
हम छिपे हुए रूप में एक्टिव मैनेजमेंट देख रहे हैं- फ़ंड हाउस ऐसे ख़ास इंडेक्स बनाते हैं जो किसी ख़ास निवेश के नज़रिए को दिखाते हैं, फिर उनके प्रोडक्ट को 'पैसिव' के रूप में लेबल करते हैं. इससे उन्हें दो फ़ायदे मिलते हैं: वे प्रतिबंधित कैटेगरी में कई फ़ंड लॉन्च कर सकते हैं और नए फ़ंड को बढ़ावा दे सकते हैं (जिन्हें मौजूदा फ़ंड्स की तुलना में बेचना हमेशा आसान होता है).
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हालांकि, निवेशकों के लिए इसके नतीजे कम फ़ायदेमंद हैं. इन नकली-पैसिव फ़ंड्स के फ़ैलने से निवेश विकल्पों की भारी भरकम फ़ौज खड़ी हो जाती है. ये सेक्टर और थीमैटिक एलोकेशन का बोझ सीधे आपके कंधों पर डालता है - एक ऐसा काम जिसके लिए विशेषज्ञता, समय और बाज़ार की गहरी समझ की ज़रूरत होती है. इसके अलावा, ये संकरे तौर पर फ़ोकस्ड इंडेक्स फ़ंड अक्सर वास्तविक व्यापक-मार्केट इंडेक्स फ़ंड्स की तुलना में ऊंचा एक्सपेंस रेशियो रखते हैं, जो पैसिव इन्वेस्टिंग के बड़े फ़ायदों में से एक - कम लागत को ख़त्म कर देते हैं.
इसका समाधान क्या है? आइए, पहले सिद्धांतों पर वापस लौटें. अगर आप पैसिव इन्वेस्टिंग चुनते हैं, तो इसकी असली फ़िलॉसफ़ी को अपनाएं: व्यापक मार्केट एक्सपोज़र, कम से कम ख़र्च और सरलता. एक या दो व्यापक-मार्केट इंडेक्स फ़ंड्स को जोड़ना ज़्यादातर निवेशकों को संकरे थीमैटिक फ़ंड्स के कलेक्शन के मुक़ाबले में बेहतर रहेगा. अगर आप किसी ख़ास सेक्टर या थीम में निवेश करना चाहते हैं, तो सोचें कि क्या एक अच्छी तरह से मैनेज्ड, डाइवर्स एक्टिव फ़ंड उस मक़सद को बेहतर ढंग से पूरा करता है. कम से कम तब, आप स्पष्ट रूप से मार्केट की स्थितियों में बदलाव के अनुसार एलोकेशन को बदलने के लिए प्रबंधक की विशेषज्ञता के लिए पैसे दे रहे हैं.
निवेश में, जीवन के कई क्षेत्रों की तरह, सरलता अक्सर जटिलता पर भारी पड़ती है. जब 'पैसिव' इतना एक्टिव हो जाता है, तो ये समय पीछे हटने और ये सवाल करने का है कि हम असल में किस चीज़ के लिए पैसे दे रहे हैं.
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